बकरियों के बच्चों (मेमनों) का आहार प्रबंधन [अक्टूबर 2023]

बकरियों के बच्चों का आहार प्रबंधन: बकरियों के बच्चों के आहार में हरा चारा, सूखा चारा और अनाज लगभग 15, 65 और 20 प्रतिशत होना चाहिए। प्रत्येक आयु की बकरियों को अलग-अलग समय पर हरे चारे, सूखे चारे और अनाज की आवश्यकता होती है। तीन महीने की उम्र तक के नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध आदर्श भोजन है, जो उनकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करता है।

bakriyon ke bacchon (memanon) ka Aahar prabandhan

आज हम आपको आर्टिकल में बकरियों के बच्चों (मेमनों) का आहार प्रबंधन के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। जिससे आप बकरी पालन में बकरियों के बच्चों की अच्छी तरह से देखभाल कर सकते हैं और मेमनों को मरने से भी बचा सकते हैं। इससे बकरी पालन में बकरियों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ेगी और बकरी पालन व्यवसाय में बहुत लाभ मिलेगा।

बकरियों के बच्चों (मेमनों) का आहार प्रबंधन

अगर आप बकरी पालन करते हैं और अपने बकरी पालन में बकरियों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं तो आपको बकरियों के बच्चों (मेमनों) की अच्छी तरह से देखभाल करनी होगी। मेमनों की देखभाल में आपको उनके खाने-पीने पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। जिससे हर एक मेमना तंदुरुस्त और वजनदार बने।

जन्म से 3 महीने तक के बकरी के बच्चों का आहार

जब बकरी बच्चे को जन्म देती है तो उसके 1 या 2 घंटे के अंदर ही मां का दूध या खीस पिलाई। क्योंकि बकरी के बच्चे को जो पहला दूध या खीस मिलता है उसमें प्रोटीन, विटामिन और खनिज की भरपूर मात्रा होती है।

जिससे मेमनों में बीमारियां होने की संभावना बहुत कम होती है। मेमनों को जन्म से लेकर 7 दिनों तक बकरी के साथ रखकर उसे भरपूर मात्रा में दूध पिलायें।

Janm se 3 mahine tak ke memanon ke aahar

7 दिनों के बाद मेमनों को बकरी से अलग कर दें और दिन में केवल 2 से 3 बार ही दूध पिलाई। इसके अलावा जब बकरी का बच्चा 7 दिन का हो जाता है तो उसे दाना देना कर दे। जिसे क्रीप या स्टार्टर आहार कहते हैं।

क्रीप या स्टार्टर दाना बनाने का फार्मूला-

क्रमशःसामग्रीप्रतिशत मात्रा
1मक्का (पिसी हुई)30 से 40 प्रतिशत
2मूंगफली की खली25 से 35 प्रतिशत
3गेहूं का चोकर15 से 20 प्रतिशत
4मछली चूर्ण10 प्रतिशत
5फिश मील या शीरा10 प्रतिशत
6खनिज लवण2 से 2.5 प्रतिशत
7नमक0.5 से 1 प्रतिशत

ऊपर बताई गई सामग्री को आप मार्केट से जाकर खरीद ले। फिर घर आकर उस सामग्री का दर्रा बना ले, दर्रा बनाने के बाद उचित मात्रा में आपस में मिला दें। अब क्रीप या स्टार्टर दाना बनकर तैयार हो गया।

आपको क्रीप या स्टार्टर दाना मार्केट में भी मिल सकता है लेकिन मार्केट से यह दाना नहीं खरीदना है। इसके दो कारण हैं पहला- मार्केट में क्रीप या स्टार्टर दाना बहुत महंगा मिलता है और दूसरा- मार्केट से खरीदा गया दाना ज्यादा मात्रा में हो सकता है जो बकरी के बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता हूं।

मार्केट से सामग्री खरीदते समय आपको एक बात का विशेष ध्यान रखना है कि सामग्री पुराना या फफूंदी लगा न हो।

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4 से 6 महीने तक के बकरी के बच्चों का आहार

4 se 6 mahine tak ke memanon ke aahar

जब बकरी के बच्चे या मेमने 3 से 4 महीने के हो जाते हैं तो उनका एकदम से दूध छुड़वाना सर्वाधिक लाभप्रद होता है क्योंकि इस आयु में बकरी के बच्चे प्रतिदिन 200 से 250 ग्राम दाना खाने लगते हैं और बच्चों के वजन में अधिक वृद्धि होती है।

