बिहार में बकरी पालन की जानकारी | Goat Farming in Bihar

बिहार में बकरी पालन: बिहार में बकरी पालन आय का एक प्रमुख स्रोत है। यह राज्य की कुल आय में 23% का योगदान देता है। इसके अलावा बकरी के मांस और उसके उपोत्पादों की बिक्री भी लाभदायक है। इसके अलावा, बकरी पालन राज्य की अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।

Bihar me bakri palan

बकरी पालन एक गहन पशु पालन तकनीक है जिसका उपयोग बिहार में बकरी पालने के लिए किया जाता है। इसमें दूध उत्पादन के लिए बकरियों का प्रजनन करना और फिर उन्हें दूध उत्पादन के लिए कलमों में पालना शामिल है। बकरी पालन के कई फायदे हैं, जैसे उत्पादन में वृद्धि और संसाधनों का संरक्षण। इसके अलावा, यह लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देता है क्योंकि इस प्रथा में पुरुष और महिलाएं समान रूप से भाग ले सकते हैं।

बिहार में बकरी पालन (Goat Farming in Bihar)

शून्य चाराई- इसमें बकरियों को घर पर रखकर ही पाला जाता है घर पर ही दाना पानी की व्यवस्था की जाती है बाहर चराई जाने के लिए नहीं ले जाया जाता है।

अर्ध चराई- इस योजना के अंतर्गत बकरियों को कुछ समय के लिए खुले में चराई की अनुमति दी जाती है उसके बाद बकरी को घर पर बांधकर ही खिलाया जाता है।

पुण्य चराई- इस प्रणाली में बकरियों को पूर्णता खुले में चराई की अनुमति दी जाती है सुबह से शाम तक खेत व मैदानों में खुले में चराया जाता है और रात मैं बकरी को विश्राम के लिए घर पर लाया जाता है।

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बिहार में बकरी पालन के लाभ

  • बिहार में बकरी पालन योजना चलाई गई है इस योजना का उद्देश्य बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करना है।
  • बकरी पालन योजना का लाभ लेने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों व फॉर्म को भरकर अपने नजदीकी पशु से कार्यालय में जमा करवा के इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
  • बकरी पालन योजना का लाभ बिहार के स्थाई निवासी को प्रदान की जा रही है।
  • बिहार में किसानों व मजदूरों को बकरी पालन योजना के अंतर्गत 60% तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
  • इसमें सामान्य व पिछड़ा वर्ग दोनों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है और अनुसूचित जाति या जनजाति को 60% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
  • आवेदक को 2 लाख 40 हजार रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
  • इस योजना में 5 साल तक बकरी पालन के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है।
  • लाभार्ती को प्रदान की जाने वाली धनराशि उनके बैंक के खाते में प्रदान की जाती है।
  • लाभार्थी को राशि का वितरण किस्तों के माध्यम से दिया जाता है।
  • जिससे आवेदक उत्साहित होकर बकरी पालन व्यवसाय का कार्य पुण्य रूप से कर सकते है।
  • बकरी पालन योजना का लाभ लेकर व्यक्ति अपनी आय में सुधार ला सकता है।

जानिए बकरी की नस्ल कितने प्रकार की होती है?

बिहार में बकरी पालन कौन-कौन शुरू कर सकता है?

  1. बकरी पालन व्यवसाय कार्य ऐसा है इसमें शिक्षित होने की कोई आवश्यकता नहीं अशिक्षित व्यक्ति भी यह कार्य को कर सकता है।
  2. जो लोग बकरी पालन व्यवसाय का कार्य करने के जो इच्छुक है वह भी इस कार्य को कर सकता है।
  3. बिहार में केंद्र सरकार बकरी पालन योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लोगों को 60% तक का धनराशि प्रधान कर रही है जिससे आप अपना व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं।
  4. बकरी पालन का व्यवसाय बेरोजगार और भुमीहीन लोग कर सकते हैं
  5. जिनके पास अपना कोई व्यवसाय नहीं है कमाने का साधन नहीं है कम खर्चे में यह व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।

बिहार में बकरी पालन कैसे शुरू करें?

हेलो दोस्तों अगर आप बकरी पालन व्यवसाय कार्य करने के बारे में सोच रहे हैं तो मैं आज आपको पूरी जानकारी दूंगा बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले आपको बकरी के रहने के लिए उचित स्थान और उनके खान के लिए हरे चारे उगाने के लिए भूमि का होना भी अति आवश्यक है या फिर आप गांव मैं रहते हैं तो आपको खुले मैदान खेत खलियान मिल जाएंगे जहां पर आप बकरियों को चारा सकते हैं

क्या आप जानते है बकरी पालन कैसे करें?

