बॉयलर मुर्गी पालन कैसे करें | Broiler Poultry Farm Kaise Karen

Broiler poultry farming in Hindi: आज के इस लेख मे हम आपको ब्रायलर मुर्गी पालन (Broiler poultry farming) की पूरी जानकारी देने वाले है। इसमे हम आपको ब्रॉइलर मुर्गी पालन का तरीका, शेड का निर्माण, चूजों के देखभाल, टीका करण, ब्रूडिंग की पूरी जानकारी देंगे।

आज ब्रायलर मुर्गी पालन भारत में एक सुविकसित व्यवसाय के रूप में उभर चूका है। ब्रायलर पोल्ट्री फार्मिंग कम समय में अधिक से अधिक पैसा कमाने का व्यवसाय है। यह व्यवसाय छोटे किसान छोटे गांव में भी कर सकते हैं बस उन्हें सही गाइड की जरूरत है।

broiler poultry farm

आइए जानते हैं ब्रायलर मुर्गी पालन (Broiler Poultry Farm) के बारे में-

मुर्गी पालन के लिए मुर्गियों के प्रकार

मुर्गीपालन दो प्रकार के होते हैं –

  1. ब्रायलर मुर्गी पालन: मांस के लिए किया जाता है ।
  2. लेयर मुर्गी पालन: अंडे के लिए किया जाता है ।
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ब्रायलर मुर्गी पालन क्या हैं?/बॉयलर मुर्गी पालन कैसे करें?

Broiler Poultry Farm Kaise Karen: ब्रायलर मुर्गियों को मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। ब्रॉयलर छोटी मुर्गियां होती हैं जो 5 से 6 सप्ताह की होती हैं। ब्रायलर नस्ल के मुर्गे या मुर्गियां अंडे से निकलने (हैचिंग) के बाद 40 से 50 ग्राम के होते हैं, जो उचित पोषण और उचित रखरखाव के बाद 6 सप्ताह में लगभग 1.5 किग्रा से 2 किग्रा हो जाते हैं। आज ब्रायलर मुर्गी पालन एक संपन्न व्यवसाय के रूप में विकसित हो गया है। ब्रायलर मुर्गी पालन एक ऐसा बिजनेस है जो कम समय में सबसे ज्यादा कमाई करता है, ब्रायलर मुर्गी पालन में बहुत कम निवेश की आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें छह सप्ताह के भीतर विकसित और बेचा जा सकता है। और इसे एक छोटे से गांव का छोटा किसान भी कर सकता है।

ब्रायलर मुर्गी पालन शुरू करने से पहले आवश्यक जानकारी

ब्रायलर मुर्गी पालन करने के लिए सबसे पहले इसे छोटे स्तर से शुरू करें। फिर बाद में आप इसे बड़े पोल्ट्री फार्म के रूप में कर सकते हो। हमेशा विश्वसनीय और प्रमाणित हैचरियों से ही चूजे खरीदें। हमेशा उच्चतम गुणवत्ता वाले और अच्छी कंपनी की दवा और टीका का ही इस्तेमाल करें।

ब्रायलर मुर्गी पालन के लिए जगह का चयन करें

मुर्गी पालन के लिए सही जगह का चुनाव करना जरूरी है।

  • जगह समतल और कुछ ऊंचाई पर होनी चाहिए, ताकि बारिश का पानी फार्म में न जा सके।
  • मुर्गी पालन की जगह गांव से बाहर और सड़कों से दूर होनी चाहिए।
  • मुर्गी पालन की जगह मेन रोड से ज्यादा दूर भी नहीं होना चाहिए, ताकि आने-जाने में दिक्कत न हो।
  • मुर्गी पालन की जगह पर बिजली पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  • मुर्गी फार्म की लंबाई पूरब से पश्चिम की ओर होना चाहिए।
  • एक शेड में केवल एक ही नस्ल के चूजे रखने चाहिए।
  • 1 किलोमीटर की दूरी तक कोई दूसरा पोल्ट्री फार्म  नहीं होना चाहिए।
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ब्रायलर मुर्गी पालन के लिए शेड का निर्माण