इसके अलावा जब बकरी का बच्चा 4 से 6 महीने का हो जाता है तो उस बच्चे को हरे चारे में या दलहनी चारे में बरसीम, रिजका, मसूर, मूंग और अरहर आदि की पत्तियां देनी चाहिए। जिससे बच्चे को प्रोटीन की भरपूर मात्रा मिले।

यदि आपके पास यह चारा उपलब्ध ना हो, तो आप बच्चों की प्रोटीन की पूर्ति करने के लिए दाना भी दे सकती हैं।

4 से 6 महीने के मेमनों को जो दाना दिया जाता है उस दाने को वृद्धि आहार कहा जाता है।

वृद्धि आहार की सामग्री और मात्रा-

क्रमशःसामग्रीप्रतिशत मात्रा
1चना या मसूर15 से 40 प्रतिशत
2दाल चुनी30 से 35 प्रतिशत
3गेहूं का चोकर20 से 30 प्रतिशत
4मूंगफली की खली20 से 25 प्रतिशत
5खनिज लवण2 से 2.5 प्रतिशत
6नमक1 प्रतिशत

बकरी के बच्चों को दाना उसके वजन के हिसाब से देना चाहिए। जैसे एक बकरी के बच्चे को 1 महीने में दाने की जरूरत 1 से 1.5 किलोग्राम होती है।

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7 से 10 महीने तक की बकरी का आहार

7 se 10 mahine tak ke memanon ke aahar

इस उम्र में बकरी के बच्चे मांस के लिए बेचने लायक हो जाते हैं। इसलिए इस समय बच्चों को ऐसा आहार या चारा देना चाहिए जिससे बकरी के वजन में ज्यादा वृद्धि हो। इससे मार्केट में बकरियों की कीमत अच्छी मिलती है।

इस समय जो दाना खिलाया जाता है उस दाने को फीनिसर दाना कहा जाता है यह दाना खिलाने से बकरी के शरीर के वजन में एक तिहाई वृद्धि हो सकती हैं। इस समय एक बकरी को 1 महीने में दाने की जरूरत 1.5 से 3 किलोग्राम होती है। बकरी या बकरों को आवश्यकतानुसार ही दाना खिलाए, क्योंकि ज्यादा खिलाने से बकरी का पेट खराब होने की संभावना रहती है।

फीनिसर दाना तैयार करने की सामग्री-

क्रमशःसामग्रीप्रतिशत मात्रा
1मकई का दर्रा30 से 40 प्रतिशत
2गेहूं का चोकर30 से 35 प्रतिशत
3मूंगफली की खली15 से 20 प्रतिशत
4सरसों की खली15 से 20 प्रतिशत
5खनिज लवण1.5 से 2 प्रतिशत
6नमक1 से1.5 प्रतिशत

अनाथ बकरी के बच्चों की आहार व्यवस्था

कुछ बकरियां बच्चों को जन्म देने के तुरंत बाद किसी कारणवश मर जाती है। ऐसे अनाथ बकरी के बच्चों को उन बकरियों का दूध पिलाना चाहिए जिनके बच्चे मर चुके हो या फिर पर्याप्त दूध देने योग्य हो।

ज्यादातर फ्रांस के बकरी पालक कुछ बकरियों का खीस या दूध संग्रह करके रख लेते हैं और जरूरत पड़ने पर अनाथ बकरी के बच्चों को पिला देते हैं। ताकि उन बच्चों को भी बीमारियों से लड़ने के लिए शक्ति मिल सके।

अनाथ बकरी के बच्चों को गाय का दूध हल्का गर्म करके पिलाया जा सकता है। शुरुआत में 100 Ml दूध 3 से 4 घंटे के अंतराल पर पिलायें। दूध पिलाने से पहले हाथ और बर्तनों को अच्छी तरह से साफ कर लें।

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 निष्कर्ष/ Conclusion

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बकरियों के बच्चों (मेमनों) का आहार प्रबंधन इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी है।

आप हमें कमेंट करके बताएं कि आप बकरी के बच्चों को इस प्रकार का आहार देते हैं और उन बच्चों को कितना दूध पिलाते हैं।

अगर हमारे इस आर्टिकल में आपकी कोई राय है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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