बकरी पालन कैसे करें?, बकरी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें?

Got Farming in Hindi: भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर घर पर ही बकरी पालन का व्यवसाय किया जाता है घर पर बकरी पालन करने से पहले आपको घर में बकरियों के लिए जगह बना लेनी है अगर आपके घर में ज्यादा जगह है। तो आप बकरियों की जगह ज्यादा बना सकते हैं यदि आपके घर में जगह की कमी है तो आप बकरियों को अपने घर के आंगन में भी पाल सकते हैं।

या फिर अपनी घर की छत ऊपर आसानी से बकरी पालन कर सकते हैं इसके अलावा आप अपने घर के सामने एक छोटी सी झोपड़ी बनाकर उसमें भी बकरी पालन शुरू कर सकते हैं।

बकरियों के बाड़े में आपको सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा इसके अलावा आपको समय पर चारा देना होगा और समय पर पानी पिलाना होगा घर पर बकरी पालना बहुत अच्छी बात है क्योंकि आपको बकरियों की देखभाल करने में बहुत आसानी होती है जैसे-जैसे बकरियों की संख्या बढ़ती जाती है वैसे वैसे आपको बकरियों की जगह भी बढ़ानी होगी कम लागत में भी घर पर बकरी पालन कर सकते हैं।

घर पर बकरी पालन करना कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाला व्यवसाय है घर पर बकरी पालना एक अच्छा बिजनेस है जिससे आपको बड़ा मुनाफा हो सकता है।

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Bakri Palan Kaise Kare?, (Bakri Palan in Hindi)

भारत के ग्रामीण लोग अपने घरों और खेतों में बकरियां रखते हैं तथा उनकी देखभाल करते हैं और उन्हें समय-समय पर चारा तथा पानी देते हैं रुपए की कमी होने पर वह एक से दो बकरियों को बेच देते हैं जिससे उनकी आवश्यकता पूरी हो जाती हैं बकरियों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि होने पर वह बकरियों की जगह भी बढ़ाते हैं।

यदि आप घर पर बकरी पालन करना चाहते हैं तो आप 10 बकरियों से शुरू कर सकते हैं।

bakri palan kaise kare janiye in hindi me

घर पर 10 बकरियों का पालन करने के लिए इसकी जगह ( जमीन ) 10 से 15 गज तक होनी चाहिए जिसमें आप आसानी से बकरी पालन कर सकते हैं यदि आपके पास जगह की कमी है तो अपने घर की छत पर भी बकरी पालन कर सकते हैं।

10 बकरियों को पालने में खर्चा कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे 10 बकरियों के हिसाब से शेड निर्माण किया जाएगा, और बकरियों को खिलाने वाला चारा, बकरियों में होने वाली बीमारी पर उन्हें टीके लगवाना आदि पर निर्भर करता है।

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किसान लोग ज्यादातर खेती के साथ-साथ बकरी पालन का कार्य भी करते हैं खेत में बकरी पालन करने से बकरियां खेतों और जंगलों में घूमते फिरते आसानी से अपना भोजन प्राप्त कर लेती है और बकरियों को अलग से दाना, भूसा कम मात्रा में देना पड़ता है इसलिए यदि आप एक किसान है तो बकरी पालन का व्यवसाय अपने खेत में शुरू करें।

बकरी पालन शुरू करते समय आपको यह सब स्टेप फॉलो करना होगा।

#1. बकरी की नस्लों को चुने

बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले आप जिस क्षेत्र में रहते हैं उस क्षेत्र की बकरियों की नस्लों को चुने

जैसे अगर आप भारत के पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में रहते हैं तो आपको जमुनापारी, बारबरी और बीटल बकरी की नस्लों को चुन सकते हैं इन नस्लों की बकरियों को दूध उत्पादन के लिए अधिक महत्व दिया जाता है तथा इनसे अच्छा मास भी प्राप्त होता है।

