आज के इस आर्टिकल में हम आपको भारत में बकरियों की प्रमुख नस्लों के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं कि कौन सी बकरी भारत के किस क्षेत्र में पाई जाती है भारत में बकरी पालन का व्यवसाय बहुत तेजी से बढ़ रहा है बकरी पालन गरीब लोगों और किसानों के लिए कम खर्च और अधिक मुनाफा देने वाला बिजनेस है।
भारत के उत्तरी क्षेत्र में पाई जाने वाली बकरियों की नस्ल
भारत के जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड क्षेत्रों में पहाड़ी इलाका आता है इन पहाड़ी इलाकों में अधिक ठंड होने के कारण यहां बकरियां पश्मीना रेशे और मास उत्पादन के लिए पाली जाती है।
गददी बकरी (Gaddi Goat)
हिमाचल प्रदेश में गद्दी नस्ल की बकरियां चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू घाटी तथा जम्मू कश्मीर क्षेत्रों में पाई जाती हैं इस नस्ल की बकरियों का पालन मांस और रेशे लिए किया जाता है इसके अलावा गद्दी नस्ल का बकरा बोझा ढोने के काम आता है यह बकरियां मध्यम आकार की होती है गद्दी नस्ल के बकरे का वजन 28Kg और बकरी का वजन 23Kg होता है।
इस नस्ल की बकरी के शरीर का रंग सफेद होता है लेकिन कुछ बकरियों के ऊपर काले और भूरे रंग के धब्बे होते हैं इस बकरी का पूरा शरीर लंबे बालों से ढका होता है इस बकरी के कान 12 सेंटीमीटर लंबे होने के कारण नीचे की तरफ लटके होते हैं और इनके सींग लंबे और ऊपर की तरफ मुड़े हुए होते हैं गद्दी नस्ल की बकरियां के बालों उपयोग रस्सी तथा कंबल बनाने में किया जाता है यह एक ब्यात में 50 लीटर तक दूध दे सकती हैं।
चांगथांगी बकरी (Changthangi Goat)
भारत के जम्मू कश्मीर राज्य के कारगिल, लेह लद्दाख में चांगथांगी नस्ल की बकरियां पाई जाती है इस नस्ल की बकरी -40 डिग्री सेल्सियस का तापमान भी सहन कर सकती है चांगथांगी नस्ल की बकरियों का पालन रेशा पश्मीना प्राप्त करने के लिए किया जाता है बाजार में इसकी कीमत बहुत अच्छी मिल जाती हैं।
चांगथांगी नस्ल की बकरी मध्यम आकार की होती है इस नस्ल की बकरियों का रंग सफेद, कुछ बकरियों में काले और भूरे रंग के धब्बे होते हैं इनमें वजन 21 किलोग्राम (नर तथा मादा) होता है, इनका पूरा शरीर घने लंबे बालों से ढका हुआ होता है और इनके सींग उठे हुए, बाहर की तरफ घुमावदार होते हैं।
चेगू बकरी (Chegu Goat)
चेगू नस्ल की बकरियां भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में हिमालय की लाहुल वह स्पीति घाटियों, चंबा और किन्नौर वाले क्षेत्र में पाई जाती हैं इस नस्ल की बकरियों के शरीर का रंग मुख्य रूप से सफेद होता है लेकिन कुछ बकरियों का रंग सफेद के साथ भूरा लाल भी होता है।
चेगू नस्ल के बकरे का वजन 40Kg और बकरी का वजन 25 किलोग्राम होता है चेगू नस्ल की बकरी से भी रेशा पश्मीना प्राप्त किया जाता है इनके सींग उठे हुए और घुमावदार होते हैं इस नस्ल की बकरी पालन मुख्य रूप से मांस उत्पादन के लिए किया जाता है इस बकरी से थोड़ा दूध भी उत्पादन किया जाता है यह एक ब्यात में 60 से 70 लीटर तक दूध देती है।
जानिए बकरी की नस्ल कितने प्रकार की होती है?
भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पाई जाने वाली बकरियों की नस्ल
भारत के राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्यों सूखे क्षेत्रों में आते हैं उत्तर पश्चिमी क्षेत्र बकरियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस क्षेत्रों में बकरियों की सबसे ज्यादा नस्लें पाई जाती है।
सिरोही बकरी (Sirohi Goat)
भारत में सिरोही नस्ल की बकरियां राजस्थान राज्य के राजसामंद, सिरोही, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, अजमेर और भीलवाड़ा जिलों में पाई जाती है इस नस्ल की बकरी किसी भी वातावरण को सहन कर सकती हैं सिरोही बकरी बड़ा होता है इनमें नर बकरी का वजन 42Kg और मादा बकरी का वजन 35Kg होता है।
इस नस्ल की बकरी के शरीर का रंग भूरा होता है हालांकि कुछ बकरियों के शरीर पर सफेद और भूरे रंग के धब्बे होते हैं इस नस्ल की बकरी के काम पत्ते की तरह चपटे और लंबे होने के कारण नीचे की तरफ लटके रहते हैं इनके सींग होते हैं सिरोही बकरियों का पालन मुख्य रूप से दूध और मांस के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 80 लीटर दूध देती है।
मारवाड़ी बकरी (Marwari Goat)
भारत में मारवाड़ी नस्ल की बकरियां राजस्थान राज्य के जोधपुर, नागौर, पाली, जालौर, बाड़मेर, बीकानेर और जैसलमेर जिलों में पाई जाती हैं मारवाड़ी बकरी का शरीर मध्यम आकार का होता है इस बकरी का शरीर लंबे बालों से ढका होता है और इनके शरीर का रंग गहरा काला होता है।
इस नस्ल की बकरी के कान चपटे तथा नीचे की ओर मुड़े होते हैं और छोटे नुकीले सींग पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं मारवाड़ी नस्ल के बकरे का वजन 40Kg और बकरी का वजन 31 किलोग्राम होता है भारत में मारवाड़ी नस्ल की बकरियों का पालन दूध और मांस उत्पादन के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 85 लीटर तक दूध देती है।
जखराना बकरी (Jakhrana Goat)
भारत में जखराना नस्ल की बकरियां राजस्थान राज्य के अलवर जिले में पाई जाती हैं इस नस्ल की बकरियां बड़े आकार की होती है इनके शरीर का रंग काला, मुंह और कानों पर सफेद धब्बे होते हैं इनके सींग माध्यम नुकीले, ऊपर से पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं और काम चपटे व मीडियम साइज के होते हैं जखराना बकरी का वजन 45 किलोग्राम और बकरे का वजन 58 किलोग्राम होता है इस नस्ल की बकरियों का पालन भारत में मांस और दूध उत्पादन के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 152 लीटर तक दूध देती है।
बीटल बकरी (Beetal Goat)
भारत में बीटल नस्ल की बकरियां पंजाब राज्य के गुरदासपुर, फिरोजाबाद और अमृतसर में पाई जाती है बीटल नस्ल की बकरी का शरीर बड़ा और मध्यम आकार की होती है इनके शरीर का रंग भूरा तथा सफेद के धब्बे होता है और इनके कान लंबे होने के कारण नीचे लटके रहते हैं।
बीटल बकरी के सींग छोटे होते हैं इनमें नर बकरी का वजन 57 किलोग्राम और मादा बकरी का वजन 45 किलोग्राम होता है भारत में इस नस्ल की बकरी का पालन मुख्य रूप से मांस और दूध के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 150 से लेकर 200 लीटर तक दूध देती है।