शेड का निर्माण करते समय दिशा का विशेष ध्यान रखें, शेड की दिशा पूर्व से पश्चिम की ओर होने चाहिए और जाली वाला हिस्सा हमेशा उत्तर से दक्षिण में होना चाहिए ताकि शेड के अंदर सही से हवा अंदर बाहर हो सके।

शेड की चौड़ाई 30 से 35 फुट और लंबाई आप आवश्यकतानुसार रख सकते हैं। मुर्गी पालन शेड की ऊंचाई फर्श से 8 से 10 फुट होना चाहिए और बीचो-बीच (Center) की ऊँचाई फर्श से 14 से 15 फूट होना चाहिए।

ब्रायलर मुर्गी पालन शेड का फर्श पक्का होना चाहिए, यदि आपके पास बजट कम है तो आप कच्चा फर्श भी डाल सकते हो। शेड के अंदर मुर्गी दाना व पानी के बर्तन, पानी की टंकी और बिजली के बल्ब की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। एक शेड दूसरे शेड से थोड़ी दूर बनवाएं।

आप चाहें तो उसी लंबे शेड को दीवार बनाकर बराबर हिस्सों में बांट भी सकते हैं।

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ब्रायलर मुर्गी/चूजों के लिए दाना और पानी के बर्तनों की जानकारी

प्रत्येक 100 चूज़ों/मुर्गियों के लिए कम से कम पानी के बर्तन 3 और दाने के बर्तन भी 3 होने चाहिए।

दाने और पानी के बर्तन आप मैन्युअल या आटोमेटिक किसी भी प्रकार के बर्तन का उपयोग कर सकते हैं।

मैन्युअल बर्तन: मैनुअल बर्तनों को साफ ​​करना आसान है, लेकिन पानी देने में थोड़ी मुश्किल होती है।

आटोमेटिक बर्तन: आटोमेटिक बर्तनों में एक पाइप लगा होती है जिसके माध्यम से टैंक से पानी सीधे पानी के बर्तन में भर जाता है।

Note: बर्तनों को साफ करने के बाद विराक्लीन (Viraclean) से धो दें, ताकि बर्तनों से कीटाणु नष्ट हो जाये।

ब्रायलर मुर्गी पालन के लिए बुरादा या लिटर

लिटर (Litter) क्या होता हैं?: ब्रायलर मुर्गी पालन शेड के फर्श पर जो बिछावन की जाती हैं उसे लिटर कहा जाता हैं।

बुरादा या लिटर के लिए, आप लकड़ी के पाउडर, मूंगफली के खोल या चावल की भूसी का उपयोग कर सकते हैं।

चूजों को लाने से पहले फर्श पर लिटर की 3 से 4 इंच मोटी परत बिछाना जरूरी है। लिटर बिल्कुल नया होना चाहिए और उसमें किसी तरह का इंफेक्शन नहीं होना चाहिए।

फार्म में बुरादा या लिटर को हमेशा सूखा रखने की कोशिश करें और विराक्लीन का छिड़काव करें।

ब्रायलर मुर्गी पालन में ब्रूडिंग

ब्रूडिंग क्या होता हैं?: जिस प्रकार मुर्गी अपने चूजों को कुछ देर अपने पंखों के नीचे रखकर गर्मी देती है, उसी प्रकार फार्म में चूजों को आवश्यकता के अनुसार तापमान देना होता है।, इसे ब्रूडिंग कहते हैं।

चूजों के समुचित विकास के लिए ब्रूडिंग सबसे महत्वपूर्ण है। ब्रायलर फार्म का पूरा कारोबार पूरी तरह से ब्रूडिंग पर निर्भर करता है। यदि ब्रूडिंग में गलती हुई तो आपके चूजे कमजोर होकर 7-8 दिन में मर जाएंगे और फिर सही फीड इस्तेमाल करने पर भी उनका विकास ठीक से नहीं हो पाएगा।

