प्रजनन योग्य बकरे का चुनाव तथा बकरी का चुनाव

आज हम आपको इस आर्टिकल में “प्रजनन योग्य बकरों का चयन और गर्भाधान बकरी का चयन” इसके बारे में डिटेल में जानकारी देने वाले हैं। इससे आपको बकरियों की संख्या बढ़ाने में तथा बकरी पालन व्यवसाय में बहुत लाभ मिलेगा। इसके अलावा हम आपको गर्भावस्था और बंध्याकरण के लाभ इनके बारे में भी बताने वाले हैं।

प्रजनन योग्य बकरे का चुनाव

Prajanan yogya Bakron Ka Chayan

बकरी पालन व्यवसाय बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि अधिक शुद्ध तथा अच्छी नस्ल के प्रजनन योग्य बकरों को क्रॉस के लिए प्रयोग में लाया जाए। इसके लिए आपको बाड़े में से ज्यादा वृद्धि दर वाले बकरी के नर बच्चों का चयन करना है।

जिस भी नर बच्चे का चयन कर रहे हो वह बच्चा स्वस्थ, फुर्तीला और चुस्त होना चाहिए। प्रजनन योग्य बकरे के दोनों अंडकोष एक समान आकार एवं पूर्ण विकसित हो।

नस्ल के हिसाब से उन बच्चों को अच्छी तरह से खिलाएं-पिलाएं और मादा बकरियों से अलग रखें। बकरे के एक प्रजनन काल में अधिक से अधिक 40 से 50 बकरियों का गाभिन करवाएं।

यदि आप प्राकृतिक तरीके से गर्भाधान करवाते हो तो एक बकरे को रेवड़ में प्रजनन के लिए 2 साल से अधिक प्रयोग में न लें, तथा बकरे को बदल कर प्रजनन कराएं। इससे बकरियों की प्रजनन क्षमता बनी रहती है तथा अप्रजनन की संभावना नहीं रहती है।

  • प्रजनन योग्य बकरों का शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त होना चाहिए। इसके अलावा शुद्ध एवं अच्छी नस्ल कहां होना चाहिए, जैसे शुद्ध जमुनापारी बकरे की पहचान- इसके शरीर का रंग पूर्ण रूप से सफेद, गर्दन व कानो भूरे रंग के धब्बे, लटकते हुए लंबे कान, इनका मुंह देखने में तोते की चोंच की तरह और पीछे जंगो पर लंबे बालों का गुच्छा होता है।
  • प्रजनन हेतु आप जिस भी बकरे का चयन कर रहे हो उस बकरे का शारीरिक वजन अधिक होना चाहिए। क्योंकि अधिक वजन वाले बकरे को जिस भी बकरी के साथ क्रॉस करवाओ गे वह बकरी अधिक वजन वाले बच्चा पैदा करेंगे। इससे किसानों और बकरी पालन को अधिक लाभ मिलेगा।
  • जिस भी बकरे को प्रजनन योग्य बनाना चाहते हो उस बकरे के सींग पूरी तरह सीधे एवं ऊपर की ओर नहीं होने चाहिए। इसके अलावा सींग पूरी तरह से नीचे की तरफ झुके हुए भी न हो। प्रजनन योग्य बकरे के सींग कुछ गोलाई बनाने हुए आगे की ओर होने चाहिए।
  • प्रजनन के लिए उस बकरे का चयन करें जिसका सिर खड़े होने पर सीधा रहता हो और गर्दन दोनों कंधों से ऊपर प्रतीत होती है। यह अच्छे उत्पादक बकरे की पहचान है।

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बकरी का चुनाव व गर्भाधान

बकरी पालन व्यवसाय बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि उत्तम मादा बकरी का चयन करें जैसे जमुनापारी बकरी, बीटल बकरी और सिरोही बकरी की नस्लें 20 से 26 महीने में पहली बार बच्चा दे देती है इसके अलावा ब्लैक बंगाल बकरी, गंजाम बकरी और बरबरी बकरी की नस्लें 12 से 15 माह में पहली बार बच्चे को पैदा करती है।

