लेयर मुर्गी पालन कैसे करें | Layer Poultry Farm Kaise Shuru Karen

Layer Poultry Farming in Hindi: लेयर पोल्ट्री फार्मिंग एक बहुत ही लाभदायक व्यवसाय है। अगर इस व्यवसाय को सही जानकारी और सही तकनीकों से किया जाए तो लेयर मुर्गियां 4 से 5 महीने की उम्र में ही अंडे देना शुरू कर देती हैं. इसके बाद यह साल भर अंडे देती रहती है। एक मुर्गी एक साल में लगभग 300 से 310 अंडे देती है। लेयर पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस कोई भी व्यक्ति शुरू कर सकता है।

Layer Poultry Farm

आइए जानते हैं ब्रायलर मुर्गी पालन (Broiler Poultry Farm) के बारे में-

लेयर मुर्गी पालन क्या है? (Layer Poultry Farm Kya Hai?)

लेयर मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जहाँ मुर्गियों को अंडे उत्पादन के लिए पाला जाता हैं। यह एक विशेष प्रकार की मुर्गियों की प्रजाति है, जो 4 से 5 महीने की उम्र के बाद अंडे देना शुरू करती हैं, इसके बाद यह करीब एक साल तक अंडे देती है। फिर जब इनकी उम्र 16 महीने के आसपास हो जाती है तब इनका मांस बेचा जाता है। इन मुर्गियों के चूजों को पहले दिन से ही पालना पड़ता है जब तक वे अंडे देने में सक्षम नहीं हो जातीं।

लेयर मुर्गी पालन कैसे शुरू करें? (Layer Poultry Farm Kaise Karen)

Layer Poultry Farm Kaise Kare: लेयर मुर्गियों का पालन अंडा उत्पादन के लिए किया जाता है। यह मुर्गियों की एक ऐसी खास नस्ल होती हैं, जिन्हें एक दिन की उम्र से पालने की जरूरत होती है। ये मुर्गियां व्यावसायिक तौर पर 18 से 19 सप्ताह की उम्र में अंडे देना शुरू कर देती हैं। और अपनी 72 से 78 सप्ताह की आयु तक लगातार अंडे देती हैं। अंडे देने की अवधि के दौरान लगभग 2.25 Kg भोजन खाकर लेयर मुर्गी लगभग 1 Kg अंडे का उत्पादन कर सकती हैं।

आइये जानते है लेयर मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए क्या करना होगा।

लेयर पोल्ट्री फार्मिंग शुरू करने के लिए कुछ आवश्यक जानकारी

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए जैसे आप लेयर मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होना चाहिए तभी आप लेयर पोल्ट्री फ़ार्मिंग शुरू कर सकते है, यहाँ नीचे लेयर पोल्ट्री फ़ार्मिंग में सफल होने के लिए कुछ टिप्स दिए गए हैं:

लेयर मुर्गी पालन के लिए जगह का चयन करें

लेयर पोल्ट्री फार्म शुरू करने के लिए आपको एक बहुत ही सटीक जगह की आवश्यकता होगी जैसे:

  • लेयर पोल्ट्री फार्म एक ऐसा व्यवसाय है जो गांव से बाहर खेत के अंदर स्थित होना चाहिए ताकि सड़क यातायात और अवांछित शोर न सुनाई दें। क्योंकि अत्यधिक शोर मुर्गियों के अंडा उत्पादन को प्रभावित करता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी पालन करें क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि और श्रम अपेक्षाकृत सस्ते हैं।
  • शोर मुक्त और शांत जगह का चयन करें।
  • कोशिश करें कि जगह प्रदूषण मुक्त हो।
  • इसके अलावा, जगह का चयन करते समय पर्याप्त मात्रा में ताजे और साफ पानी का एक बड़ा स्रोत सुनिश्चित करें।
  • इतना ही नहीं, उस जगह से शहर तक के परिवहन व्यवस्था (transport system) पर भी ध्यान दें।
  • आपके द्वारा चुनी गई जगह के पास अगर कोई बाजार हो तो अच्छा रहेगा। इससे आपका परिवहन खर्च काफी हद तक बचेगा।

लेयर मुर्गी पालन के लिए शेड का निर्माण (Layer Poultry Farm Design)

लेयर पोल्ट्री फार्म डिजाइन: शेड का निर्माण करते समय दिशा का विशेष ध्यान रखें, शेड की दिशा पूर्व से पश्चिम की ओर होनी चाहिए और जाली वाला भाग हमेशा उत्तर से दक्षिण की ओर होना चाहिए ताकि शेड के अंदर ठीक से हवा प्रवाहित हो सके।