ब्रायलर मुर्गी पालन में ब्रूडिंग के प्रकार

  • बिजली के बल्ब से ब्रूडिंग
  • गैस ब्रूडर से ब्रूडिंग
  • अंगीठी या सिगड़ी से ब्रूडिंग
  • बिजली के बल्ब से ब्रूडिंग: बिजली के बल्ब से ब्रूडिंग करने के लिए आपके फार्म में बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि आप चूजों के लिए बल्ब से ब्रूडिंग कर सको।

गर्मी के महीने में प्रति चूजे को 1 वाट की आवश्यकता होती है और 4 से 5 दिनों तक ब्रूडिंग की जाती है।

सर्दियों के महीने में प्रति चूजे को 2 वाट की आवश्यकता होती है और 12 से 15 दिनों तक ब्रूडिंग की जाती है।

चूजों के पहले सप्ताह में ब्रूडर को लिटर से 6 इंच ऊपर और दूसरे सप्ताह में 10 से 12 इंच ऊपर रखें।

  • गैस ब्रूडर से ब्रूडिंग: यदि आपके फार्म में बिजली की व्यवस्था नहीं है, तो आप गैस ब्रूडर से ब्रूडिंग कर सकते हैं। और यह बाजारों में भी आसानी से मिल जाता है।

आवश्यकता और क्षमता के अनुसार गैस ब्रूडर जैसे 1000 और 2000 क्षमता के ब्रूडर बाजार में उपलब्ध हैं। गैस ब्रूडर ब्रूडिंग का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि यह शेड के अंदर समान तापमान बनाए रखता है।

  • अंगीठी या सिगड़ी से ब्रूडिंग: यदि आपके फार्म में बिजली की व्यवस्था नहीं है और गैस ब्रूडर खरीदने के लिए पैसे नहीं है तो आप अंगीठी या सिगड़ी से ब्रूडिंग कर सकते हैं।

यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए हैं जहां बिजली उपलब्ध नहीं है या जहां अक्सर बिजली कटौती होती है। लेकिन इसमें सावधानी बरतना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे शेड में धुआं या आग भी लग सकती है।

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ब्रायलर मुर्गी दाना/आहार की व्यवस्था

ब्रायलर मुर्गी पालन में चूजों को तीन तरह का दाना दिया जाता है यह दाना मुर्गी/चूजों के उम्र और वज़न के अनुसार दिया जाता है।

मुर्गी/चूजों की उम्रपोल्ट्री फीड (दाना)
0-10 दिन तक के चूजों के लिएप्री स्टार्टर
11-20 दिन के ब्रायलर चूजों के लिएस्टार्टर
21 दिन से मुर्गे के बिकने तकफिनिशर

ब्रायलर मुर्गी पालन में सबसे ज्यादा खर्चा मुर्गी के दाने पर होता है, अनाज में प्रोटीन और उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखना भी जरूरी है। मुर्गियों को नियमित रूप से अमीनो पावर (Amino Power) दें, ताकि मुर्गियों को उचित मात्रा में प्रोटीन, खनिज और विटामिन मिलें, इससे न केवल मुर्गियों का वजन तेजी से बढ़ेगा बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी और बीमारी का डर भी कम होगा।

इसके अलावा आप चूजों को मक्का, सूरजमुखी, तिल, मूंगफली, जौ और गेहूं आदि भी दे सकते हैं।

ब्रायलर पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के लिए पानी की व्यवस्था

ब्रायलर मुर्गी मुर्गा 1 किलो दाना खाने के बाद 2 से 3 लीटर पानी पी जाती है, गर्मियों में पीने का पानी दोगुना हो जाता है। सप्ताहों की संख्या को 2 से गुणा करने पर प्रति 100 चूजों पर जितना पानी खर्च होगा, वह प्राप्त होगा, जैसे-