बिहार में बकरी पालन के लिए शेड का निर्माण?

बकरी पालन व्यवसाय करने से पहले आपको सैड तैयार करने की आवश्यकता है जिसमें बकरियों को रखने के लिए एक शेड बनाने की आवश्यकता होगी उसके लिए 15×20 फीट स्थान की आवश्यकता पड़ेगी। फिर हमें ईट से चिनाई करके चार दिवार बना लेना है साथ ही आमने-सामने की दीवार में 1.5 मीटर चौड़ाई हवा पासिंग के लिए जगह छोड़ देनी है जिससे कि ग्रीष्म ऋतु में बकरियों को गर्मी सामना ना करना पड़े। दीवार बनने के बाद उसके ऊपर हमें सीमेंट की चादर को लगा देना है जिससे हमारा सेट बनकर तैयार हो जाएगा फिर आप अपनी आवश्यकता अनुसार बकरियों को खरीदकर उसमें रख सकते हैं।

उन्नत बकरी की नस्ल का चुनाव कैसे करें?

बकरी पालन कार्य व्यवसाय करते समय यह जानना अति आवश्यक है कि बकरियों में कितने प्रकार की नस्लें प्रजाति पाई जाती है। ऐसे तो भारत में कई प्रकार की बकरियों की प्रजाति पाई जाती है जो की निम्नलिखित इस प्रकार हैं जैसे जमुनापारी, बीटल बकरी, उस्मानबादी ब्लैक बंगाल, सुरती, मालाबारी तथा गुजराती बकरी आदि यह बकरीया पैदावार के लिए बहुत ही अच्छी मानी जाती है और इन्हें दूध, मांस व खाद उत्पादन के लिए पाला जाता है इनमें बरबरी, जमुनापारी, और बीटल बकरी काफी अच्छी मानी जाती है।

बकरी के चारे के लिए दलहनी फसलें

बकरी के चारे के लिए दलहनी फसलें जैसे लहसुन, लोबिया, सेम फली, राजमा, बंद गोभी आदि इसका सेवन कराने से बकरी के शरीर के विटामिन के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

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बकरियों के चारे के लिए अनाज की फसलें।

बकरियां खुले में चरना बहुत ही पसंद करती है दूब घास और कटीले झाड़ी, लता वाली घास को खाती है लेकिन हमें बकरी को एक टाइम सुबह या फिर शाम को अनाज वाली फसलें देना चाहिए अनाज देने से बकरी का ग्रोथ अच्छे से होता है और इनका वजन भी बढ़ता है। बकरी को अनाज में मक्का, जो, बाजरा और मेथी को पीसकर पानी में घोलकर पिलाना चाहिए जिससे इनकी ग्रोथ मैं अच्छे से विकास होता है।

बकरियों के चारे के लिए घास की फसल

बकरी के चारे के लिए खेतों में जो हरी घास उगाई जाती है उनके नाम इस प्रकार है जैसे बरसींग, चेरी घास, मक्का पेड़, ज्वार, बाजरा आदि चारे को मशीन के द्वारा कुट्टी अर्थात काटकर किसी ड्रम या खुर्ली मैं देना चाहिए क्योंकि ऐसे देने से बकरियां चारा कम बर्बाद करती है और अच्छे से खाकर अपना पेट भरती है।

बकरी के चारे के लिए पेड़ो की पत्तियां

बकरी एक ऐसा जानवर जो झुंड में रहना पसंद करती है और यह खुले में चरना भी पसंद करती है अगर आपके पास खेत नहीं है चारा उगाने के लिए, तो फिर आप इन्हें कटीले झाड़ी जैसे बेरी के पत्ते, कीकर के पत्ते, शहतूत के पत्ते, आम के पत्ते और गूलर के पत्ते बकरी को दे सकते है इसको बहुत ही खुशी से खाती है और एक बात का खासकर ध्यान रखें पत्ते देते समय टहनियों को एक रस्सी से बांधकर लटका दें जिससे बकरियां इनके ऊपर पैर ना रखें जो मल मूत्र लगने से बची रहे।

जानिए बकरी पालन शेड बनाने का तरीका, शेड कैसे बनाएं

निष्कर्ष/ Conclusion

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बिहार में बकरी पालन कैसे शुरू करें? इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी है। आप हमें कमेंट करके बताएं कि आप किस नस्ल की बकरी का पालन करते हैं, और वह कितना दूध देती है?

अगर आपको बकरी पालन से संबंधित कोई प्रश्न पूछना है, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है, तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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