बारबरी बकरी (Barbari Goat)
भारत में बारबरी नस्ल की बकरियां राजस्थान राज्य के भरतपुर तथा उत्तर प्रदेश राज्य के हाथरस, एटा, इटावा, मथुरा, आगरा और अलीगढ़ जिले में पाई जाती है बारबरी बकरी का शरीर होता है इसके शरीर रंग भूरे सफेद तथा सफेद रंग के चितकबरी धब्बे होते हैं।
इस नस्ल की बकरी के कान छोटे नुकीले, ऊपर की ओर उठे हुए होते हैं इनके सींग मीडियम साइज तथा पीछे की और मोटे होते हैं बारबरी बकरी का वजन 20 किलोग्राम तथा बकरे का वजन 36 किलोग्राम होता है बारबरी बकरी का पालन दूध तथा मास दोनों के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 80 से लेकर 100 लीटर तक दूध देती है।
जमुनापारी बकरी (Jamnapari Goat)
भारत में जमुनापारी नस्ल की बकरियां उत्तर प्रदेश राज्य के यमुना और इटावा जिले में पाई जाती है जमुनापारी बकरी का शरीर बड़ा होता है बकरियों का रंग सफेद तथा कुछ बकरियों के गले और सिर पर धब्बे होते हैं इनकी नाक उभरी हुई और उसके नाक के ऊपर बालों के गुच्छे होते हैं इनके कान लंबे (30 सेंटीमीटर), लटके होते हैं।
जमुनापारी बकरी के सींग छोटे होते हैं इस नस्ल की बकरी के थन ज्यादा लंबे, भारी होते हैं इनके शरीर के वजन में मादा बकरी का 38 किलोग्राम और नर बकरी का 45 किलोग्राम होता है जमुनापारी बकरी का पालन मुख्य रूप से दूध और मांस के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 200 लीटर तक दूध देती है।
मेहसाणा बकरी (Mehsana Goat)
भारत में मेहसाणा नस्ल की बकरी गुजरात राज्य के पटना, मेहसाणा, साबरकांठा, गांधीनगर, बनासकांठा और अहमदाबाद के जिओ में पाई जाती हैं मेहसाणा नस्ल की बकरी मध्यम आकार की होती हैं इसके शरीर का रंग काला और भूरा होता है तथा इनके कान सफेद पत्तों की तरह, नीचे की ओर के होते हैं इनके सींग नुकीले और हल्के ऊपर की ओर बड़े होते हैं।
इनकी नाक उभरी हुई होती हैं मेहसाणा बकरी के शरीर पर लगभग 10 सेंटीमीटर लंबे बाल होते हैं इनमें मेहसाणा नस्ल के बकरे का वजन 37 किलोग्राम और बकरी का वजन 32 किलोग्राम होता है इस नस्ल की बकरियों का पालन मांस और दूध के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 200 से 300 लीटर तक दूध देती है।
क्या आप जानते है बकरी पालन कैसे करें?
भारत के दक्षिणी क्षेत्र में पाई जाने वाली बकरियों की नस्ल
भारत के महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना यह सभी राज्य दक्षिणी क्षेत्र में आते हैं इन क्षेत्रों में बकरियों का पालन मांस उत्पादन के लिए किया जाता है।
संगमनेरी बकरी (Sangamneri Goat)
भारत में संगमनेरी नस्ल की बकरियां महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर, पुणे और नासिक जिले में पाई जाती हैं संगमनेरी बकरी के शरीर का आकार माध्यम होता है इसके शरीर का रंग सफेद होता है लेकिन कुछ बकरियों में सफेद के साथ काला या भूरे रंग का मिश्रण पाया जाता है इनके शरीर के बाल छोटे और खुरदरे रहे होते हैं।
संगमनेरी बकरी के काम नीचे की ओर लटके तथा मध्यम आकार के होते हैं इनके सींग ऊपर वे पीछे की ओर मुड़े होते हैं इस नस्ल में बकरे का वजन 39Kg और बकरी का वजन 32 किलोग्राम होता है संगमनेरी नस्ल की बकरी का पालन मांस, दूध दोनों के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 70 लीटर तक दूध देती है।
