सूअर पालन कैसे करें [अक्टूबर 2023]| Suar Farm Ki Jankari

Suar Palan in hindi: सुअर पालन हमारे देश में सदियों से चला आ रहा है लेकिन अब इसके पालने का तरीका बदल रहा है. किसान सुअर पालन के उन्नत तरीके पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। सुअर पालन गरीब और सीमांत किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय है।

suar palan

आज के इस आर्टिकल में हम आपको सूअर पालन कैसे करें और सूअर पालन के लिए आवश्यक चीजें इनके बारे में डिटेल में बताने वाले है तो चलिए इस पोस्ट को शुरू करते है।

सूअर पालन कैसे करें? (Suar Farm Kaise Karen)

भारत में, सूअरों की फार्मिंग सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में की जाती है। यहां पर अधिकतर सूअरों की खाद्य संशोधन के रूप में खाद्यांश उपजात करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

सुअर पालन एक लाभदायक व्यवसाय है जिसमें मांस, चमड़े और बच्चे को बेचने के लिए पालन कर सकते है। सुअर पालन व्यवसाय शुरू करने के चरण इस प्रकार हैं:

व्यवसाय योजना विकसित करें: सुअर पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले, आपको एक व्यापक व्यवसाय योजना विकसित करने की आवश्यकता है। योजना में आपके व्यवसाय के लक्ष्यों, उद्देश्यों, उत्पादों, विपणन रणनीतियों, वित्तीय अनुमानों और बजट की रूपरेखा होनी चाहिए।

एक उपयुक्त स्थान का चयन करें: अपने सुअर पालन व्यवसाय के लिए एक उपयुक्त स्थान चुनें। सुनिश्चित करें कि स्थान में सूअरों को पालने के लिए पर्याप्त जगह है और अच्छी तरह हवादार है। स्थान में साफ पानी की पहुंच भी होनी चाहिए और आसानी से सुलभ होना चाहिए।

आवश्यक परमिट और लाइसेंस प्राप्त करें: सुअर पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले, आपको अपने स्थानीय अधिकारियों से आवश्यक परमिट और लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। इन परमिट और लाइसेंस में पर्यावरण परमिट, ज़ोनिंग परमिट और व्यापार लाइसेंस शामिल हो सकते हैं।

सूअर खरीदें: सम्मानित आपूर्तिकर्ताओं से उच्च गुणवत्ता वाली सुअर की नस्लें खरीदें। ऐसी नस्लें चुनें जो आपकी जलवायु और बाज़ार की माँग के अनुकूल हों।

पिग पेन बनाएँ: सूअरों को आश्रय और सुरक्षा प्रदान करने के लिए पिग पेन या घरों का निर्माण करें। पेन अच्छी तरह हवादार, साफ और विशाल होने चाहिए।

सूअरों को दाना डालें: सूअरों को संतुलित आहार दें। उनके आहार में अनाज, सब्जियां और प्रोटीन शामिल होना चाहिए। आप उनके आहार के पूरक के लिए व्यावसायिक सूअर का चारा भी प्रदान कर सकते हैं।

सुअर के स्वास्थ्य की निगरानी करें: सूअरों के स्वास्थ्य की नियमित रूप से निगरानी करें और आवश्यक होने पर उचित चिकित्सा उपचार प्रदान करें। बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए उनकी कलमों को साफ रखें।

अपने उत्पादों का विपणन करें: अपने सूअरों और उनके उप-उत्पादों को बेचने के लिए एक विपणन योजना विकसित करें। आप अपने सूअरों को स्थानीय बाजारों, रेस्तरां और किराने की दुकानों पर बेच सकते हैं। अतिरिक्त आय उत्पन्न करने के लिए आप पोर्क उत्पाद, चमड़ा के लिए बेच सकते हैं।

सुअर पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए समय, प्रयास और धन के महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होती है। हालांकि, अगर सही तरीके से किया जाए, तो यह एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है।

सूअर पालन के फायदे?

