बकरी के बच्चों की देखभाल कैसे करें?, बकरी के बच्चों को पालने का तरीका

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बकरी के बच्चों को पालने का तरीका, बकरियों के बच्चों की देखभाल कैसे करें? इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। बकरी पालक को बकरी के बच्चों की देखभाल और बकरी के बच्चों को पालने का तरीका आना चाहिए। जिससे बकरी पालन में आर्थिक रूप से बहुत लाभ मिलेगा। यदि आपको बकरी के बच्चों को पालना या उनकी देखभाल करनी नहीं आती है तो हमने आपको इसके बारे में नीचे बताया है इससे आपको पालन में बहुत मदद मिलेगी।

बकरियों के बच्चों की देखभाल कैसे करें?

बकरी के बच्चे के गर्भ में आने से लेकर और उसके बड़े होने तक की सारी प्रक्रिया हम आपको बताने वाले हैं।

बकरी के बच्चों की देखभाल हमें उसी समय से कर देनी है जिस समय बकरी गर्भवती होती है उसी समय से बकरी के बच्चों को पालने की तैयारी शुरू कर देनी है।

जब बकरी का बच्चा बकरी के गर्भ में होता है तो उस बकरी को आप मिनरल मिक्सर लगातार दे। ताकि बकरी के गर्भ में पल रहे बच्चे को विटामिन और मिनरल्स की कमी कभी ना आए।

bakriyon ke bacchon ki dekhbhal kaise karen

बकरी के गर्भ ठहरने के बाद जो तीसरा, चौथा महीना होता है उस समय गर्भवती बकरी की डी वार्मिंग जरूर करवाएं। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को किसी भी प्रकार के पैरासाइट नहीं आएंगे।

गाभिन बकरी की डिलीवरी हमेशा कमरे या बंद बाड़े के अंदर करवानी चाहिए। इससे सर्दी के समय बकरी के बच्चे को किसी भी प्रकार का इंफेक्शन नहीं होगा, और गर्मी के समय बच्चे को लू नहीं लगेगी।

बकरी के बच्चों को पालने का तरीका

गर्भवती बकरी जो भी बच्चा देती है तो उस बच्चे के मुंह में, नाक में और फेफड़ों में जो पानी होता है वह पानी आपको बकरी के बच्चे को उल्टा करके हल्का हल्का उसके सर पर हथेली से मारकर सारा पानी बाहर निकाल दें। इससे बकरी के बच्चे को किसी भी प्रकार का इंफेक्शन नहीं होगा।

बकरी के बच्चे के नाले की कटिंग

इसके बाद आपको बकरी के बच्चे के नाले की कटिंग करनी है नाले की कटिंग करते समय इस बात का विशेष प्रकार से ध्यान रखें कि नाले को काटते समय आप 3 से 4 सेंटीमीटर आगे से एक सूती धागा लेकर उसे अच्छी तरह से बांध दे।

बांधने के बाद जहां से वह बंदा हुआ है उसके 2 सेंटीमीटर आगे से एक नया ब्लेड लेकर नाले को काट दे, और काटने के बाद वहां पर आप तिल्ली का तेल या सरसों का तेल में हल्दी मिलाकर वहां पर लगा दे। इससे किसी भी प्रकार का इंफेक्शन नहीं होगा।

बकरी के बच्चे के जन्म लेते ही आप उसके आंख, कान और नाक अच्छी तरह से साफ कर दे। जो भी उसमें फ्लूड या पानी है, वह अच्छी तरह से निकाल दे।

बकरी के बच्चे को बकरी के सामने रखे

उसके बाद बच्चे को बकरी के सामने रख दे, ताकि बकरी अपने बच्चे को अच्छी तरह से चाटेगी रब्बिंग करेगी इससे बकरी के बच्चे को एक एक्स्ट्रा एनर्जी मिलती है जिसकी उसे बहुत जरूरत होती है यानी मां की ममता मिलती है। इसलिए उस ममता के लिए बकरी को उसे अच्छी तरह से चाटने दे।

बकरी के बच्चे को दूध कब पिलाये

बच्चे के जन्म के 1 या 2 घंटे बाद ही आप उसको मां का दूध पिलाई यह बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि मां का पहला दूध बच्चे के लिए अमृत का काम करता है यानी बकरी के बच्चे को इतने विटामिन, इतने मिनरल्स और एंटीबायोटिक उसको मिलेगी उस दूध में की वो बीमार बहुत कम होगा।