मालाबारी बकरी (Malabari Goat)
भारत में मालाबारी नस्ल की बकरी केरल राज्य के गन्नौर, कालीकट, वायनाड और मालपुरा जिले में पाई जाती हैं मालाबारी नस्ल की बकरी का रंग मुख्य रूप से सफेद होता है लेकिन कुछ बकरियों में काला और सफेद रंग के मिश्रण भी पाए जाते हैं इस नस्ल के बकरे के मुंह के नीचे दाढ़ी नुमा बालों का गुच्छा लटका होता है।
इनके सींग छोटे, पीछे की ओर मुड़े रहते हैं और इनके कान मध्यम आकार के होते हैं जो पूरी तरह से नीचे लटके होते हैं मालाबारी नस्ल के बकरे का वजन 39 किलोग्राम और बकरी का वजन 31 किलोग्राम होता है मालाबारी नस्ल की बकरियों का पालन मांस और दूध के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 43 लीटर दूध देती है।
उस्मानाबादी बकरी (Osmanabadi Goat)
भारत में उस्मानाबादी नस्ल की बकरी महाराष्ट्र राज्य के उस्मानाबाद, अहमदनगर और सोलापुर जिले में पाई जाती है उस्मानाबादी नस्ल की बकरी अन्य नस्लों के मुकाबले ऊंची होती है इसके शरीर का रंग काला होता है कुछ बकरियों में काले और सफेद रंग में भूरे धब्बे पाए जाते हैं और इनके कान मीडियम साइज के होते हैं।
उस्मानाबादी बकरे में सींग पाए जाते हैं लेकिन बकरियों में किसी किसी में पाए जाते हैं उस्मानाबादी बकरे का वजन 34 किलोग्राम और बकरी का वजन 32 किलोग्राम होता है उस्मानाबादी बकरी का पालन भारत में मुख्य रूप से मांस और दूध के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 40 से 70 लीटर तक दूध देती है।
कनीआड़ू बकरी (kanniAdu Goat)
कनीआड़ू नस्ल की बकरियां तमिलनाडु राज्य के तुथुकुंडी, विरुधुनगर और त्रिनेवल्ली क्षेत्रों में पाई जाती हैं। वर्ष 2013 की पशुधन गणना के अनुसार भारत में कनीआड़ू नस्ल की लगभग 6.9 लाख बकरियां मौजूद हैं। कनीआड़ू नस्ल की बकरियों को मुख्यतः मांस के लिए पाला जाता है।
इस नस्ल को यह नाम इसके मुंह के दोनों तरफ सफेद धारियों के कारण मिला है। यह ऊंचे कद का होता है, इसका रंग काला होता है और मुंह के दोनों ओर सफेद धारी होती है। कुछ बकरियों में गले के दोनों तरफ सफेद धब्बे भी पाए जाते हैं। कान मध्यम आकार के होते हैं। सींग पीछे और बाहर की ओर मुड़े हुए होते हैं। इस नस्ल की बकरो के सींग मध्यम आकार के तथा बकरियों के छोटे छोटे सींग होते हैं। नर बकरी का वजन 34 किग्रा और मादा बकरी का वजन 28 किग्रा होता है।
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भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में पाई जाने वाली बकरियों की नस्ल
भारत के पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, बिहार और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के क्षेत्रों में ज्यादा नमी रहती है इसलिए इन क्षेत्रों में बकरियों की बहुत कम नस्लें हैं।
गंजाम बकरी (Ganjam Goat)
भारत में गंजाम नस्ल की बकरियां उड़ीसा राज्य के खुरदा, नयागढ़, रायागड़ा, गंजाम और गजपति जिलों में पाई जाती है गंजाम बकरी का रंग भूरा या काला होता है लेकिन कई बकरियों में भूरे काले धब्बे होते हैं इनके कान मध्यम आकार तथा सींग लंबे, ऊपर की ओर उठ कर नीचे की ओर मोड़े रहते हैं।