बकरियां जब प्रोढ़ वजन (वजन का 60-70 प्रतिशत) और आयु प्राप्त कर ले तब उन्हें ग्याभिन करवाएं। मदकाल के आरम्भ में योनि द्रव्य कम व पतला, मध्यावस्था में ज्यादा व पारदर्शी तथा अन्त में कम व गाढ़ा होने लगता है। बकरियां 24 से 40 घंटे तक मदकाल में रहती है और इसी समय प्रजनन योग्य बकरे से गर्भधान करवाने पर बकरी गर्भधारण करती है।

अगर कोई बकरी सुबह के समय मदकाल में आए तो उसी दिन शाम तथा अगले दिन सुबह के समय गाभिन करवाएं। इसके अलावा यदि बकरी शाम के समय मदकाल में आए तो उसे अगले दिन सुबह और शाम के समय गाभिन करवाएं।

गर्भवती बकरियों का विशेष ध्यान रखें तथा गर्भवती बकरियों का पता करने के लिए एक बकरे के पेट पर कपड़ा बांधकर उसे बकरियों के झुंड में प्रतिदिन सुबह शाम घुमाने पर गर्भवती बकरियों का पता चल जाता है।

यदि गर्भधान करवाने के बाद भी बकरी में फिर से गर्भाधान के लक्षण दिखाई दे तो ऊपर बताए गए विधि के अनुसार पुनः गाभिन करवाएं। जो बकरियां प्रेग्नेंट नहीं होती वह 2 से 3 हफ्ते बाद पुनः मदकाल में आती हैं। और उन बकरियों को पुनः गाभिन करवाएं।

गर्भावस्था बकरी की जानकारी

बकरियों की गर्भकाल अवधि 5 महीने (143 से 148 दिन) होती है। जब बकरियों की गर्भावस्था के अंतिम 5 से 6 सप्ताह रह जाते हैं तो उन बकरियों को पौष्टिक आहार चाहिए। इससे होने वाले बकरियों के बच्चे स्वस्थ और अधिक वजन वाले पैदा होंगे।

ब्याने के 15 दिन पहले को बकरी के शरीर के पिछले हिस्से के आसपास के बालों को देना है। और जिस बाड़े में बकरी को रखा जाता है वह सूखा स्थान होना चाहिए। बकरी के ब्याने के एक सप्ताह पहले चूना डालकर और फिर सूखी घास बिछा दे।

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बकरों में बधियाकरण के फायदे (Benefits of castration in goats)

  • बधियाकरण बकरों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है और उनकी आक्रामकता रुक जाती है।
  • बधियाकरण से मांस के लिए उपयोग में आने वाले बकरों के मांस की गुणवत्ता बढ़ जाती है और कम समय में अधिक वजन बढ़ाने से अच्छी कीमत मिलती है।
  • बधिया बकरों को 9 से 10 महीने की उम्र में बेचना लाभदायक होता है।
  • बकरियों के झुंड में अनावश्यक प्रजनन को रोका जा सकता है।
  • बधियाकरण से बकरों की खास गंदे से छुटकारा मिलता है।
  • इससे मांस की गुणवत्ता में अधिक वृद्धि होती है।
  • इससे चमड़ी का भी अधिक दाम मिलता है।
  • बधियाकरण करवाने से बकरा झंडे से अलग नहीं भागते।

बकरी पालन में 6 महीने के ऊपर के बकरों का बधियाकरण बरडिजो केस्ट्रेटर के द्वारा किया जाता है। बधियाकरण करने के बाद टिंचरआयोडीन लगाना चाहिए। टिंचरआयोडीन से संक्रमण कम होता है।

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FAQ:

  1. बकरी का प्रजनन चक्र कितना होता है?

    एक बकरी प्रजनन चक्र 144 से 152 दिन तक गर्भधारण करती है।

निष्कर्ष/ Conclusion

हमने आपको इस आर्टिकल में प्रजनन योग्य बकरों का चयन तथा गर्भाधान बकरी का चयन के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद करता हूं कि आपको इस आर्टिकल से मदद मिलेगी।

आप हमें कमेंट करके बताएं कि आपके पास प्रजनन के लिए किस नस्ल का बकरा है।

अगर आपको बकरियों से संबंधित कोई भी प्रश्न या सवाल पूछना है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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