मुर्गी का वजन कैसे बढ़ाएं, Murgi Ka Weight Kaise Badhaye

मुर्गियों का वजन बढ़ाने के जबरदस्त तरीके: अगर आप मूर्गी पालन करते हैं तो आपको ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए उनका वजन भी बढ़ाना होगा। मूर्गी का वजन बढ़ाने के लिए कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। और इनकी मदद से मुर्गियों का वजन बढ़ाया जा सकता है।

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आज के इस आर्टिकल में हम आपको मुर्गी का वजन कैसे बढ़ाएं इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे। इसके अलावा मुर्गी का वजन बढ़ाने का देशी तरीका, मुर्गी का वजन बढ़ाने का घरेलू तरीका और मुर्गी का वजन बढ़ाने की दवा इन बाद के बारे में भी जानकारी देंगे। इसलिए इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक ध्यान से पढ़े।

मुर्गियों का वजन कैसे बढ़ाएं (Murgi Ka Weight Kaise Badhaye)

मुर्गी पालन में मुर्गियों का वजन बढ़ाने के लिए आप एंटीबायोटिक दवा, प्रोबायोटिक्स का उपयोग और दही का इस्तेमाल कर सकते है। इसका इस्तेमाल कैसे करना है इसकी जानकारी नीचे दी गई है:

एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से मुर्गियों का वजन कैसे बढ़ाएं?

एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से मुर्गियों का वजन बढ़ाया जा सकता है। लेकिन हमें नहीं लगता कि यह तरीका सही है। लेकिन आज बहुत से लोग मुर्गियों का वजन बढ़ाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मुर्गियों को एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। कारण यह है कि इससे मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वे कम बीमार पड़ते हैं। जिससे उनका वजन भी बढ़ जाता है। लेकिन अगर आप ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करते हैं तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।

antibiotic dawao ki madad se murgiyon ka vajan kaise badhaye

और वैसे भी ज्यादातर एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल मुर्गियों पर ही किया जाता है। आपको इसके बारे में अच्छी तरह पता होना चाहिए। किसान बड़ी मात्रा में एंटीबायोटिक्स खरीदते हैं और फिर उन्हें चिकन फीड में मिलाते हैं। ऐसा करने से मुर्गियों का वजन बढ़ता है। और वे संक्रमण के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं। किसान इन दवाओं को थोक में खरीदते हैं। दोस्तों वैज्ञानिक शोध में मिले नमूनों से पता चला है कि 40 प्रतिशत मुर्गियों पर एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया गया था। और इनमें से कुछ दवाएं ऐसी थीं जो इंसानों के लिए भी काफी खतरनाक हो सकती थीं। और कई देशों के अंदर इनका इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है। इसलिए अगर आप चिकन खाते हैं तो आपको भी सावधान हो जाना चाहिए। यह तुम अच्छी तरह समझ सकते हो।

अब अगर एंटीबायोटिक दवाओं के नुकसान की बात करें तो अगर आप ज्यादा चिकन खाते हैं तो यह दवा चिकन के जरिए आपके शरीर के अंदर चली जाती है। और अगर आपको किसी भी समय एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता हो तो आप अलग से दवा लेते हैं तो इस दवा को लेने से आपको कोई फायदा नहीं होगा। क्‍योंकि बैक्‍टीरिया इस दवा के प्रति प्रतिरोधी हो जाएगा। इसलिए आपको सोच-समझकर फैसला करना होगा कि आप इस तरह की दवा का इस्तेमाल करेंगे या नहीं। या आप अपनी मुर्गियों को मोटा करने के लिए किसी और तरीके का इस्तेमाल करेंगे।

प्रोबायोटिक्स का उपयोग करके मुर्गियों का वजन कैसे बढ़ाएं? (Murga Ka Vajan Kaise Badhaye)