जम्मू व कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश आदि पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करते हैं तो चंगथगी, गड्डी और चेगु नस्ल की बकरियों को चुने पहाड़ी क्षेत्रों में बकरी पालन का व्यवसाय दूध और रेशे दोनों के लिए किया जाता है।

bakri ki naslo ko chune in hindi

आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र का दक्षिण भाग और केरल राज्यों में निवास करते हैं तो आपको संगमनेरी, ओस्मानाबादी और मालाबारी नस्ल की बकरियां चुननी चाहिए।

गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के उत्तरी इलाकों में निवास करने वाले लोगों को सिरोही, झाकराना, मारवाड़ी और मेहसाना बकरी की नस्लों को पालना चाहिए।

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भारत के पूर्वी क्षेत्रों में पालने वाली बकरियों की नस्ल ब्लैक बंगाल, असम हिल और गंजम है इन नस्ल की बकरियों का पालन ज्यादातर मास उत्पादन के लिए किया जाता है।

#2. बकरी की रहने की व्यवस्था करें

बकरी के लिए शेड त्यार करे, बकरी पालन करने के लिए पहले अपने घर में बकरियों के रहने की व्यवस्था बना ले बकरियों की रहने की व्यवस्था आप 2 तरह से कर सकते हैं या तो जमीन पर या फिर जमीन से थोड़े उठा हुआ।

आप बकरियों के रहने के लिए ईटों का पक्का मकान या झोपड़ी अपने बजट के हिसाब से बना ले बकरियों की रहने की व्यवस्था कम जगह पर भी कर सकते हैं जैसे अपने घर के किसी कोने में बकरियों की रहने की व्यवस्था कर ले या अपने घर के आंगन में भी बकरियों की रहने की व्यवस्था कर सकते हैं।

2 bakri ki rahene ki vavysha kare

यदि आपके घर में जगह की कमी है तो आप बकरियों की रहने की व्यवस्था अपनी छत पर भी कर सकते हैं बकरियों का बाड़ा बनाते समय एक बात का ध्यान रखें कि वह हवादार होना चाहिए और जमीन से थोड़ा ऊंचा रखें जिससे बकरियों का अवशिष्ट पदार्थ जमीन पर सीधे गिरे बकरियों को बारिश से डर लगता है इसलिए।

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बकरियों का घर ( बाड़ा ) बनाते समय ऊपर से ढक के रखें जहां पर आप बकरियों की रहने की व्यवस्था कर रहे हैं उस जगह की चारों ओर से बाउंड्री बना दे ताकि कुत्ते व जंगली जानवरों से बकरी और बकरी के मेमनों का बचाव हो सके बकरी के बाड़े में पानी जरूर रखें जिससे बकरियों को प्यास लगने पर वह अपने आप पानी पी ले।

#3. साफ सफाई का ध्यान रखें

जिस जगह पर आप बकरी पालन कर रहे हैं उस जगह पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, जिससे बीमार होने की संभावना बहुत कम रहती है बकरी के बाड़े में प्रतिदिन साफ सफाई करते रहना चाहिए इससे बकरियों में बीमारी नहीं होती।

बकरियों के बाड़े को हमेशा ऊंचे स्थान पर बनाएं ताकि बरसात का पानी बाड़े के अंदर ना जा सके बाड़े से पानी निकालने के लिए उचित व्यवस्था रखें ताकि जब भी बकरी के बाड़े की साफ सफाई करी जाए तो बकरियों का मल मूत्र और पानी आराम से बाड़े से बाहर निकाला जा सके।

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#4. बकरी पालन के लिए खानपान समय पर करें

अगर आप बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं तो पहले बकरियों के खानपान के बारे में जान लेना चाहिए जैसे बकरिया क्या खाती है बकरियों को क्या खिलाएं और बकरियों को चारा समय पर देते रहें ज्यादातर बकरियां खुले मैदान में चारा खाना पसंद करती है।

बकरियां को चारा या खाने में सूखी घास, पेड़ों की पत्तियां, दूब घास, बरसीम, अल्फाल्फा, फलिया, झाड़ियां, छोटे पौधे, सब्जी पेड़ पौधों के पत्ते और दानेदार भोजन आदि यह सब खिलाया जाता है।

bakri palan ke liye khanpan samaye par kare parbhandh

बकरियों को चारा देते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें की बकरियां अपने भोजन में सड़ी गली चीजें पसंद नहीं करते हैं
बकरियों को भोजन मुख्यतः दो प्रकार का दिया जाता है।

