राजस्थान में बकरियों की प्रमुख नस्लें (Rajasthan Me Bakri Ki Nasal): राजस्थान में पाई जाने वाली प्रमुख बकरियों की नस्लो के नाम सिरोही बकरी, जमुनापारी बकरी, जखराना बकरी और मारवाड़ी बकरी यह नस्लें राजस्थान क्षेत्र में पाली जाती है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको राजस्थान में पाई जाने वाली प्रमुख बकरियों की नस्लो के बारे में डिटेल में जानकारी नीचे दी है।
राजस्थान में बकरियों की प्रमुख नस्लें
राजस्थान में मुख्य रूप से सिरोही, मारवाड़ी, जमुनापारी, जखराना, सोजत, परबतसारी और शेखावाटी बकरी की नस्ल पायी जाती हैं। जिनके बारे में नीचे बताया गया है:
सिरोही बकरी
सिरोही बकरी की नस्ल भारत के राजस्थान राज्य के सिरोही, अजमेर, टोंक, उदयपुर, राजसमंद और नागौर जिले में पाई जाती है। इस नस्ल की बकरी का आकार माध्यम और गठीला होता है। सिरोही बकरी का पालन मुख्य रूप से दूध और मास के लिए किया जाता है।
अन्य बकरियों की तुलना में सिरोही बकरी रोग प्रतिरोधक और सूखा सहन करने की क्षमता अधिक होती है। सिरोही बकरी के शरीर का रंग गहरा भूरा एवं हल्का होता है। इसके शरीर के ऊपर गहरे काले, काला और सफेद रंग के धब्बे होते हैं नए बकरी के मुंह के नीचे दाढ़ी होती है। और इनके कान चपटे होते हैं जो हमेशा नीचे की तरफ रहते हैं।
सिरोही बकरी की पूंछ होती है और ऊपर की तरफ मुड़ी रहती है। सिरोही नर तथा मादा बकरी में प्रजनन करवाने के लिए नर बकरी का वजन 40 से 50 किलोग्राम और मादा बकरी का वजन 30 से 35 किलोग्राम होना चाहिए।
सिरोही बकरी की नस्ल एक साथ 2 बच्चों को पैदा करती है। यह बकरी एक ब्यांत में 100 लीटर तक दूध देती है और 115 दिन तक देती है।
सिरोही बकरी पालन का उद्देश्य | दूध और मांस उत्पादन |
कहां पाई जाती है? | राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात |
शरीर का आकार | मध्यम आकार |
रंग | भूरा रंग होता है लेकिन शरीर पर हल्के या गहरे भूरे रंग के धब्बे होते हैं |
वजन | बकरे का वजन 50-60 किग्रा और बकरी का वजन 25 से 40 किग्रा |
लंबाई | बकरे की लंबाई 80 से.मी. और बकरी की लंबाई 62 से.मी. |
बच्चे देने की क्षमता | एक साल में 4 बच्चे |
प्रतिदिन दूध देने की क्षमता | 0.5 से 1.5 लीटर तक |
कीमत | 8,000 से 10,000 रुपये |
सोजत बकरी
सोजत बकरी घरेलू बकरी की एक नस्ल है जो मुख्य रूप से भारत के राजस्थान के सोजत तहसील की मूल निवासी है। सोजत बकरी फलोदी, सोजत, पिपर, जोधपुर और राजस्थान के कुछ अन्य क्षेत्रों में पाई जाती है।
सोजत बकरी पालन का उद्देश्य | मुख्य रूप से मांस उत्पादन के लिए |
कहां पाई जाती है | फलोदी, सोजत, जोधपुर, पिपर और राजस्थान आदि |
शरीर का आकार | मध्यम से बड़ा |
रंग | सफेद |
वजन | नर बकरी का वजन 50-60 किलो, मादा बकरी का वजन 40-50 किलो |
लंबाई | नर बकरी की लंबाई 80 से.मी. और मादा बकरी की लंबाई 78 से.मी. |
बच्चे देने की क्षमता | एक बार में 2 बच्चे |
प्रतिदिन दूध देने की क्षमता | 1 से 1.5 लीटर तक |
कीमत | 15,000 से 30,000 रुपये |
जखराना बकरी
जखराना बकरी की नस्ल भारत के राजस्थान राज्य के जिलो में पाई जाती है मुख्य रूप से पालन राजस्थान क्षेत्र में ही किया जाता है। राजस्थान में जखराना बकरी का पालन दूध और मास के लिए किया जाता है। जखराना बकरी का आकार बड़ा होता है।
जखराना बकरी का रंग काला और कानो व मुंह पर सफेद रंग के धब्बे होते हैं। यह बकरी प्रतिदिन 2 से 3 लीटर तक दूध देती है।
इस नस्ल में नर बकरी का वजन 55 किलोग्राम और मादा बकरी का वजन 45 किलोग्राम होता है। और नर तथा मादा बकरी की लंबाई क्रमशः 84 सें.मी. तथा 77 सें.मी. होती है। यह बकरी 115 दिनों में 120 लीटर तक दूध देती है।