प्रोबायोटिक्स एक प्रकार का पाउडर है जो मुर्गियों का वजन बढ़ाने के काम आता है और यह आपको मार्किट में बहुत ही आसानी से मिल जाएगा। आपको इसके बारे में पता होना चाहिए। इसकी मदद से मुर्गियों का वजन बढ़ता है।

रिफिट एनिमल केयर प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स पाउडर पोल्ट्री (REFIT ANIMAL CARE Prebiotics & Probiotics Powder for Poultry, Chicken & Birds of All Life Stages)। यह विभिन्न ब्रांडों में आ सकता है। अगर आपको यह स्थानीय दुकानों पर नहीं मिलता है तो आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। जिसका लिंक हम आपको नीचे दे देंगे।

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REFIT एनिमल केयर प्रीबायोटिक्स के अंदर कई चीजें होती हैं। जिसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

यह पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करने में मदद करता है – यह चूजों, उत्पादकों और ब्रॉयलर में जीवाणु संक्रमण को रोकने में मदद करता है। यह एंटीबायोटिक उपचार के बाद पोल्ट्री में माइक्रो-फ्लोरा को बहाल/पुनर्स्थापित (restore) करने में मदद करता है। उत्पाद के विशिष्ट उपयोग: गैस्ट्रो-आंत्र पथ से पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करता है, जीवाणु संक्रमण को रोकता है

अगर आप प्रीबायोटिक्स खरीद रहे हैं तो उसे खरीदने से पहले एक बार उसका रिव्यू (review) देख लेना चाहिए। क्योंकि review से ही पता चलता है कि यह कितना अच्छा काम करता है। तो उसके बाद ही आपको इसे खरीदना चाहिए। साथ ही लोकल मार्केट से भी अगर आप इसे खरीदने जा रहे हैं तो इंटरनेट पर इसका रिव्यू ठीक से पढ़ लें और उसके बाद ही इसे खरीदें। आपको बात अच्छी तरह समझ आ गई होगी।

दही का इस्तेमाल करके मुर्गे का वजन कैसे बढ़ाए? (Murge Ka Vajan Kaise Badhaye)

दही के बारे में तो आप बखूबी जानते ही होंगे। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि मुर्गे का वजन बढ़ाने के लिए प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है और दही के अंदर भी प्रोबायोटिक्स होते हैं। इस वजह से दही मुर्गो के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

लैक्टो बैसिलस होने के कारण दही में प्रोबायोटिक्स के गुण भी होते हैं। चूजों को दिए जाने पर यह उनके विकास को 15 से 20 प्रतिशत तक तेज कर देता है। तीन सप्ताह तक के चूजों को प्रति दिन 0.5 ग्राम प्रोबायोटिक और बड़े चूजों को 1 ग्राम प्रोबायोटिक देने की आवश्यकता होती है।

दही देने पर मुर्गी अन्य चारा कम खाने लगती है जिससे चारे पर होने वाले खर्च में कमी आती है। आमतौर पर मुर्गे के वजन में एक किलो की बढ़ोतरी के लिए 1.6 किलो चारे की जरूरत होती है। दही देने पर इसकी खपत 90 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

तो अगर आप अपने मुर्गे का वजन सस्ते में बढ़ाना चाहते हैं तो आपको मुर्गे को देशी दही खिलाना होगा। यह आपके लिए एक तरह से बहुत फायदेमंद होगा। हालांकि, आप मुर्गे का वजन बढ़ाने के लिए अन्य दवाओं का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

‌‌‌शेड या फार्म के अंदर कम मुर्गियों को डालें

अगर आपके मुर्गी फार्म की क्षमता 5 हजार है तो आप उसके अंदर 3 हजार मुर्गियों को ही डालें। इसका फायदा यह होगा कि मुर्गी को अच्छे से घूमने की जगह मिल जाएगी और गर्मी के मौसम में गर्मी भी कम लगेगी। अगर मुर्गी को ठीक से घूमने की जगह नहीं मिलेगी तो वह ठीक से वजन नहीं बढ़ा पाएगी, और अगर आप कम मुर्गिया डालेंगे तो मुर्गी सही तरीके से दाना पानी खा पाएंगी। जो आपकी मुर्गियों के लिए बहुत फायदेमंद होगा। एक बार जब आप यह सब करके देख लेंगे तो बाद में आपको इसके फायदे दिखने लगेंगे।