सूअर पालन से होने वाले फायदे जो है निम्नलिखित इस प्रकार है

  • सूअर पालन व्यवसाय करने से सर्वप्रथम आपको रोजगार मिल जाता है।
  • सूअर पालन कार्य को आप कम पैसा और कम स्थान पर भी कर सकते हैं।
  • इनका ग्रोथ वंश अति शीघ्रता होता है यह 8 से 12 महीने में वयस्क नर मादा बन जाते हैं।
  • शारीरिक वृद्धि 500 ग्राम प्रतिदिन बढ़ती है
  • सूअर को प्रतिदिन 3.5 किलोग्राम आहार देना चाहिए।
  • सूअर पालन व्यवसाय क्षेत्रफल में भी किया जा सकता है।
  • मादा सूअर 1 वर्ष में दो बार बच्चे देती है और एक बार में 6 से 8 बच्चे को जन्म देती है।

सूअर पालन के लिए आवश्यक चीजें?

किसी भी कार्य को करने से पूर्व हमें उसके बारे में आवश्यक चीजों की जानकारी होनी चाहिए जिसके बिना कार्य को पूर्ण रूप से नहीं किया जा सकता ठीक उसी प्रकार सूअर पालन में चीन चीजों की आवश्यकता होगी उनके बारे में नीचे संक्षेप में दिया गया है।

pig farming

सूअर पालन के लिए जमीन की आवश्यकता:

यह बात आपको खासकर ज्ञात होगा कि हम किसी भी कार्य को करते हैं तो सबसे पहले हमें जमीन की आवश्यकता पढ़ती है अगर आप सूअर पालन व्यवसाय कार्य ग्रामीण क्षेत्र में कर रहे हैं तो यह आपके लिए बेहतर होगा क्योंकि शहर में इस कार्य को करने के लिए सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में इसकी कोई आवश्यकता नहीं होती हैं।

सूअर के रहने के लिए स्थान: सूअर पालन व्यवसाय कार्य करने से पूर्व हमें इनके रहने के लिए आवश्यक स्थान आवश्यकता पड़ती है इसमें नर काफी हद तक लड़ाई करते हैं जिसके कारण इनमे छोटे बच्चे, गाभिन सूअरी, नर सूअर को काफी नुकसान पहुंचता है इसी समस्या को देखते हुए इनके रहने लिए सैड का निर्माण करना पड़ता है।

प्रसुती सुअरी के रहने के लिए स्थान: जब मादा सुआरी बच्चे को जन्म दे देती है तब उन्हें एक अलग सैड में रखा जाता है उसके रहने के लिए आपको 10×8 फीट स्थान की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि सुअरी के साथ बच्चे भी रहते हैं जो मां का दूध पीते हैं और सुअरी का खाने-पीने का प्रबंध भी उसी में किया जाता है जब तक बच्चो का वजन 10 किलो ग्राम और 55 से 60 दिन के ना हो जाए तब तक उन्हें मां से अलग करना चाहिए।

गाभिन सूअरी के लिए स्थान: गाभिन सूअरी के लिए एक अलग सैड के निर्माण की आवश्यकता होती है क्योंकि गाभिन अवस्था में उनकी देखभाल के लिए उन्हें अलग रखा जाता है गाभिन सूअरी के लिए 12×8 फीट सैड निर्माण की आवश्यकता पड़ती है उसी साइड के अंदर उन्हें खाने के लिए दाना पानी घूमने के लिए जगह बनाई जाती है।

विसुखी सूअरी के लिए स्थान: विसुखी सुअरी के लिए एक अलग से रहने के लिए सैड बनाया जाता है जिसकी लंबाई चौड़ाई 12 वर्ग फिट होनी चाहिए। जिसमें आप चार सुअरी को रखा सकते है जिसमें केवल बिना गर्भवती वाले सूअरी को रखा जाता है।

नर सूअर के रहने के लिए स्थान: अगर आप सूअर पालन व्यवसाय करना चाहते हैं तो एक ही नर सूअर को प्रजनन के लिए रखना चाहिए क्योंकि अगर आपने दो नर सूअर को रखा तो वह आपस में लड़ मरेंगे अब बात करते उनके रहने के लिए 10×8 फीट सेट का निर्माण करना चाहिए यह एक सूअर के रहने के लिए पर्याप्त स्थान है साथ इसी के अंदर इनके खाने के लिए दाना पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।

छोटे बच्चे के रहने के लिए स्थान: जब सूअरी के बच्चे दूध पीना छोड़ देते हैं तब उनके रहने के लिए एक अलग साइड का निर्माण करना होता है जिसमें इन बच्चों को रखा जाता है जब बच्चे 4 महीने के हो जाते हैं तब नर और मादा को अलग कर दिया जाता है फिर भी मादा को एक साथ और नर को एक साथ रखा जाता है इसके बाद उन्हें भरपूर मात्रा में आहार देना चाहिए जब 1 वर्ष के नर हो जाता है तब नर सूअर को बेच दिया जाता है और जबकि मादा को प्रजनन के लिए तैयार किया जाता है।

