गंजम बकरी की पहचान कैसे करें [अक्टूबर 2023] नस्ल, कीमत, विशेषताएं, फोटो, कहा मिलती है

गंजम बकरी की नस्ल: गंजम बकरी भारतीय बकरी की नस्लों में से एक है जो ज्यादातर ओडिशा के गंजम जिले और आंध्र प्रदेश जैसे आसपास के राज्यों में पाई जाती है। ये बकरियां मध्य प्रदेश और केरल के कुछ इलाकों में भी पाई जाती हैं। इन बकरियों को मांस के लिए पाला जाता है।

Ganjam goat

चूंकि भारत के सभी राज्यों में बकरी के मांस की उत्कृष्ट मांग है, वाणिज्यिक बकरी पालन बहुत लाभदायक साबित हुआ। कम समय में अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य गंजम बकरी की नस्ल का चयन आवश्यक है।

गंजम बकरी की पहचान कैसे करें?

हेलो दोस्तों अगर आप गंजम बकरी खरीदना चाहते हैं और आपको गंजम बकरी की पहचान नहीं है तो आज मैं आपको उसकी पूरी जानकारी दूंगा गंजम बकरी यह एक जंगली बकरी है। इनके शरीर का उंचाई अन्य बकरी की तुलना में अधिक होता है और इनका रंग काला व हल्का भुरा होता है इनके सींग की लंबाई 8 इंच से 12 इंच तक होती है।

गंजम बकरी की कीमत क्या है

वैसे तो बकरियों का कीमत उनके वजन पर तय किया जाता है अगर आप मादा बकरी खरीदना चाहते हैं तो ₹7000 में और बकरा 13000 रूपये में मिल जाएगा गंजम बकरी अपने सींग के लिए मशहूर है।

गंजम बकरी के बच्चे का मूल्य कितना होता है

अगर आप बकरी पालन व्यवसाय के लिए बकरी खरीदना चाहते हैं तो आपको 2000रू से 3000 रूपये प्रति एक बकरी का बच्चा मिल जाएगा अगर आप 5 बकरी खरीदते हैं तो उसके साथ एक बच्चा नर बकरा अवश्य खरीदें जिसे आगे चलकर इनकी संख्या में तेजी बढ़ोतरी हो सके।

गंजम बकरी कहां पाई जाती है?

गंजम बकरी उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ के तोकापाल ग्रामीण क्षेत्र में पाई जाती है और सप्ताह मैं एक दिन बाजार लगता है वहां पर बहुत ही सस्ते दामों पर नर और मादा बकरियां बेची जाती है वहां से आप अपनी आवश्यकतानुसार बकरियां खरीदकर अपना बकरी पालन व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं।

गंजम बकरी की विशेषता

गंजाम बकरी एक जंगली प्रजाति है और यह अपने सींग के लिए मशहूर है इनके सींग की लंबाई 8 से 12 इंच तक होती है और यह नस्ल उड़ीसा मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरला राज्य में पाई जाती है और यह प्रतिदिन 1.5 से 2 लीटर दूध देती है गंजम बकरी इसका दूध मानव अपने औषधि के रूप में उपयोग करता है।

गंजम बकरी का भोजन क्या है

बकरी एक ऐसा जानवर है जो खुठे पर बंधा रहना बिल्कुल पसंद नहीं करता है यह बकरी खुले में चरना बहुत पसंद करती है और बकरी का मुख्य भोजन हरी दुब घास, किकर के पत्ते, शहतूत के पत्ते कुछ कटीली झाड़ी जैसे बेरी के पत्ते इनको बहुत खुश होकर खाती है।

गंजम बकरी कितना दूध देती है?