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‌‌‌ मुर्गी फार्म के अंदर तापमान को सही रखना बहुत जरूरी है

मुर्गियों को सही तापमान की जरूरत होती है। आपको इसके बारे में अच्छी तरह पता होना चाहिए। अगर तापमान सही नहीं रखा तो मुर्गी मर सकती है। इसलिए अगर सर्दी का मौसम है तो आप हीटर का इस्तेमाल करके मुर्गी फार्म को गर्म रखने की कोशिश करें। और अगर गर्मी का मौसम है तो आप मुर्गी फार्म को ठंडा रखने के लिए उचित उपाय कर सकते हैं। जिससे मुर्गियों के मरने की संभावना काफी कम हो जाती है। वैसे आपको बता दें कि मुर्गी फार्म में तापमान का नियंत्रण रहना बहुत जरूरी है।

अगर आप तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाए तो आपकी मुर्गियां मर सकती हैं। जिससे मुर्गी पालन में आपको बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है।

मुर्गी का वजन बढ़ाने का देशी तरीका

आंवला के बारे में तो आप बखूबी जानते ही हैं। 100 ग्राम आंवले के जूस में 921 मिलीग्राम और गूदे में 720 मिलीग्राम विटामिन सी पाया जाता है। नमी 81.2%, प्रोटीन 0.5%, वसा 0.1%, खनिज 0.7%, कार्बोहाइड्रेट 14.1%, कैल्शियम 0.05%, फास्फोरस 0.02%, आयरन 1.2 मिलीग्राम, निकोटिनिक एसिड 0.2 मिलीग्राम पाए जाते हैं।

इस तरह आप समझ सकते हैं कि आंवले का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। मुर्गी के लिए आंवला नुकसानदायक नहीं होता, बल्कि बहुत फायदेमंद होता है। वैसे तो एक मुर्गी का वजन बढ़ाने के लिए कई तत्वों की आवश्यकता होती है। लेकिन आंवला के अंदर विटामिन सी जैसे कई तत्व पाए जाते हैं, जो मुर्गियों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।

murgi ka vajan badhane ka desi tarika

आप आंवला मुर्गी को कई तरह से खिला सकते हैं. अगर आप बाजार से आंवला खरीद कर उसका पाउडर बनाकर मुर्गियों को खिला सकते है। यदि आपसे पाउडर नहीं बनता तो आप बाजार से आंवला पाउडर भी खरीद सकते है। और इसकी 100 ग्राम मात्रा मुर्गी के चारे में मिला सकते हैं। कुछ ही दिनों में आप देखेंगे कि आपकी मुर्गी के वजन में काफी बढ़ोतरी होने लग जाएगी।

मुर्गी का वजन बढ़ाने का घरेलू तरीका

एलोवेरा जूस भी मुर्गी का वजन बढ़ाने का एक तरीका है। आपको इसके बारे में पता होना चाहिए। एलोवेरा के फायदों के बारे में आपको ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है। क्‍योंकि आप इसके फायदे बखूबी जानते हैं। एलोवेरा मुर्गी के पाचन में काफी मदद करने का काम करता है। ताकि मुर्गी अगर ज्यादा अनाज खाए तो भी बड़ी आसानी से पच जाए।

और एलोवेरा किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाता है। अगर आप मुर्गी का वजन बढ़ाने के लिए दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो उसका असर मुर्गी के अंदर नहीं दिखता वैसे तो उसकी उम्र कम होती है लेकिन जब हम उसे खाते हैं तो उसका असर हमारे अंदर दिखने लगता है. और बाद में ऐसी दवाओं के काफी घातक परिणाम हो सकते हैं।