सुअर के लिए आवास का प्रबंधन:

जब भी हमारे दिमाग में सूअर पालन का विचार आता है तो उनके रहने के लिए एक आवास का प्रबंधन करना होता है इनके आवाज बनाने में इतना खर्चा भी नहीं आता है केवल आपको इनके लिए चार बाउंड्री वाली दीवार 5 फीट की ऊंचाई करनी पड़ती है और नीचे जमीन पर पक्का फर्श कराना चाहिए और छत के ऊपर सीमेंट की चादर यहां घास फूस से आवास का निर्माण कर सकते हैं।

सूअर के लिए आहार का प्रबंधन:

सूअर के लिए आप मार्केट से होटल का फीड लाकर भी दे सकते हैं जो यह बहुत ही शौक से खाते हैं और आप घर पर जो खाना बनाते हैं बचा हुआ रात का उसे सुबह दे सकते हैं और हमारे खेत में हरी सब्जियां जैसे गोभी के पत्ते, सड़े आलू, मूली आदि आवाज में गेहूं का दलिया, चावल, काली दाल की भूसी आदि चारे में बरसीम मक्खन घास यह भी दे सकते हैं सूअर इन्हें बहुत ही चाव से खाते हैं।

आहारसूअर के बच्चों का आहार बढ़ते सूअरों का आहारव्यस्क सूअरों का आहार
दरा मक्का55 – 5848  – 5232 – 36
गेंहू का चोकर / चावल पालिस18 – 2220 – 2440 – 45
मूंगफली की खली14 – 1618 – 2014 – 16
मछली का चुरा4 – 64 – 64 – 5
खनिज मिश्रण222
नमक111

सूअर के स्टार्टर ,ग्रोअर और फिनिसर आहार

स्टार्टर राशन

आहारमात्रा
मक्का60%
बादामी खल20%
चोकर10%
मछली चूर्ण8%
मिनरल मिक्सचर1.5%
नमक0.5%

ग्रोअर राशन

आहारमात्रा
मक्का64%
बादामी खल15%
चोकर12.5%
मछली चूर्ण6%
मिनरल मिक्सचर2.5%

फिनिशर राशन

आहारमात्रा
मक्का60%
बादामी खल10%
चोकर24.5%
मछली चूर्ण3%
मिनरल मिक्सचर2.5%

Note: उत्पादक सुअर को आवश्यकता के अनुसार शरीर के वजन का 4% या 1.5-2 किलोग्राम फ़ीड प्रतिदिन दें।

सूअर के लिए पानी की व्यवस्था:

कई बार ऐसा होता है कि हम सूअर पालन के लिए सेंड का निर्माण तो कर लेते हैं किंतु पानी देने के लिए होदी का निर्माण भूल जाते हैं सेड निर्माण के साथ-साथ एक होदी का निर्माण करना चाहिए जिसमें पीने के लिए सूअर को पानी दिया जा सके। जब हम जानवर को चारा देते हैं और खाने के बाद पानी की तलाश में वह इधर-उधर भटकते हैं

सूअर की प्रमुख नस्लें (Pig Breeds)

हेलो दोस्तों अगर आप सूअर पालन व्यवसाय के लिए प्रमुख नसों की तलाश कर रहे हैं तो आज मैं आपको बताऊंगा सूअर के कितने प्रकार की नस्ले होती है जिनके नाम निम्नलिखित इस प्रकार हैं।