वर्ष 2012 के पशु जनगणना अनुसार भारत में 3.5 लाख गंजाम बकरी की नस्ल मौजूद है गंजम बकरी अधिकतर दुध व मांस के लिए पाला जाता है और यह प्रतिदिन 1.5 से 2 लीटर दुध देती है। बकरी को गोभी के पत्ते, मूली के पत्ते जितने भी हरी सब्जियों होती हैं उनको देना चाहिए इससे दूध में बढ़ोतरी होती है।

गंजम बकरी ब्याने के बाद क्या खिलाना चाहिए

जब बकरी बच्चे को जन्म देती है तो शारीरिक रूप से कमजोरी आ जाती है बकरी ब्याने के बाद 3 से 4 महीने तक बकरी को दाना चोकर, खल, उड़द की भूसी, मक्के का दाना पर्याप्त मात्रा में हरे चारे के साथ बकरी को देना चाहिए जिससे बकरी की शारीरिक कमजोरी ना आए और वह पर्याप्त मात्रा में दूध देती रहे जिसको पीकर बच्चा हेल्दी और तंदुरुस्त बन सके।

10 गंजम बकरी पालने में कितना खर्चा आएगा।

अगर आप बकरी पालन व्यवसाय करना चाहते हैं और आप यह सोच रहे हैं कि 10 बकरी पालने में कितना खर्चा आएगा। 1 गंजम बकरी की कीमत 7000 रूपये प्रति बकरी है अगर आप 10 बकरी खरीदते हैं तो ₹70000 की लागत आएगी साथ ही हमें एक बकरा इनके साथ रखना चाहिए प्रजनन के लिए जिससे इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो।

गंजम बकरी की भूख कैसे बढ़ाएं

जब भी बकरी चारा खाना छोड़ दे तो आपको दो बातों का विशेष कर ध्यान देना चाहिए पहली बात यह कि बकरी ने चारा कैसे छोड़ा धीरे-धीरे खाना छोड़ा या एकदम से छोड़ दिया अगर आपकी बकरी ने धीरे-धीरे खाना छोड़ा तो उसकी भूख बढ़ाने वाली दवाई का नाम Bolus Bioboost या फिर आप लीवर टोनिक Liv 52 देनी चाहिए जिससे उसकी भूख बढ़ जाएगी और वह पहले जैसा चारा खाना प्रारंभ कर देगी।

गंजम बकरी के फायदे

आज मैं आपको बताऊंगा बकरी पालन के फायदे के बारे में सबसे पहली बात की भारत में बकरी पालन पर कोई सामाजिक धार्मिक प्रतिबंध नहीं है बकरी पालन व्यवसाय में कम खर्चा आता है और बकरी पालने से हमें कई प्रकार के लाभ होते हैं जैसे की दूध, मांस, व बकरी की खाल, बाल, रेशो को व्यावसायिक कार्यों के उपयोग में किया जाता है।

गंजम बकरी की नस्ल के निम्नलिखित फायदे हैं।

  • गंजम बकरि यां उत्कृष्ट मांस की नस्लें हैं।
  • गंजम बकरियों का उच्च फ़ीड रूपांतरण (FCR) अनुपात होता है।
  • वजन बढ़ाने में मदद के लिए गंजम बकरियों को जैक के पत्तों और नारियल के तेल के केक के साथ भी खिलाया जा सकता है।
  • गंजम बकरियों अल्फाल्फा घास, सुबाबुल, ल्यूसर्न, सीओ 3, सीओ 4, बरसीम, स्टाइलो , दशरथ, हाइब्रिड नेपियर, अफ्रीकन टॉल, सोरघम, मोलाटो, गिन्नी ग्रास, मकई साइलेज, छर्रों , फलि यों और विभिन्न प्रकार के दूध उत्पादन में सर्वोत्तम वृद्धि के लिए दैनिक चारे की आवश्यकता के लिए हरी घास का उपयोग किया जा सकता है।
  • गंजम बकरियां खुली चराई के लिए उपयुक्त होती हैं।
  • गंजम बकरियां आसानी से किसी भी प्रकार की जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल हो सकती हैं।
  • गंजम बकरियां स्वस्थ और स्वादिष्ट दूध देने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करने में सहायक हैं।

गंजम बकरी से संबंधित प्रश्न

  1. Q. गंजम बकरी की नस्ल कहा पाई जाती हैं?

    Ans. गंजम नस्ल की बकरीया आंध्रप्रदेश, उड़ीसा के नयागढ़ इलाके में पाई जाती है। इन बकरी का पैर लंबे शरीर मध्यम आकार का होता है और इनका रंग भुरा और काला होता है गंजम बकरी को मांस और दूध लिए पाला जाता है।

  2. Q. गंजम बकरी साल में कितना बच्चे देती है?

    Ans. गंजम बकरी और बकरी की तुलना में साल में 2 ही बच्चे देती है.

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