1. रेशेदार भोजन – रेशेदार भोजन में आप बकरियों को खाने के लिए बेर, गुलाब, मेथी, पालक, सरसों, ज्वार और अन्य पेड़ो के पत्ते दे सकते हैं।

2. दानेदार भोजन – दानेदार भोजन में बकरियों को खाने के लिए गेहूं चोकर, चने का चूरा, मूंगफली की खली, भुट्टे का चूरा, जौ और मक्का आदि।

#5. मौसम के हिसाब से रखें ध्यान

भारत में बदलते मौसम के हिसाब से आपको बकरियों पर बहुत ध्यान देना होगा जिससे बकरियां बीमार होने से बच सकें
इनमें अधिकतर बीमारियां जलवायु परिवर्तन के कारण होती हैं शीत ऋतु के मौसम में बकरियों को निमोनिया और जुओ की बीमारी अधिक होती है जबकि वर्षा ऋतु के समय बकरियों को गलाघोटू और चिमोकन की बीमारी प्रमुख रूप से हो जाती हैं।

5 mosam ke hisab se rakhe dhyaan

शीत ऋतु के मौसम में बकरियों का रखें ध्यान

  1. बाड़े में बकरियों के नीचे घास फूस का प्रयोग करें।
  2. खिड़कियां तथा रोशनदान से बाड़े में आने वाली ठंडी हवाओं को रोके।
  3. बकरी के छोटे मेमनों को धूप निकलने पर 10 बजे से 2 बजे तक बाहर धूप में रखें।
  4. इस मौसम में बकरियों को चारे में खाने के लिए नीम, अरडू और खेजड़ी दें।
  5. बकरी के खूरपका और मुंहपका बीमारी के बचाव के लिए एफएमडी का टिका लगवाएं।

ग्रीष्म ऋतु के मौसम में बकरियों का रखें ध्यान

  1. इस मौसम में बाड़े की मिट्टी बदल दें और नई सुखी मिट्टी में चूना मिलाकर डाल दें।
  2. बकरियों को पीने के लिए शुद्ध पानी दे, साथ ही बाड़े के अंदर छाया की व्यवस्था करें।
  3. इस मौसम में बकरियों को चारे में खाने के लिए नीम, शहतूत, बेरी, बबूल और पीपल आदि पेड़ों के पत्ते दें।
  4. तलाब और अन्य पानी पानी से भरे गड्ढे के पास बकरियों को चारा खाने के लिए ना जाने दे क्योंकि बकरियां घास के साथ घोंघे भी खा लेंगे जिससे बकरियां बीमार हो जाएगी।
  5. ग्रीष्म ऋतु के मौसम में बकरियां सर्वाधिक संख्या में गर्मी में आती है इसलिए कमजोर बकरियों को अधिक मात्रा में चारा व दाना दे कर सभी बकरियों को सही समय पर गाभिन कराएं।

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वर्षा ऋतु के मौसम में बकरियों का रखें ध्यान

  1. वर्षा ऋतु के मौसम में बकरियों के बाड़े को सूखे रखने और सूखे चारे की व्यवस्था अति आवश्यक है।
  2. बकरियों के बाड़े में नमी होने पर 100g प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल में भुरकाव करें।
  3. वर्षा ऋतु के समय बकरियों का बाड़ा ऊंचे स्थान पर बनाएं।
  4. वर्षा ऋतु के समय बकरियों को भीगने ना दें क्योंकि बकरियां बारिश में भीगने पर बीमार हो जाती है।इस मौसम में बकरियों को बाड़े के आसपास ही चराए।
  5. वर्षा ऋतु के समय बकरियां भीगा हुआ चारा पसंद नहीं करती इसलिए आप सूखा चारा दें।

#6. बकरी बकरा प्रजनन का रखें ध्यान

अगर आप बकरी पालन करते हैं और अपने बकरियों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं तो आपको बकरी बकरा प्रजनन का विशेष ध्यान रखना होगा जिससे आपकी बकरियों की संख्या में वृद्धि होगी।