Pig Breeds
  • लार्ज वाईट यार्कशायर (large white yorkshire)- सफेद यॉर्कशायर नस्ल भारत में सबसे ज्यादा पाई जाती है। इस नस्ल का रंग सफेद होता है। प्रजनन की दृष्टि से यह उन्नत नस्ल है। यह नस्ल एक बार में 6-7 शावकों को जन्म दे सकती है। इस नस्ल के सूअरों का वजन 300-400 किलोग्राम होता है, और मादा सूअरों का वजन 230-320 किलोग्राम तक पहुंच सकता है।
  • हैंपशायर (Hampshire)- इस नस्ल के सूअर मध्यम आकार के होते हैं। इनका शरीर गठीला और रंग काला होता है। यह नस्ल मांस व्यवसाय के लिए अच्छी होती है। इस नस्ल की मादा एक बार में 5-6 बच्चों को जन्म देती है।
  • घुंगरू (Ghungroo)- घुंघरू भारत की देसी नस्ल है। यह भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे अधिक पाया जाता है। इस नस्ल के पिल्ले तेजी से विकसित होते हैं। यह नस्ल काले रंग की और मोटी चमड़ी वाली होती है।
  • लैंडरस (Landrus)- लैंडरेस सूअर का रंग सफेद होता है। इसके कान और नाक लंबे होते हैं। यह नस्ल प्रजनन में भी अच्छी होती है। एक मादा सूअर एक बार में औसतन 4 से 6 बच्चों को जन्म देती है। इस नस्ल के नर सूअरो का वजन 270 से 360 किलोग्राम तक होता है, और मादा सूअरो का वजन 200 से 320 किलोग्राम तक होता है।

इनके अलावा और भी कुछ नस्लें हैं जैसे- मिडल वाईट यार्कशायर (Middle White Yorkshire), एच एस एक्स-1 (HS X-1), डुरोक (Duroc), स्वदेशी किस्म (indigenous variety)

पशुपालन

सूअर में गर्मी के लक्षण

  • मादा के गर्मी में आने से 2 से 8 दिन पहले योनि का आकार बढ़ जाता है।
  • योनि में लाली और सूजन होती है।
  • योनि से साफ द्रव निकलता है।
  • एक दूसरे के ऊपर चढ़ने से बेचैन हो रही हैं मादा।
  • मादाएं रीढ़ को मोड़ती हैं, जिससे पीठ नीचे की ओर झुक जाती है।
  • कान उठाना, तेज आवाज करना, कम खाना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

सूअर पालन के लिए लोन (Suar Palan Loan)

हेलो दोस्तों अगर आप कम लागत में अच्छा मुनाफा पाना चाहते हैं तो यह सूअर पालन व्यवसाय कर सकते हैं बहुत ही अच्छा व्यवसाय है इसमें कम लागत और अधिक मुनाफे के कारण दिन व दिन लोग इस कार्य को करने में रुचि लेने लगे हैं इसके साथ इसे बड़े पैमाने पर करने के लिए सरकार द्वारा लोन की व्यवस्था की जा रही है। सरकार से लोन लेकर आप इस कार्य को बड़े पैमाने पर भी कर सकते हैं।

सूअर पालन कार्य बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है सरकार ने सूअर पालन व्यवसाय में कई नई योजनाओं की शुरुआत की है हालांकि सूअर पालन कार्य भारत में लंबे समय से चला आ रहा है अब समय के साथ सोच बदलती जा रही है और अब लोग इस कार्य में आगे आने लगे हैं इससे होने वाले लाभ को देखकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग खास रूचि दिखा रहे हैं।

सूअर पालन के लिए सरकार ने लोन की व्यवस्था कर रखी है इसके अलावा आपको सब्सिडी भी प्रदान की जाती है आप सरकार से आर्थिक मदद लेकर इस कार्य को बड़े पैमाने पर भी शुरू कर सकते हैं इसके लिए आपको पढ़ाई लिखाई की आवश्यकता नहीं होती इस कार्य को अशिक्षित व्यक्ति भी कर सकते हैं और सूअर पालन व्यवसाय करने के लिए आपको सूअर प्रजाति और संख्या गिनती पर लोन दिया जाता है ऐसे कार्य को शुरू करने के लिए सरकार बैंक के माध्यम से लोन प्रदान करती है बैंक द्वारा दिए गए लोन पर ब्याज दर और समय अवधि में अलग-अलग होती है यदि आप सूअर पालन व्यवसाय के अंतर्गत ऋण के लिए आवेदन करते हैं तो सरकार 1 लाख तक के धनराशि पर सब्सिडी प्रदान करती है।

सूअर पालन में आने वाला खर्चा

यदि आप सूअर पालन व्यवसाय करने के बारे में सोच रहे हैं और उसमें कितना खर्चा आएगा तो उसके बारे में आज मैं पूर्ण जानकारी दूंगा सबसे पहले आपको सेंड का निर्माण करना होगा उसके लिए आपको 5 लाख रुपए की लागत आएगी और 9 मादा सूअर और 1 नर सूअर खरीदना होगा क्योंकि एक नर नौ मादा को गर्भवती करने में सक्षम होता है सूअर खरीदने का खर्चा 5 लाख रुपए आएगा।