आपको बता दें कि एलोवेरा बहुत फायदेमंद होता है। और इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। यदि आप इन्हें अपनी मुर्गियों को देते हैं, तो आपकी मुर्गियां कम बीमार पड़ती हैं। और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्राकृतिक रूप से बढ़ती है।

इसके अलावा आपको बता दें कि अगर आप घर के अंदर ग्वार का पौधा उगाते हैं तो आप इसका जूस निकाल सकते हैं। और 2 मिली जूस को एक लीटर पानी में मिलाकर मुर्गी को पिला दें। कुछ दिनों तक इसे लगातार मुर्गी को पिलाये, इसके बाद आपको मुर्गी के वजन में बढ़ोतरी देखने को मिल जाएगी।

‌‌‌यह मुर्गियों का वजन बढ़ाने का देशी तरीका है। यदि आपको घर में एलोवेरा है तो आप एक बार उपयोग करके देखें।

मुर्गी का वजन बढ़ाने की दवा

REFIT ANIMAL CARE पोल्ट्री के लिए ब्रॉयलर वेट गेनर और ग्रोथ प्रमोटर: विटामिन, खनिज, जड़ी बूटी इन सब का मिश्रण इसके अंदर मिला रहता है। अगर आप मुर्गियां पालते हैं तो उनका वजन बढ़ाने के लिए यह एक बेहतरीन दवाई है, आप एक बार इसका प्रयोग करके देख सकते हैं।

murgi ka vajan badhane ki dawa
  • नस्ल सिफारिश: पोल्ट्री, चूजे, ब्रायलर, लेयर्स, ब्रीडर, चिकन, उत्पादक।
  • स्टोरेज निर्देश: धूप से दूर, ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।
  • उत्पाद के विशिष्ट उपयोग: F.C.R में सुधार, पोषक तत्वों में सुधार, ब्रॉयलर में वजन बढ़ाने में सुधार, पोल्ट्री के लिए ग्रोथ प्रमोटर, ब्रॉयलर में बेहतर जीवन शक्ति, समग्र विकास में मदद करता है।
  • मुख्य विशेषताएं: यह बेहतर विकास और आजीविका के लिए मदद करता है – यह F.C.R और पोषक तत्वों के उपयोग में सुधार करता है – यह वजन बढ़ाने में मदद करता है – यह पोल्ट्री पक्षियों में किसी भी प्रकार के तनाव को रोकने में मदद करता है – ब्रॉयलर वेट गेनर और ब्रॉयलर ग्रोथ प्रमोटर – से 36 महीने के भीतर उपयोग करें निर्माण की तारीख

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FAQ. (मुर्गी का वजन कैसे बढ़ाएं)

  1. मुर्गी को मोटा करने के लिए उसे क्या देना चाहिए?

    प्रोबायोटिक्स एक केमिकल पाउडर है, जिसका इस्तेमाल मुर्गियों का वजन बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसे चारे में मिलाकर चूजों को दिया जाता है। इसमें लैक्टो बैसिलस और कुछ अन्य बैक्टीरिया होते हैं जो चूजों के आकार को तेजी से बढ़ाते हैं।

  2. मुर्गे को ताकतवर कैसे बनाएं?

    जब हम मांस के लिए मुर्गियों को पालते हैं, तो हम आम तौर पर उनके विकास में तेजी लाने के लिए उनके आहार में अधिक अनाज (गेहूं, बाजरा और ज्वार का आटा व 20% तक प्रोटीन) शामिल करते हैं। आजकल मुर्गी पालकों के बीच दाना बनाया गया आहार बहुत लोकप्रिय हो गया है।

  3. अंडा देने वाली मुर्गी को क्या खिलाना चाहिए?

    एक स्वस्थ लेयर वाली मुर्गी (अंडे देने वाली मुर्गी) को साफ और शुद्ध वातावरण के अलावा उचित पोषण, उचित मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम और शुद्ध पानी की जरूरत होती है।

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