जखराना बकरी पालन का उद्देश्य | दूध और मांस उत्पादन |
कहां पाई जाती है? | पूर्वी राजस्थान, उत्तरी-पश्चिमी शुष्क अर्द्ध शुष्क जलवायु क्षेत्र में |
शरीर का आकार | बड़ा आकार |
रंग | शरीर काला और कान पर सफेद धब्बे |
वजन | बकरे का वज़न 60 किलो और बकरी का वज़न 50 किलो |
लंबाई | बकरे की लंबाई 84 से.मी. और बकरी की लंबाई 77 से.मी. |
बच्चे देने की क्षमता | एक से दो बच्चों तक (साल में दो बार बच्चे देती हैं) |
प्रतिदिन दूध देने की क्षमता | 2 से 3.5 किलोग्राम |
दूध देने की अवधि | 180 से 200 दिन तक |
कीमत | 10,000 से 15,000 रुपए तक |
मारवाड़ी बकरी
मारवाड़ी बकरी की नस्ल भारत के राजस्थान राज्य के पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, नागौर, बीकानेर और जोधपुर जिले में पाई जाती है। मारवाड़ी बकरी की नस्ल सबसे ज्यादा राजस्थान में देखने को मिलती है।
मारवाड़ी बकरी का शरीर माध्यम आकार का होता है। और इस बकरी का रंग काला होता है। मारवाड़ी बकरी का शरीर लंबे बालों से ढका रहता है। इसके कान माध्यम आकार के चपटे होते हैं जो नीचे की ओर लटके रहते हैं।
मारवाड़ी नर बकरी का वजन 30 से 35 किलोग्राम और मादा बकरी का वजन 25 से 30 किलोग्राम होता है जबकि इसके शरीर से 200 ग्राम प्रतिवर्ष बालों की प्राप्ति होती है मारवाड़ी बकरी 115 दिनों में 95 लीटर तक दूध दे सकती हैं।
मारवाड़ी बकरी पालन का उद्देश्य | दूध और मांस उत्पादन |
कहां पाई जाती है? | पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, नागौर, बीकानेर और जोधपुर जिले में |
शरीर का आकार | मध्यम आकार |
रंग | काला |
वजन | बकरे का वज़न 40- 45 किलो और बकरी का वज़न 30- 35 किलो |
लंबाई | बकरी की लंबाई 77 से.मी. |
बच्चे देने की क्षमता | एक से दो बच्चों तक (साल में दो बार बच्चे देती हैं) |
प्रतिदिन दूध देने की क्षमता | 2.0-2.25 किलो |
दूध देने की अवधि | 2.0-2.25 किलो |
कीमत | 10,000 से 15,000 रुपए तक |
जमुनापारी बकरी
भारत में जमुनापारी बकरी की नस्ल मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश राज्य के जिले के चकरनगर और गढ़पुरा क्षेत्रों में पाई जाती है। इसके अलावा राजस्थान में जमुनापारी बकरी की नस्ल कोटा, बारा, बूंदी और झालावाड़ में पायी जाती है। यमुना व चंबल नदियों के कछार में यह क्षेत्र स्थित है।
जिन क्षेत्रों में चराई की अच्छी सुविधा उपलब्ध होती है उन क्षेत्रों में यह बकरी बहुत अच्छी पनपती है। जमुनापारी बकरी का आकार बड़ा होता है और इस का रंग सफेद होता है। कुछ बकरियों के गले एवं सिर पर धब्बे भी पाए जाते हैं।
इस नस्ल की बकरियों की नाक उभरी हुई होती है जमुनापारी बकरी के नाक को रोमन नोज भी कहते हैं। जमुनापारी बकरी की मुख्य पहचान यह है कि इसकी जांघों के पिछले भाग में सफेद बालों का गुच्छा होता है।
इस बकरी के कान बड़े होने के कारण नीचे की तरफ लटके रहते हैं। इस नस्ल की बकरी में नर तथा मादा दोनों में सींग पाए जाते हैं। जमुनापारी नर बकरी का वजन 44 किलोग्राम और मादा बकरी का वजन 38 किलोग्राम होता है। जमुनापारी बकरी का पालन सबसे ज्यादा दूध उत्पादन के लिए किया जाता है यह एक दोहरे नस्ल की बकरी है।
यह बकरी 194 दिनों में 200 लीटर तक दूध देती हैं। 1 साल में जमुनापारी बकरी का वजन 21 से 26 किलोग्राम तक बढ़ जाता है।
जमुनापारी बकरी पालन का उद्देश्य | दूध और मांस उत्पादन |
कहां पाई जाती है? | राजस्थान और उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले में |
शरीर का आकार | बड़ा आकार |
रंग | सफ़ेद, काले, पीले, भूरे या विभिन्न मिश्रित रंग की होती हैं |
वजन | बकरे का वज़न 40 किलो और बकरी का वज़न 30 किलो |