  • शेड की चौड़ाई 30 से 35 फुट और लंबाई आप आवश्यकतानुसार रख सकते हैं।
  • मुर्गी पालन शेड की ऊंचाई फर्श से 8 से 10 फुट होना चाहिए।
  • शेड की बीचो-बीच (Center) की ऊँचाई फर्श से 14 से 15 फूट होना चाहिए।
  • लेयर मुर्गी पालन शेड का फर्श पक्का होना चाहिए।
  • यदि आपके पास बजट कम है तो आप कच्चा फर्श भी डाल सकते हो।
  • शेड के अंदर मुर्गी दाना व पानी के बर्तन, पानी की टंकी और बिजली के बल्ब की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।

नोट: कुछ किसान मुर्गियों को बाहर खुले में छोड़ देते हैं, ऐसा करने से कुछ मामलों में बाहर के जानवर मुर्गियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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लेयर मुर्गी पालन के लिए चूजों की व्यवस्था / मुर्गियों का चयन

सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप पोल्ट्री फार्मिंग से कैसे कमाई करना चाहते हैं।

उदाहरण के लिए: अंडे बेचकर कमाई करना या मांस बेचकर कमाई करना।

अगर आप अंडे का उत्पादन कर उसे बेचना चाहते हैं तो इसके लिए लेयर मुर्गियों का चयन करें।

वहीं अगर आप मुर्गी मांस बेचकर पैसे कमाना चाहते हो, तो ब्रायलर मुर्गियां पालन अच्छा रहेगा।

यदि आप अपने पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय को मुख्य व्यवसाय के रूप में अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। तो आपको उच्च उत्पादकता वाली मुर्गियों का चयन करना होगा। इसके लिए आपको अपने निकटतम हैचरी से स्वस्थ चूजों का चयन करना होगा।

लेयर मुर्गियों के लिए आहार प्रबंधन

लेयर पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों को दाना उनकी उम्र और वज़न के अनुसार दिया जाता है।

एक अंडा देने वाली मुर्गी को प्रतिदिन 130 से 140 ग्राम दाने की आवश्यकता होती है।

एक चूजे को प्रतिदिन कम से कम 60 ग्राम दाने की जरूरत होती है। यदि वे अपने दैनिक राशन को पूरा करते हैं, तो उन्हें खिलाने के लिए फल और सब्जी काटकर दे।

युवा मुर्गियां जो अंडे देना शुरू करने वाली हैं, उन्हें 2.5 महीने तक 60 ग्राम दाना खिलाया जाना चाहिए इसके बाद लेयर फीडिंग (140 ग्राम प्रति दिन) की जानी चाहिए। उनके आहार के अलावा सब्जियों, खाने योग्य पौधों की पत्तियों और फलों के छिलकों से आहार की पूर्ति करें।

फीडर को एक दिन में पूरी तरह से भरने की अनुशंसा नहीं की जाती है क्योंकि-

  • चारा/दाना जल्दी खराब हो जाता है और नीचे का चारा भी खराब हो जाता है, जिसके सेवन से मुर्गियों के स्वास्थ्य और अंडे के उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
  • अगर फीडर पूरा भर जाए तो फ़ीड (चारा) बड़ी मात्रा में बर्बाद हो जाता है।

मुर्गीपालकों को फीडर को पर्याप्त मात्रा में फ़ीड से बार-बार भरना चाहिए, एक बार सुबह में, फिर दोपहर में, और यदि आवश्यक हो तो शाम को। फ़ीड में कम से कम 18% प्रोटीन होना चाहिए। इसके अलावा, फ़ीड में कोई भी बदलाव धीरे-धीरे करना चाहिए, एकदम से नहीं। फार्म में साफ पानी की भी व्यवस्था होनी चाहियें।

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लेयर मुर्गियों के लिए पानी की व्यवस्था

  • मुर्गियों को हमेशा ताजा और साफ पानी देना चाहिए।
  • अगर आप छोटे पैमाने पर लेयर पोल्ट्री फार्म करना चाहते हैं तो आप मैनुअल ड्रिंकर का उपयोग कर सकते हैं।
  • सर्दी के मौसम में मुर्गियों को ताजा पानी या हल्का गर्म पानी पिलाना चाहिए, क्योंकि सर्दियों में ज्यादा देर तक रखा हुआ पानी ठंडा हो जाता है, और ज्यादा ठंडा पानी पीने से मुर्गियां बीमार हो जाती हैं।
  • गर्मी के मौसम में भी मुर्गियों को ताजा पानी पिलाना चाहिए, क्योंकि गर्मियों में लंबे समय तक रखा हुआ पानी गर्म हो जाता है।
  • पिंजरा प्रणाली में मुर्गियों को पानी देने के लिए नोजल ड्रिंकर का उपयोग करें।
  • डीप लीटर प्रणाली में मुर्गियों को पानी देने के लिए ऑटोमेटिक ड्रिंकर का उपयोग करें।
  • मुर्गियों को ताजा, स्वच्छ पेयजल हर समय उपलब्ध होना चाहिए, ड्रिंकर को साफ रखना चाहिए और गर्म गर्मी के दिनों में ड्रिंकर को सीधी धूप से बचाएं।