सुअर में होने वाले रोग और पहचान

अगर आप सूअर पालन व्यवसाय कर रहे हैं तो सबसे पहले किसान भाइयों को साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए सैड के अंदर गंदगी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए अब मैं आपको बताता हूं सूअर को होने वाले रोग बीमारी के नाम जो इस प्रकार है जैसे- खुजली, स्वाइन फीवर, गला घोटू, ए एम डी, खुरपकू, पेचिश आदि यह सूअर में होने वाले खासकर बीमारियां हैं यह जानवरों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है समय रहते इनका इलाज एक अच्छे डॉक्टर को दिखाकर करवा लेना चाहिए।

स्वाइन फीवर की पहचान: स्वाइन फीवर मैं सूअर को 107 से 108 डिग्री बुखार हो जाता है तो आप देखेंगे की इस बीमारी में सूअर के कान नाक पेट इनका रंग गुलाबी हो जाते हैं।

खुर पका और मुंह पका की पहचान: खुर पका बीमारी में जानवर लंगड़ाने लगता है और चलते समय गिर जाता है और मुंह पका मैं के मुंह में घाव होता है जिसके कारण वह चारा सही से नहीं खा पाता है अंततः उसकी मृत्यु हो जाती है।

गलघोटू बीमारी की पहचान: इस बीमारी में जानवर के गले पर सूजन आ जाती है कई जानवर के गले नीचे की तरफ लटक भी जाते हैं और जानवर खाना पीना बंद कर देता है जहां बैठा है वहीं बैठे ही रहता है जिसके कारण उसकी मृत्यु हो जाती है।

सूअर पालन से कमाई

सबसे अधिक मुनाफे वाला व्यवसाय है। इसके चर्बी बहुत मंहगे बिकते हैं। इसका उपयोग औषधीय, चिकनाई, क्रीम बनाने में होता है। 2-3 लाख रुपए की लागत में सालभर में शुद्ध 3 लाख रुपए कमा सकते हैं। भारत के गांवों में इसकी खपत ज्यादा है जो समय के साथ शहरों में भी खूब बढ़ रहा है।

सूअर पालन कैसे करे से संबंधित प्रश्न उतर ( FAQ )

  1. सूअर पालन कैसे करें?

    सूअर पालन फार्मिंग करने के लिए सर्वप्रथम आपको स्थान की आवश्यकता पड़ेगी फिर आपको एक सेट निर्माण करना होगा जिनमें सूअर को रखना होगा साथ ही आपको 1 नर के साथ 10 सूअर मादा को रखना होगा जिससे की इनकी संख्या में वृद्धि तेजी से हो सके।

  2. सूअर कितने रुपए किलो बिकता है?

    सूअर का मांस समय के अनुसार घटता और बढ़ता रहता है और अलग-अलग क्षेत्रों में इसका मूल्य मैं अंतर होता है फिर भी बाजार में सूअर के मांस की कीमत ₹200 से लेकर 250 रुपए प्रति किलोग्राम होता है।

  3. सूअर पालन में कितनी कमाई होती है?

    सबसे पहले आपको सूअर का बच्चा खरीदना होगा जोकि सूअर पोल्ट्री फार्म से 3000 रूपये में उपलब्ध हो जाएगा फिर उसकी परवरिश कर दाना-पानी 8 से 12 महीने में जब वहां व्यस्क नर हो जाता है तो बाजार में ₹10000 तक बिक जाता है।

  4. सूअर को क्या खिलाया जाता है?

    सूअर को आहार के रूप में अनाज की मात्रा देनी चाहिए उनके शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मक्का, जो, खली, चोकर, चावल, गेहूं सबको पीसकर पानी के साथ देना चाहिए इनके सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इनमें विटामिन की मात्रा अधिक होती है।

  5. सूअर पालन व्यवसाय कैसे करें?

    सूअर पालन व्यवसाय करने के लिए स्थान का होना अति आवश्यक होता है इनके रहने के लिए सैड का निर्माण करते समय खुले स्थान का होना भी आवश्यक है क्योंकि सूअर खुले में रहना पसंद करते हैं अगर आप 10 सूअर पालते हैं तो 2.5 वर्ग मीटर स्थान होना चाहिए यह प्रति एक सूअर के रहने के लिए स्थान बताया गया है।

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