बकरी का वजन 30 किलो ग्राम और बकरे का वजन 35 किलोग्राम होता है भारत में गंजाम नस्ल की बकरी का पालन मुख्य रूप से मास के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 65 लीटर दूध देती है।
ब्लैक बंगाल बकरी (Black Bengal Goat)
भारत में ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियां पश्चिम बंगाल तथा बिहार, झारखंड, उड़ीसा राज्यो में पाई जाती है ब्लैक बंगाल बकरी छोटे कद की होती है इसके शरीर का रंग काला होता है हम तो कुछ बकरियों में सफेद और हल्का लाल रंग भी पाया जाता है इनके सींग बहुत छोटे होते हैं जो पीछे की ओर मुड़े होते हैं ब्लैक बंगाल बकरी एक से डेढ़ साल की उम्र में पहली बार बच्चों को जन्म देती है जो साल में दो बार बच्चों को जन्म देते हैं।
इसमें बकरे का वजन 32 किलोग्राम और बकरी का वजन 20 किलोग्राम होता है भारत में ब्लैक बंगाल बकरी का पालन मुख्य रूप से मास उत्पादन के लिए किया जाता है यह एक ब्यात में 100 से लेकर 140 लीटर तक दूध देती है।
आसाम हिल्स बकरी
आसाम हिल्स बकरी की नस्ल असम और मेघालय क्षेत्रों में पाई जाती है। विविधता का नाम असम राज्य से लिया गया है, जो कि किस्म का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है। वे मुख्य रूप से सफेद रंग के होते हैं, लेकिन कभी-कभी काले धब्बे भी पाए जाते हैं। पैर छोटे हैं और शरीर लंबा है। सींग छोटे, सीधे और नुकीले होते हैं। उसने पहली बार शादी की जब वह एक से डेढ़ साल की थी और साल में दो बार जन्म दिया। नर का वजन औसतन 20 किग्रा और मादा का 18 किग्रा होता है। 2013 की पशुधन गणना के अनुसार, भारत में लगभग 1.1 मिलियन आसाम हिल्स बकरियां हैं। आसाम हिल्स नस्ल की बकरियां मुख्य रूप से मांस के लिए पाली जाती हैं और दूध देने के दौरान 10 किलो तक दूध भी देती हैं।
जानिए बकरे की भूख कैसे बढ़ाएं, बकरी चारा नहीं खाए तो क्या करें?
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बकरी के प्रमुख नस्ल कौन कौन है?
बकरी के प्रमुख नस्ल
1. जमुनापारी
2. बरबरी
3. बीटल
4. ब्लैक बंगाल
5. सिरोही
6. जखराना
7. मारवाड़ी
8. मारवाही -
भारत में बकरियों की कितनी नस्ल पाई जाती है?
भारत में लगभग 20 नस्ल की बकरियां पाई जाती है| इसके अलावा अगर दुनिया की बात करे तो लगभग 300 नस्लें पाई जाती है|
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको भारत के अलग-अलग राज्यों में रहने वाली बकरियों की नस्लो के बारे में जानकारी दी है
आप हमें कमेंट करके बताएं की आप कौन सी नस्ल की बकरी का पालन करते हैं या करना चाहते हैं
अगर आपकी हमारी इस पोस्ट में कोई राय है तो कमेंट करके जरूर बताएं.
बकरियों की प्रमुख नस्लें
- Anglo Nubian बकरी
- ओस्मानाबादी बकरी
- बोअर बकरी
- सोजत बकरी
- Saanen बकरी
- Alpine बकरी
- तोतापुरी बकरी
- जखराना बकरी
- Angora Bakri
- ब्लैक बंगाल बकरी
- Kamori Bakri
- जमुनापारी बकरी
- बरबरी बकरी
- बीटल बकरी
- सिरोही बकरी
- Pygmy बकरी
- दमिश्क बकरी
- कोटा (करोली) बकरी
- गंजम बकरी
- देसी बकरी
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