लेयर पोल्ट्री फार्म में बिजली की व्यवस्था

लेयर पोल्ट्री फार्मिंग में जब मुर्गियां अंडे देने की अवस्था में आती हैं तो उन्हें लगभग 16 घंटे की रोशनी की जरूरत होती है। मौसम में बदलाव के कारण, कभी-कभी दिन की रोशनी ठीक से नहीं मिल पाती है और अंडे के उत्पादन में कमी आने लगती है।

ऐसे में फार्म के अंदर 2 से 4 घंटे कृत्रिम रोशनी (बल्ब की रोशनी) देनी पड़ती है। इसके लिए किसान या मुर्गीपालक 100 मुर्गियों के लिए एक 60 वॉट के बल्ब का उपयोग कर सकता हैं। इसे स्वचालित (automatically) रूप से चालू या बंद (on/off) करने के लिए टाइमर का भी उपयोग कर सकते हैं।

लेयर पोल्ट्री फार्म में अंडों को इकट्ठा करना (Egg Collection)

अंडों को नेस्ट बॉक्स से नियमित रूप से एकत्र किया जाना चाहिए, डीप लिटर प्रणाली में अंडों को दिन में एक बार और पिंजरे प्रणाली में इसे दिन में दो बार एकत्र किया जाना चाहिए। किसान आमतौर पर एग रोल आउट लगाते हैं ताकि अंडों को इकट्ठा करना आसान हो जाए।

मुर्गियों के अंडे देने से 1 सप्ताह पहले एक नेस्ट बॉक्स (ट्रे) बनाया जाता है। लेयर मुर्गियों की संख्या के आधार पर, 3 प्रकार के नेस्ट बॉक्स होते हैं।

  1. इंडिविजुअल नेस्ट – प्रत्येक 4 से 5 लेयर मुर्गियों के लिए एक नेस्ट बॉक्स होता है।
  2. कम्यूनिटी नेस्ट – यह 40 से 50 लेयर मुर्गियों के लिए एक नेस्ट बॉक्स होता है।
  3. ट्रैप नेस्ट – इस प्रकार के बॉक्स का उपयोग अनुसंधान उद्देश्यों के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें एक समय में एक मुर्गी रहती है।

अंडे के खोल पर लगे खून के धब्बे को साफ पानी से धोना चाहिए, इसके बाद उन अंडों को तुरंत फ्रिज (refrigerator) में रखना चाहिए, ताकि संक्रमण का खतरा न हो।

अनुत्पादक मुर्गियों को फार्म से निकालना

जो लेयर मुर्गियां अनुत्पादक होती हैं उन्हें फार्म से तुरंत बाहर निकाल देना चाहिए, क्योंकि उन्हें फार्म अंदर रखने से कोई फायदा नहीं है।

अनुत्पादक मुर्गियां बिना अंडे दिए लगातार दाना खाती रहती हैं, इसलिए उन्हे रखना महंगा पड़ता हैं।

अनुत्पादक लेयर मुर्गियों के लक्षण:

  • पीला कोम
  • कटा हुआ कोम
  • दुबले पतले शरीर वाले
  • सुस्त
  • निष्क्रिय

लेयर मुर्गियों की प्रजातियाँ (Breeds of Layer Birds)

लेयर मुर्गियों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियां होती हैं, जो इस प्रकार है:

  1. BV -300 (सफेद)
  2. BV -380 (भूरा)
  3. लोहमैन ब्राउन (Lohmann Brown)
  4. हाइलाइन ब्राउन (Hyline Brown)
  5. बोवनस व्हाइट (Bovan’s White)
  6. हाइलाइन W-36

1. BV -300 (सफेद)

White Layer hen: हम बाजार या गांव की दुकान से जो सफेद अंडे खरीदते हैं, वे इसी मुर्गी के होते हैं। इस मुर्गी को ज्यादा से ज्यादा सफेद अंडे के लिए पाला जाता है।