लंबाई | लगभग 18 से 25 सेमी |
बच्चे देने की क्षमता | साल में दो बार बच्चे देती है |
प्रतिदिन दूध देने की क्षमता | 1.5 से 3 लीटर |
कीमत | 15,000 से 20,000 रुपए तक |
शेखावाटी बकरी
शेखावाटी बकरियां बकरियों की एक दिलचस्प नस्ल हैं जो भारत में राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र की मूल निवासी हैं। ये बकरियां अपने अनूठे रंग और चिह्नों के साथ-साथ अपने कोमल और आसान स्वभाव के लिए जानी जाती हैं।
शेखावाटी बकरियां साहिवाल और न्युबियन बकरियों के बीच एक क्रॉस हैं, और उनके रंग और निशान इस संकरण का परिणाम हैं। उनके पास आमतौर पर एक लाल-भूरे रंग का कोट होता है, जिसमें काले, सफेद और तन के पैच होते हैं। उनके पास एक लंबा, लहराती बाल कोट भी होता है, और उनके सींग आमतौर पर घुमावदार और मुड़े हुए होते हैं।
शेखावाटी बकरियां बकरी की एक लोकप्रिय नस्ल हैं, और उनका उपयोग उनके दूध और मांस के लिए किया जाता है। वे अपने नरम, मलाईदार दूध के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं, जो इसके लिए बेशकीमती है
जखराना बकरी पालन का उद्देश्य | दूध और मांस उत्पादन |
कहां पाई जाती है? | राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में |
शरीर का आकार | बड़ा आकार |
रंग | सफेद, सफेद-काला मिश्रण, और गहरा काला रंग |
वजन | बकरे का वज़न 30-45 किलो और बकरी का वज़न 25-35 किलो |
लंबाई | 75 सेमी से 85 सेमी तक |
बच्चे देने की क्षमता | एक बार में 3 से 5 बच्चे देती है |
प्रतिदिन दूध देने की क्षमता | 2.5 से 3 लीटर |
परबतसारी बकरी
परबतसारी बकरी भारत के राजस्थान राज्य के परबतसर जिले में पाई जाती है। इस बकरी का नाम इसके मूल निवास स्थान यानी परबतसर के नाम पर रखा गया है। परबतसारी बकरियाँ लकड़ीदार और सफेद रंग की होती हैं और ये बकरियाँ विशेष रूप से मांस और दूध के लिए पाली जाती हैं। यह बकरी बीटल नस्ल और सिरोही नस्ल का मिश्रण है।
परबतसारी बकरी पालन का उद्देश्य | दूध और मांस उत्पादन |
कहां पाई जाती है? | नागौर जिले की परबतसर तहसील और अजमेर जिले में |
शरीर का आकार | मध्यम से बड़े आकार (बेलनाकार) |
रंग | हल्के से गहरे भूरे रंग की होती हैं |
वजन | बकरे का वज़न 70-90 किलो और बकरी का वज़न 50-60 किलो |
प्रतिदिन दूध देने की क्षमता | 1.05 लीटर |
कीमत | 15,000 से 20,000 रुपए तक |
FAQ. राजस्थान में बकरियों की प्रमुख नस्लें
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राजस्थान में बकरी की सबसे सुंदर नस्ल कौन सी है?
राजस्थान में सबसे सुंदर बकरी की नस्लों के नाम- सिरोही, मारवाड़ी, जखराना और जमनापारी। यह नस्लें मुख्य रूप से राजस्थान के क्षेत्रों में पाई जाती है।
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राजस्थान में सबसे अच्छी बकरी कौन सी है?
बकरी राजस्थान के कोटा, बूंदी, बारा और झालावाड़ में पाई जाती है। जमुनापारी बकरी को राजस्थान की सबसे सुंदर बकरी की नस्लो में से एक माना जाता है।
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राजस्थान में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है?
राजस्थान में जखराना बकरी दूध उत्पादन करने में अव्वल है। यह बकरी प्रतिदिन 2.5 से 3 लीटर दूध देती है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको राजस्थान में बकरियों की प्रमुख नस्लों एवं जानकारी, इसके के बारे में डिटेल में जानकारी दी है।
आप हमें कमेंट करके बताएं कि आप किस नस्ल की बकरी का पालन करते हैं और वह बकरी कितना दूध देती है।
अगर हमारे इस आर्टिकल में आपकी कोई राय है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।