कम उम्र, कमजोर शरीर वाली और कम भार वाली बकरियों को गर्भित नहीं कराना चाहिए क्योंकि बकरियों में असामान्य जनन की संभावनाएं बढ़ जाती है इसलिए उचित आयु और स्वस्थ शरीर वाली बकरियों को गर्भित कराना चाहिए जिससे बकरियां स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं।

6 bakri bakra prajanan ka rakhe dhyaan

उचित समय पर शुद्ध एवं उत्तम नस्ल के बकरे से गर्मी में आई बकरियों को गर्भित करवाएं बकरी को गर्भधान करने के लिए उचित समय ( सर्दियों में ) 12 से 18 घंटे के बीच माना जाता है।

जमुनापारी, बीटल, जखराना और सिरोही नस्ल की बकरियां 20 से 26 महीने में पहली बार बच्चों को जन्म देती है।

बरबरी, मालाबारी, ब्लैक बंगाल और गंजाम नस्ल की बकरियां 12 से 15 महीने में पहली बार बच्चे को जन्म देती है।

बकरी और बकरा प्रजनन करने की आयु

  1. बकरी की आयु 14 से 18 महीने होनी चाहिए ( बकरी की पहली ब्याँत लगभग 2 वर्ष की आयु में होनी चाहिए )।
  2. बकरा की आयु 6 से 12 महीने होनी चाहिए।
  3. बकरियों के गर्भकाल का समय 150 से 155 दिन का होता है।

#7. बकरी के मेमना ( बच्चे ) की व्यवस्था करें

बकरी पालन व्यवसाय में बकरियों की संख्या बढ़ाने के लिए बकरी के मेमनों की देखभाल करना बहुत जरूरी है क्योंकि बकरी के मेमनों से ही बकरियों की संख्या में वृद्धि होगी।

जब बकरियों के गर्भधारण में कुछ ही दिन बाकी रह जाते हैं तो बकरियों को घर पर ही रख कर चारे की व्यवस्था करें और समय-समय पर देखरेख करते रहें।

7 bakri ke memne ki vyavstha kare jane kaise

जब बकरियां बच्चे को जन्म देती हैं तो बच्चे जनने में सहायता करनी चाहिए ताकि सभी बच्चे आसानी से बाहर आ सके मेमने के बाहर आने पर उनकी नाक साफ कपड़े से साफ करनी चाहिए ।

और

बकरियों के सामने रखना चाहिए मेमनों का नाल नए ब्लेड से काटना चाहिए एवं काटने के तुरंत बाद डेटॉल या जी.भी.पेंट लगाना चाहिए इसे दिन में 3 से 4 बार प्रतिदिन 5 दिनों तक अवश्य लगाएं।

जन्म के समय बकरी बहुत भूखी होती है इसलिए आप उसे खाने में सूखा चोकर और बांस के पत्ते इत्यादि देने चाहिए इसके अलावा पीने में पानी में गुड व नमक मिलाकर देना चाहिए अगले दिन बकरी को खाने में सभी तरह का राशन दिया जा सकता है।

मेमनों को एक सप्ताह तक प्रतिदिन 4 से 5 बार दूध पिलाएं 1 सप्ताह के बाद मेमनों को दूध पिलाने का समय दिन में दो बार कर देना चाहिए और साथ ही दाना देना भी शुरू कर देना चाहिए।

मेमनों की रहने वाली जगह पर साफ सफाई होनी चाहिए इससे मेमनों में बीमारी नहीं होती बारिश के समय मेमनों को बाड़े के अंदर रखना चाहिए।

#8. बकरी और बकरे को बीमारियों से करें बचाव

बकरी पालक को बकरी पालने के अलावा बकरियों की बीमारी के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए क्योंकि समय आने पर वह उस स्थिति को संभाल सकें और कम से कम नुकसान होने से बच सकें।

बकरियों में निमोनिया की बीमारी

निमोनिया के बीमारियों के लक्षण- नाक से तरल पदार्थ निकलना, मुंह खोल कर सांस लेना, फेफड़ों में सूजन आना, बकरियों के शरीर का तापमान 144 से 148 फारेनहाइट और फांसी बुखार आदि।