इस प्रजाति की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

  • इस मुर्गी का वजन 140 दिनों में 1.3 किलो हो जाता है
  • यह मुर्गी 140 दिनों में अंडे देना शुरू कर देती है और 150 दिनों में ही अंडे देती है।
  • यह मुर्गी 20 हफ्ते में 7 किलो अनाज खा जाती है।
  • 1 साल में 1 मुर्गी 300 से 330 तक अंडे देती है।
  • इनके अंडे का रंग सफेद होता है और अंडे का वजन 60 ग्राम होता है।
  • यह मुर्गी 72 सप्ताह की आयु तक 330 अंडे देती हैं, जिसके बाद इसे मांस के लिए बेच दिया जाता है।

2. BV -380 (भूरा)

Brown layer hen: यह मुर्गी देसी मुर्गी की नस्ल होती है, जिसे भूरे रंग के अंडे उत्पादन के लिए पाला जाता है।

BV-300 (सफेद) के लेयर मुर्गी में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

  • इस मुर्गी का वजन 140 दिन में 1.3 किलो हो जाता है।
  • और 7.5 किलो अनाज खा जाती है।
  • यह मुर्गी 140 दिन के अंदर अंडे देना शुरू कर देती है।
  • 25 हफ्ते में भरपूर मात्रा में अंडे देती है।
  • 1 साल में 250 से 280 अंडे देती है।
  • इनके अंडे का रंग भूरा और वजन 55 ग्राम होता है।

3. लोहमैन ब्राउन (Lohmann Brown)

लोहमैन ब्राउन मुर्गी की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

  • इस मुर्गी शरीर 20 सप्ताह में 1.5 से 1.7 किलोग्राम और उत्पादन के अंत तक 2.1 किलोग्राम तक हो जाता है।
  • फ़ीड रूपांतरण अनुपात 2.1 से 2.2 है।
  • इस मुर्गी के अंडे का रंग भूरा होता है।
  • यह 14 महीनों में लगभग 345 अंडे देती है।

4. हाइलाइन ब्राउन (Hyline Brown)

इस मुर्गी की विशेषताएं कुछ इस प्रकार हैं:

  • इस मुर्गी का वजन 17 सप्ताह में 1.7 किलोग्राम तक हो जाता है।
  • यह मुर्गी 5.62 किलोग्राम तक फ़ीड खा जाती हैं।
  • एक मुर्गी 80 सप्ताह में 22 किलो अंडों का उत्पादन करती है।
  • इस मुर्गी के अंडों का वजन 32 सप्ताह में 61.6 ग्राम और 70 सप्ताह में 64.1 ग्राम तक होता है।

5. बोवनस व्हाइट (Bovan’s White)

विशेषताएं:

  • Bovans White ( बोवन्स वाइट ) मुर्गी का वजन 126 दिनों में 1.2 किलोग्राम तक हो जाता है।
  • यह मुर्गी 126 दिनों में 7 किग्रा आहार ग्रहण कर लेती है।
  • यह मुर्गी 133 दिन के अंदर अंडे देना शुरू कर देती है।
  • बोवन्स वाइट मुर्गी 1 वर्ष में 330 अंडे देती है, और 73 सप्ताह तक अंडे देती है।
  • इस मुर्गी के अंडे का रंग सफेद होता है। 
  • अंडे का वजन 55 से 60 ग्राम होता है।

6. हाइलाइन W-36

विशेषताएं:

  • इस मुर्गी का वजन 17 सप्ताह में 24 किग्रा और 70 सप्ताह में 1.54 किग्रा होता है।
  • इसके अंडे का वजन 38 हफ्ते में 1 ग्राम होता है।

लेयर पोल्ट्री फार्म में रोग प्रबंधन (Disease Management)

लेयर मुर्गी विभिन्न बीमारियों जैसे न्यूकैसल रोग, फाउल पॉक्स, परजीवी से पीड़ित हो सकते हैं जो अंडे के उत्पादन को प्रभावित करते हैं।

मुर्गियों में होने वाली बीमारियों के सबसे आम लक्षण छींकना, झुनझुनाहट (रैटलिंग), बिखरना (तितर बितर होना), पक्षाघात, सिर और गर्दन आदि हैं।

यदि किसी भी मुर्गी असामान्य बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क किया जाना चाहिए। इसके अलावा मुर्गियों को बढ़ती बीमारियों से बचाने के लिए सही समय पर टीका लगवाए।

टीकाकरण की जानकारी नीचे सरणी में दी गई है-

मुर्गियों की आयुरोग
3 से 4 दिनन्यूकैसल रोग
4 सप्ताहफॉल पॉक्स
6 सप्ताहआंतरिक परजीवी
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लेयर मुर्गियों के लिए ब्रूडिंग (आयु के अनुसार ब्रूडर का तापमान)