1 से 2 दिन के बकरी के बच्चे की देखभाल

जब बकरी का बच्चा 1 से 2 दिन का हो जाता है तो उस बच्चे को तिल्ली का तेल या सरसों का तेल थोड़ा गर्म करके उसमें हल्दी मिला ले और उसे अपनी उंगली पर लगाकर बकरी के बच्चे की जीभ पर लगाएं। इससे 2 फायदे होंगे।

1️⃣ बकरी के बच्चे के अंदर यदि कोई परजीव है तो वह तेल और हल्दी से समाप्त हो जाएंगे।

2️⃣ अगर आप बच्चे को तेल और हल्दी चटाएंगे तो उसकी जीभ को मोमेंट मिलेगा। जिससे उसे दूध पीने में बहुत हेल्प मिलेगी।

15 दिन के बकरी के बच्चे की देखभाल

जब बकरी का बच्चा 15 दिन का हो जाता है तो उसकी हमें पहले डी वार्मिंग करवानी है। यदि आप उस बच्चे की डी वॉर्मिंग अंग्रेजी तरीके से किसी टेबलेट या लिक्विड से करवाते हैं तो आप एलवेंडा जोन लिक्विड ले सकते हैं और बच्चे को 2 Ml दे सकते हैं।

देसी तरीके से डिवर्मिंग

इसके अलावा यदि आप बच्चे की डिवर्मिंग देसी तरीके से करवाते हैं तो उसमें आपको 8 से 10 नीम के पत्ते कूटकर और उसके अंदर अजवाइन डालकर उसे उबाल लेना है, अब उसे ठंडा करके बकरी के बच्चे को पिला दे। इससे भी उसकी अच्छी डिवर्मिंग हो जाएगी।

बच्चों के डी वॉर्मिंग हर महीने करवाते रहें, क्योंकि छोटे बच्चों में के शरीर में कीटाणु पैदा होने की संभावना अधिक होती हैं। और अच्छा दूध पिलाई।

बकरी के बच्चे का वजन बढ़ाये

बच्चों का वजन लगातार बढ़ता रहे उसके लिए आप बच्चे को जितना दूध पिला सके उतना पिलाई कोई बॉउंडेशन नहीं है अगर किसी भी बच्चे को डायरिया या दस्त हो रहा है। जैसे कभी कोई बच्चा ज्यादा दूध पी लेता है तो उस बच्चे को दस्त हो जाते हैं इसलिए बच्चों को उतना ही दूध पिलाई जितना वह पच्चा सके।

बकरी के बच्चे को कितना चारा दे

यदि आप बकरी के बच्चे को चारा या दाना देना शुरू कर रहे हैं तो उस समय ध्यान रखें कि शुरुआत में पहले, दूसरे या तीसरे दिन जब वह खाना शुरू करता है उस समय बकरी के बच्चे को ज्यादा चारा ना दें। शुरुआत में बच्चे को सॉफ्ट पत्ते, घास, नीम के पत्ते या सूखी घास थोड़ी मात्रा में दें।

नीम के पत्ते बकरी के बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं इसलिए बकरी का बच्चा जितने नीम के पत्ते खा सके उतने खिलाए। इससे बकरी के बच्चे की डी वार्मिंग होती रहेगी और बकरी के बच्चे को किसी भी प्रकार का इंफेक्शन नहीं होगा।

बकरी के बच्चे सर्दी और गर्मी से बचाएं

सर्दियों में बकरी के बच्चों का विशेष ध्यान रखें जैसे बकरी के बच्चों को ठंड से बचाएं और बकरी के बच्चों को ठंडा पानी ना पिलाए।

इसके अलावा गर्मियों में भी बकरी के बच्चे का विशेष ध्यान रखें जैसे बकरी के बच्चे को लू से बचाएं और गर्मियों में बकरी के बच्चों को ताजा पानी पिलाई।

अगर आप अपने बकरी के बच्चों का अच्छी तरह से देखभाल करना चाहते हैं तो आपको इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखना है जिससे बकरियों के बच्चे बहुत ही अच्छी तरह से तैयार होंगे और बकरी पालन व्यवसाय में बकरियों की संख्या भी बढ़ेगी।

Conclusion/ निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बकरियों के बच्चों की देखभाल कैसे करें? इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी है।

आप हमें कमेंट करके बताएं कि आप बकरी के बच्चों की देखभाल किस तरीके से करते हैं।

अगर आपकी हमारे इस आर्टिकल में कोई राय हैं, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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