निमोनिया बीमारी से रोकथाम- ठंड वाले मौसम में खिड़की व रोशनदान से बाड़े में आने वाली ठंडी हवाओं को रोके, खांसी के लिए केफलोन पाउडर 6 से 12 ग्राम प्रतिदिन 3 दिन तक देते रहें। ( पशु चिकित्सक की राय परामर्श से ही बकरियों को दवा दें )

बकरियों में मुंहपका-खुरपका की बीमारी

बकरियों के मुंह और पैरों में छाले व घाव हो जाते हैं, बकरियों के मुंह से अत्यधिक लार निकलने, बकरियों का लंगड़ाकर चलना, बुखार के कारण दूध की मात्रा में गिरावट।

बकरियों में मुंहपका-खुरपका की बीमारी से रोकथाम- बकरी के मुंह और पैरों के घाव पर लाल दवा व डेटोल के हल्के घोल से धोएं, एंटीबायोटेक और बुखार का टीका लगवाएं।

( एक बात का विशेष ध्यान से ध्यान रखें बीमारी बकरियों एवं मेमनों को स्वस्थ बकरियों से अलग रखें )

#9 समय के अनुसार बकरियों की जगह बढ़ाते रहें

अगर आप बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं तो आपको बकरियों की जगह पर भी ध्यान रखना होगा क्योंकि साल 2 साल में आपके बकरियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी जिसके कारण आपको बकरियों की जगह में भी बढ़ोतरी करनी होगी इससे बकरियों को रहने में आसानी होगी और बकरियों के बाड़े को भी बड़ा करना होगा।

बकरी पालन के लिए व्यावहारिक जानकारियाँ

बकरी पालन किसानों और गरीब वर्ग के लोगों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला अच्छा व्यवसाय हैं। बकरी पालन हर व्यक्ति आसानी से कर सकता है उसके लिए पहले आपको बकरियों के बारे में अच्छी तरह से जान लेना है।

बकरियों के बारे में हमने नीचे जानकारी दी है जिसे पढ़कर आप आसानी से बकरी पालन कर सकते हैं यदि आपको पालन के बारे में बहुत अच्छी नॉलेज होगी तो आपका बकरी पालन व्यवसाय बहुत अच्छा चल सकता है।

Bakri Palan ki Jankari/ बकरी पालन की जानकारी

बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले बकरी की नस्ल का चयन करना चाहिए। बकरी की नस्ल का चयन उसकी स्थिति, जलवायु, उपलब्ध चारा दाना पानी इन सफर निर्भर करता है। आमतौर पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए जिस क्षेत्र में आप बकरी पालन कर रहे हैं उस क्षेत्र में रहने वाली बकरियों का चयन करना चाहिए।

कुछ बकरी की नस्ल ऐसी होती है जो अधिक मेमने देती है तथा उन मेमने का वजन बहुत कम होता है और कमजोर होते हैं जबकि दूसरी ओर जो बकरी कम बच्चे देती हैं बच्चों का वजन अधिक होता है और वह बच्चे तंदुरुस्त होते हैं।

बकरियों की बीमारी के बारे में भी पता होना चाहिए इसलिए बकरी पालन शुरू करते समय ऐसी छोटी मोटी बातों का विशेष ध्यान रखना होता है।

Bakri Palan ka Tarika/ बकरी पालन का तरीका

यदि आप बकरी पालन करना चाहते हैं तो आपको बकरियों को पालना आना चाहिए। बकरियों को पालने का तरीका, सबसे पहले बकरियों के लिए एक बड़ा बनाएं जिसके अंदर बकरियां आराम से रह सकती है। उस बाड़े के अंदर आपको उनके खाने का बंदोबस्त भी करना है।

जिससे बकरियों को भूख लगने पर चारा खा सकती है इसके अलावा आपको बाड़े के अंदर स्वस्थ पीने का पानी भी रखना है क्योंकि बकरियों को चारा खाने के बाद बहुत प्यास लगती है। सुबह शाम के समय आपको बकरियों को लेकर बाहर चराने के लिए भी जाना चाहिए बकरियों को खुले में चरना बहुत पसंद है।