सप्ताह (उम्र )तापमान (℉)तापमान (℃)
01 – 07 दिन  (1वां सप्ताह)105 °F40 °C
08 – 14 दिन (2वां सप्ताह)100 °F37 °C
15 – 21 दिन (3वां सप्ताह)95 °F35 °C
22 – 31 दिन (4वां सप्ताह)90 °F32 °C
32 – 35 दिन (5वां सप्ताह)85 °F29 °C
36 – 42 दिन (6वां सप्ताह)80 °F26 °C
43 – 49 दिन (7वां सप्ताह)75 °F23 °C

Note: कभी भी तापमान को 75°F से नीचे न लाएँ और 7वें सप्ताह पर स्थिर रखें। इसके अलावा चूजे के आने से 8-10 घंटे पहले ब्रूडर चालू कर देना चाहिए।

लेयर मुर्गियों के लिए टीकाकरण अनुसूची (Vaccination schedule for layer chickens)

उम्रटीकामार्ग
0 दिनमरेक्स रोग टीका (एचवीटी)एस/सी 0.2 मिली
5-7 दिनरानीखेत रोग टीका- आरडीवीएफओ/एन
12-14 दिनसंक्रामक बर्सल रोग टीका- प्रूनिंग इंटरमीडिएट जॉर्जियाओ/एन या पानी
18-22 दिनसंक्रामक ब्रोंकाइटिसओ/एन या पानी
24-27 दिनआईबी वैक्सीन बूस्टरपानी
28-30 दिनआरडी वैक्सीन बूस्टर- ला सोटापानी
6वां सप्ताहमुर्गी चेचक का टीका या संक्रामक कोरिजा का टीका (यदि क्षेत्र में प्रचलित हो)एस/सी
8वां सप्ताहRD वैक्सीन- RDVK या R2Bएस/सी या आई/एम
9वां सप्ताहमुर्गी चेचक का टीकाविंग वेब
12वां-13वां सप्ताहआईबी बूस्टरपानी
18वां सप्ताहआरडी बूस्टर- आरडीवीके या आर2बीएस/सी या आई/एम
45वां-50वां सप्ताहआरडी ला सोटा हर 2 महीने में एक बार दोहराया जाता है।पानी

1000 लेयर मुर्गियों को पालने के लिए कुल खर्चा (Poultry Farm Shed Cost)

पोल्ट्री फार्म शेड खर्च: 1000 लेयर मुर्गियों को पालने के लिए शेड के निर्माण सहित कुल लागत नीचे सरणी में दी गई है।

पूंजी लागतमात्रा / दरराशि (रुपयों में )
1000 मुर्गियों के लिए जगह = 990-1000 वर्ग फीटRs. 200/वर्ग फिट1000 मुर्गियां x 200 रुपए = 2,00,000
पिंजरे की लागत 1000 मुर्गियों के लिएRs. 150/मुर्गी1000 मुर्गियां x 150 रुपए = 1,50,000
पानी और बिजली का खर्चाRs. 18/ मुर्गी1000 मुर्गियां x 18 रुपए = 18,000
कुल पूंजी लागत=3,68,000 रुपए
आवर्ती पूंजी लागतमात्रा / दरराशि (रुपयों में )
14 सप्ताह की मुर्गीया (1000)Rs. 220/ मुर्गी1000 मुर्गियां x 220 रुपए = 2,20,000
फ़ीड की लागत (15 से 18 सप्ताह की मुर्गियों के लिए)1.8 किलो x 1000
@22 किलो
39,600 रुपए
फ़ीड की लागत (19 से 25 सप्ताह की मुर्गियों के लिए)4 किलो x 1000
@22 किलो
1,12,000 रुपए
दवा और वैक्सीन की लागत₹ 10/ मुर्गी1000 मुर्गियां x 10 रुपए = 10,000
बिजली बिल, मजदूरी और कीटाणुनाशक₹ 10/ मुर्गी1000 मुर्गियां x 10 रुपए = 10,000
कुल आवर्ती पूंजी लागत=3,91,600 रुपए
3,69,600 (पूंजी लागत) + 3,91,600 (आवर्ती पूंजी लागत) = 7,59,600 रुपए

1000 लेयर मुर्गियों के लिए पोल्ट्री फार्म बनाने के लिए आपका कुल खर्चा लगभग 7,59,600 रुपये आएगा।

Note: उपरोक्त डेटा http://www.fardodisha.gov.in/ से लिया गया है, इसमें व्यावहारिक (practical) रूप में परिवर्तन हो सकते हैं।

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