पहला सप्ताह1 X 2 = 2 लीटर पानी/100 चूजा
दूसरा सप्ताह2 X 2 = 4 लीटर पानी /100 चूजा

ब्रायलर मुर्गी पालन के लिए स्थान की गणना (Calculation)

पहला सप्ताह1 वर्ग फुट/ 3 चूज़े
दूसरा सप्ताह1 वर्ग फुट/ 2 चूज़े
तीसरा सप्ताह से 1 किलो होने तक1 वर्ग फुट/1 चूज़ा
1 से 1.5 किलोग्राम तक1.25 वर्ग फुट/1 चूज़ा
1.5 किलोग्राम से बिकने तक1.5 वर्गफुट/1 चूज़ा

जब चूजों को सही तरह का जगह (space) मिलता है तो चूजों की ग्रोथ अच्छी होती है और वे कई तरह की बीमारियों से भी बचे रहते हैं।

ब्रायलर मुर्गी पालन के लिए लाइट या रोशनी की व्यवस्था

हालांकि ब्रायलर पोल्ट्री फार्म में 24 घंटे रोशनी देने की सलाह दी जाती है, लेकिन चूजों को 23 घंटे ही रोशनी देनी चाहिए और 1 घंटे तक रोशनी बंद रखनी चाहिए। ताकि मुर्गियों को अंधेरे में डर न लगे और अचानक बिजली कट जाने की स्थिति में अंधेरे के लिए तैयार रहें। पहले 2 सप्ताह तक रोशनी कम नहीं होनी चाहिए क्योंकि चूज़े तनाव मुक्त (स्ट्रेस फ्री) रहते हैं और दाना पानी अच्छे से खाते हैं। शेड की रोशनी धीरे-धीरे कम करनी चाहिए।

ब्रायलर मुर्गियों में होने वाली बीमारियां और टीकाकरण

मुर्गीपालकों को हर साल मुर्गियों में होने वाली बीमारियों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ता है, बीमारियों से बचाव के लिए समय-समय पर टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है।

कौन-सा टीका कब लगता है, इसकी जानकारी नीचे बताई गई है:

उम्रबीमारीटीकाकैसे दें
1 दिनमेरेक्सएच वी टी0.1 मि.ली. चमड़ी के नीचे
4 से 6 दिनरानीखेतएफ/बी—1आंख/नाक से एक-एक बूंद या पीने के पानी में
12 से 14 दिनगंबोरोस्टैडर्ड/जीओरजिया इंटरमीडिएट प्लसदो-दो बूंद पाने के पानी में
21 दिनआईबीआईबीदो-दो बूंद पाने के पानी में
42 दिनफाउल पॉक्स या माता रोगमाता का टीका0.1 मि.ली पंख के नीचे या मांस में
60 दिनरानीखेतआर 2 बी या आर डी कोल्ड वैक्सीन0.25—0.5 मि.ली.चमड़ी के नीचे
112 दिनगंबोरो, रानीखेत एंव आई बीकील्ड टीका (मल्टीकम्पोनेंट)0.5 मि.ली. चमड़ी के नीचे
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सर्दी के मौसम में ब्रायलर मुर्गियों की देखभाल

सर्दी के मौसम में ब्रायलर मुर्गी पालन में निम्न बातों पर ध्यान दें –

  • चूजों के आने से कम से कम 2-4 घंटे पहले ब्रूडर चालू होना चाहिए।
  • ब्रूडर के नीचे पानी पहले ही रख दें, इससे पानी थोड़ा गर्म हो जाएगा।
  • अगर ज्यादा ठंड हो तो छोटे गोल शेड को किसी पॉलिथीन से ढक कर भी आप ब्रूडर को कुछ समय के लिए विंडप्रूफ बना सकते हैं।
  • चूजों के आने से 24 घंटे पहले शेड के पर्दे ढक कर रख दें।