बकरियों के बीमारी के बारे में भी आपको पता होना चाहिए जिससे आप बकरियों को बीमार होने से बचा सकते हैं और आपका नुकसान होने से बच सकता है। इसके बाद आपको बकरियों के प्रजनन के बारे में भी पता होना चाहिए। जैसे बकरियों को प्रजनन इस समय करवाएं। बकरी का प्रजनन हमेशा अच्छी नस्ल के बकरे से करवाएं।

Bakri Palan Kaise Hota Hai/ बकरी पालन कैसे होता है?

हम आपको बताएंगे कि बकरी पालन कैसे होता है। सबसे पहले बकरी पालन की महत्वपूर्ण बातों के बारे में जान लेना चाहिए, जिससे पालन में अधिक मुनाफा हो। यदि आप बड़े स्तर पर बकरी पालन/ फार्म खोलना चाहते हैं तो आपको इससे बहुत मदद मिलेगी।

बकरी की नस्ल का चयन- सबसे पहले किसान या बकरी पालन को यह तय करना चाहिए कि वह बकरी की नस्ल का पालन करना चाहता है। यदि आप बकरी पालन शुरू कर रहे हैं तो आपको सबसे पहले देसी बकरियों का चयन करना चाहिए। उसके बाद आप अपने बजट और जलवायु के हिसाब से अच्छी नस्ल की बकरियों का चयन कर सकते हैं।


बकरी के लिए शेड का निर्माण- बकरियों का चयन करने के बाद, आपको बकरियों को खरीदने से पहले उनके लिए शेड का निर्माण करना है। बकरियों का शेड बनाते समय आपको साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना है।

शेड ऊंची जगह पर बनवाना चाहिए। बकरी पालन करने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं होती यदि आपके पास जगह नहीं है तो आप बकरियों के लिए छत पर भी शेड बना सकते हैं।

बकरी पालन में कमाई/ Goat Farming Income

बकरी पालन किसानों की आय को दोगुना करने का एक अच्छा व्यवसाय हैं। यह कम लागत में अधिक मुनाफा देता है, इसी कारण से बकरी पालन को राज्यों में बढ़ावा दिया जा रहा है। बकरियों का मांस एवं दूध बेचकर आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

बकरीपालक के अनुसार, 18 से 20 बकरियों पर औसतन कमाई 2,16,000 रुपये तक हो सकती है। इसके अलावा 18 से 20 बकरों पर औसतन कमाई 1.98,000 रुपये तक हो सकती है।

बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र

आपको बता दें कि केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान महदूम, फराह, मथुरा (यूपी) द्वारा बकरी पालन प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है। इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बकरी पालकों को इसके प्रति जागरूक करना है। साथ ही, वे नई तकनीकों के बारे में जान सकते हैं। बकरियों को पालने के अपने प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिकों ने नई तकनीक के बारे में भी बात की।

एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान बकरी पालकों को बकरी पालन, नस्ल पहचान, नस्ल सुधार, बकरी खलिहान प्रबंधन, कृषि गतिविधियों, बकरी पोषण और चारा उत्पादन, चारा, चारा, व्यापार, सरकारी परियोजना ऋण आदि के सभी पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया। प्रोजेक्ट बनाने जैसे सभी विषय प्रोजेक्टर द्वारा पावर प्वाइंट से किए जाते हैं। मखदूम, मथुराफला में केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रायोगिक जानकारी भी प्रदान की गई थी।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक केंद्रीय बकरी संस्थान है, जहां बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाता है। यदि आप बकरी पालन प्रशिक्षण में भाग लेना चाहते हैं तो आप यहां संपर्क कर सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए आप इस संस्थान के फोन नंबर 0565- 2763320 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा आप संस्थान की वेबसाइट www.cirg.res.in पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने ले लिए सरकार की तरफ से सहायता

बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। हरियाणा सरकार ने भी मुख्यमंत्री बकरीपालक उत्थान योजना शुरू की है, जिससे आप अपने राज्य में चल रही ऐसी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।

इसके अलावा आपको नाबार्ड से भी आर्थिक सहायता मिल सकती है। अतः नाबार्ड में आवेदन कर ऋण/लोन एवं अनुदान प्राप्त किया जा सकता है।

FAQ: बकरी पालन से संबंधित प्रश्न

बकरियों में कितनी कमाई है?