ब्रूडिंग तापमान Brooding Temperature

पहला सप्ताह90 डिग्री फेरनहाइट से 95 डिग्री फेरनहाइट
दूसरा सप्ताहचूज़ों को ठंण्ड ना लगने के अनुसार प्रत्येक दिन तापमान को 5 डिग्री फेरनहाइट कम करें।

गर्मी के मौसम में ब्रायलर मुर्गियों की देखभाल

गर्मी के मौसम में ब्रायलर मुर्गी पालन में निम्न बातों पर ध्यान दें –

  • चूजों के फार्म में पहुंचते ही इलेक्ट्रोलाइट पाउडर पानी दें। इस पानी को चूजों को 5-6 घंटे तक पीने को दें।
  • पानी के बर्तनों की उचित संख्या स्थापित करें – 100 चूजों के लिए कम से कम 3 से 4 बर्तन।
  • 6 से 8 घंटे सिर्फ मक्के का दलिया ही दें।
  • दिन में ब्रूडिंग ना करें।
  • हो सके तो छत पर स्प्रिंकलर लगाएं या छत पर पुआल की पोटली बिछा दें।
  • गर्मी के तनाव को कम करने के लिए पानी में विटामिन सी मिलाएं।
  • मुर्गियों का वजन 1 से 1.5 किलो होते ही बेचना शुरू कर दें।
  • सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मुर्गियों को 750 ग्राम से अधिक दाना न खिलाएं या फीडर को ऊपर उठा दें।
  • भीड़भाड़ न करें, हो सके तो शेड की क्षमता से 20 प्रतिशत कम मुर्गियां रखें।

1000 ब्रायलर मुर्गियों के पोल्ट्री फार्म शेड निर्माण की लागत

पूंजी लागतमात्रा / दरराशि (रुपयों में )
भूमि विकास (Land Development)0.5 एकड़₹ 10,000
फेंसिंग0.5 एकड़₹ 10,000
ब्रूडर के साथ पूरे हाउस (घर) का निर्माण
1000 मुर्गियों के लिए @1 वर्ग फ़ीट/मुर्गी
@₹ 250/वर्ग फ़ीट₹ 2,50,000
पनडुब्बी पंप के साथ ट्यूबवेल₹ 90,000
शेड तक की पाइप लाइन₹ 25,000
ओवरहेड टैंक₹ 20,000
1000 मुर्गियों के लिए उपकरण₹ 20/मुर्गी₹ 20,000
बिजली और इलेक्ट्रिक उपकरण₹ 25,000
फ़ीड स्टोर (चारा भंडारण कक्ष)100 वर्ग फ़ीट
@ ₹ 300/वर्ग फ़ीट
₹ 30,000
कुल पूंजी लागत₹4,80,000
कार्यशील पूंजीमात्रा / दरराशि (रुपयों में )
चूजों की कीमत (5150 चूजे)₹35/चूज़ा₹36,750
कंसन्ट्रेट फीड
3.2 किलो/मुर्गी
₹28/किलो₹89,600
दैनिक मजदूरी 45 दिनों के लिए200/दिन₹ 9,000
अन्य खर्च जैसे पशुचिकित्सा₹ 20,750
कुल कार्यशील लागत₹1,56,100

FAQs – ब्रायलर पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस (Broiler Poultry Farming Business)

ब्रायलर मुर्गी पालन में शेड बनाने में कितना खर्च आता है?

यदि आप 1000 मुर्गियों के लिए एक पोल्ट्री फार्म या मुर्गी पालन शेड बनाना चाहते हैं, तो इसमें 1.5 से 2.0 लाख रुपए का खर्चा आता है।

मुर्गी दाना का रेट क्या है 2023?

मुर्गी दाना की लागत को रु. 35 प्रति किलो लेते है, तो 45 दिनों की अवधि में कुल लागत 87,500 रुपये से लेकर 105,000 रुपये तक हो सकती है। हालांकि, कीमत दाने के प्रकार और गुणवत्ता पर भी निर्भर करेगी।

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