बकरियों मे बहुत अच्छी कमाई है। आप सिर्फ बकरियों का मीट ही नहीं बल्कि उसका दूध बेचकर भी पैसे कमा सकते हैं।

बकरी पालन बिजनेस कैसे करें?

बकरी पालन का बिजनेस करने के लिए सबसे पहले सही नस्ल का चुनाव करना जरूरी होता है. फिर इसके बाद बकरियों के लिए शेड की व्यवस्था करनी होगी और अधिक जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।

बकरी पालन के लिए कितनी जगह चाहिए?

एक बकरी के लिए कम से कम 20 वर्ग फीट जगह की जरूरत होती है। अगर आप 10 बकरी पालते हैं तो इसके लिए आपको 200 वर्ग फुट जगह की जरूरत होगी।

बकरी पालन शुरू करने में कितना खर्चा आता है?

बकरी पालन का खर्च कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि बकरियों की संख्या, फिर उसके अनुसार बकरियों के लिए शेड का निर्माण किया जाएगा। आप इस व्यवसाय को बकरियों के साथ ₹30,000 से ₹50,000 तक शुरू कर सकते हैं।

बकरी पालन व्यवसाय किन क्षेत्रों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है?

बकरी पालन व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

बकरी पालन व्यवसाय में दूध उत्पादन किन बकरियों से होता है?

बकरी पालन के व्यवसाय में दूध उत्पादन जखराना, मालाबारी मेहसाणा और सुरती आदि बकरियों से होता है।

बकरी पालन व्यवसाय में मांस उत्पादन के लिए बकरियों की नस्ल कौन सी है?

बकरी पालन व्यवसाय में मांस उत्पादन के लिए सिरोही, ब्लैक बंगाल और अफ्रीकन बोर आदि बकरियों की नस्लें हैं।

10 बकरी के लिए कितने जगह चाहिए?

10 बकरियों के लिए 100 – 150 वर्गफीट ( 10 से 15 वर्ग गज ) जगह होनी चाहिए.

10 बकरी पालने में खर्चा कितना आएगा?

10 बकरियों को पालने में खर्चा कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे बकरियों की कीमत, बकरियों के बाड़े का निर्माण और बकरियों के खानपान पर निर्भर करता है, 10 बकरी पालने में खर्चा 50 हजार से 1 लाख रुपए तक आ जाता है

10 बकरी में बकरे कितने रखें?

10 बकरियों में एक बकरा रखें.

बकरी के चारे की व्यवस्था कैसे करें?

बकरी को सूखे चारे में धान, गेहूं, अरहर, उरद का भूसा और सूखी पत्तियां यह सब दे सकते हैं

हरे चारे में बरसीम, जवार तथा गन्ने, शहतूत, अमरूद की पत्तियां दे सकते हैं

इसके अलावा मक्का, मूंगफली और गेहूं यह सब भी खिला सकते हैं

बकरी के लिए दवाई और देख भाल के लिए रहे तैयार?

सर्दी तथा वर्षा के मौसम में बकरी बीमार होने की संभावना अधिक होती है इसके अलावा बकरियों के पेट में कीड़े, पेट पर सूजन ऐसी स्थिति में बकरियों की देखभाल करने के लिए तैयार रहें और अपने पास कुछ मात्रा में बकरियों की दवाइयां भी रखें

निष्कर्ष – बकरी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें

आज की इस पोस्ट में हमने आपको घर पर बकरी पालन कैसे करते है, आपके पास में कम जगह है तो, कम जगह में बकरी पालन कैसे करे, बकरी को पालने से लेकर उसके रख रखाव तक, दवाई, चारा इत्यादि सारी जानकारी यहाँ पर दी है, अगर आपका कोई भी सवाल हो तो आप हमसे कमेंट कर के पूछ सकते है

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