देसी बकरी पालन की जानकारी [अक्टूबर 2023]| Desi Bakri Palan Ki Jankari

देसी बकरी पालन की जानकारी: देसी खेती में बकरियां सबसे आम पशुओं में से एक हैं। वे आसानी से छोटे स्थानों में रखे जाते हैं और रौगे को कुशलता से पचाने में सक्षम होते हैं। वे गर्म मौसम का सामना करने में भी सक्षम हैं और बीमारियों के प्रतिरोधी हैं।

बकरी पालन शुरू करने से पहले आपको कुछ बातें जाननी जरूरी हैं। सबसे पहले, आपको एक बकरी की नस्ल प्राप्त करने की आवश्यकता है जो आपके स्थान और जलवायु के अनुकूल हो। दूसरा, आपको बकरियों को रखने के लिए एक अच्छी जगह ढूंढनी होगी। अंत में, आपको सीखना होगा कि बकरियों का प्रबंधन कैसे करें, उन्हें कैसे खिलाएं और बीमारियों के लिए उनका इलाज करें।

desi goat farming

देसी बकरी पालन की जानकारी | Desi bakri palan ki jankari

Desi bakri palan ki jankari: अगर आप बकरी पालन व्यवसाय करना चाहते हैं तो आप देसी बकरी के छोटे बच्चे जिनकी आयु 1 वर्ष पूर्ण हो चुकी हो उनको खरीद कर पाल सकते है क्योंकि उनके मरने की आशंका कम होती है अगर आप मार्केट से एक बड़ी बकरी खरीदेंगे तो उसका मूल्य 10,000 होगा जबकि आप वही ₹10000 में 5 तो बकरीया खरीद लेंगे बकरी के साथ 1 बकरा प्रजनन के लिए अवश्य रखना चाहिए जिससे इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सके।

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देसी बकरियों की प्रमुख नस्लें और कहां पाई जाती है? | Breeds of Desi Goats

देसी बकरी और बकरी की तुलना में थोड़ी छोटी होती है इनका रंग काला और थोड़ा भूरा होता है इन्हें दुध व मांस के लिए पाला जाता है और यह बकरी दक्षिण पश्चिमी एशिया व पूर्वी यूरोप की जंगली प्रजाति है जब इन्हें घर पर लाकर पालने लगे तो धीरे-धीरे यह बकरिया पूरे विश्व में पालतू बन गई।

ब्लैक बंगाल (Black Bengal)

ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियां पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम, उत्तरी ओडिशा के इलाकों में पाई जाती हैं। इनके शरीर पर काले, भूरे और सफेद छोटे बाल होते हैं। इनका आकार कद में छोटा होता है और वजन में 18-20 किलो तक हो सकता है। मार्केट में ब्लैक बंगाल बकरियों की कीमत 3 हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक होती है।

जमुनापारी (Jamunapari)

भारत में पाई जाने वाली अन्य नस्लों की बकरियों की तुलना में जमुनापारी नस्ल की बकरियों की लंबाई सबसे अधिक होती है। यह उत्तर प्रदेश की गंगा, यमुना और चंबल नदियों से घिरे क्षेत्रों में पाया जाता है। जमुनापारी बकरी की कीमत 6 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक होती है।

गद्दी (Gaddi)

गद्दी बकरी हिमाचल प्रदेश में पायी जाती है। कांगड़ा कुल्लू घाटी को इसका मूल निवास स्थान माना जाता है। इसके कान 8.10 सेंटीमीटर लंबे होते हैं, जबकि सींग काफी नुकीले होते हैं।

बीटल (Beetel)

पंजाब में बीटल बकरियों को अधिक पाला जाता है। पंजाब से सटे पाकिस्तान के इलाकों में भी इसकी अच्छी लोकप्रियता है। इसके भूरे रंग पर सफेद धब्बे या काले रंग पर सफेद धब्बे होते हैं। जिससे इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। भारतीय बाजार में बीटल बकरी की कीमत 5 हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक होती है। 

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देसी बकरी की कीमत | Desi goat price

देसी बकरी का पालन मांस और दूध उत्पादन के लिए किया जाता है। देसी बकरे की कीमत (Barbari goat price) 7 से 18 हजार रुपए तक होती है। हालांकि यह कीमत उसके स्वस्थ और वजन पर भी निर्भर करती है।

देसी बकरी का कीमत 10000 से 12000 रुपए होती है फिर भी इनका मूल्य इनके वजन के आधार पर तय किया जाता है इनका वजन बढ़ाने के लिए मक्के की खल, बाजरा, काली उड़द की खल, गेहूं की भूसी दिन में एक बार अवश्य देना चाहिए जिससे इनके शरीर का वजन जल्दी से बढे और बेचते समय अच्छा मूल्य में बिके।

देसी बकरी की विशेषताएं | Characteristics of desi goat

देसी बकरी और बकरी की तुलना में थोड़ी छोटी होती है इनका रंग काला, सफेद और थोड़ा भूरा होता है लेकिन ज्यादातर यह काले रंग की होती है। और इनके शरीर का आकार छोटा होता है नर बकरे का वजन 15 से 18 किलो ग्राम तक होता है जबकि मादा बकरी का वजन 12 से 15 किलो ग्राम तक होता है नर और मादा दोनों के सिंग 3-4 इंच पीछे की ओर निकले होते हैं। देसी बकरी को दुध व मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है।

इसके अलावा देसी बकरी के कुछ अन्य विशेषताएं नीचे दी गई है-

  • देसी बकरी के शरीर में छोटे-छोटे बाल होते हैं।
  • इसका रंग सफेद के साथ भूरा या भूरे रंग के साथ सफेद रंग के छोटे-छोटे धब्बे होते हैं।
  • इसके सींग पीछे की ओर मुड़े हुए लगभग 8 से 10 इंच के होते हैं।
  • देसी के कान छोटे और सीधे होते हैं।
  • इस नस्ल की किसी-किसी बकरे में दाढ़ी भी होती है।
  • देसी नस्ल का आकार छोटा, मध्यम और शरीर गठीला होता है।
  • देसी बकरियां 9 से 10 माह में तैयार हो जाती हैं।
  • इन बकरियों को किसी भी जलवायु में पाल सकते हैं।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य बकरियों से अच्छी होती है।
  • देसी बकरी एक दिन में 1 से 1.5 लीटर दूध दे सकती है।
  • देसी बकरी छोटे और गठीला आकार की होती है।
  • अन्य बकरियों की तुलना में छोटी और कम ऊंचाई वाली होती है।
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देसी बकरी को क्या खिलाना चाहिए?

यदि आपके पास देसी बकरियों को चराने के लिए कोई खेत है, तो आपको उनके खाने के लिए चारे की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर आप बकरियों के लिए घर में ही पूरा इंतजाम करते हैं तो आपको हरी घास, दूब, आम के पत्ते, महुआ के पत्ते, खेतों से निकाली हुई फसल और अरहर, सरसों, चने की भूसी, गेहूं के भूसे, ये सब चारे के रूप में बकरी को खिला सकते है।

इसके अलावा देसी बकरी को हरे दूब घास, शहतूत के पत्ते, कटीली झाड़ियां और चारे के साथ मक्का की खली, जो, बाजरा, गेहूं की भूसी थोड़ी अनाज की मात्रा भी देना चाहिए जिससे बकरियां शारीरिक कमजोरी से बची रहें।

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FAQ. देसी बकरी से संबंधित प्रश्न – उत्तर

देसी बकरी कितने बच्चे देती है?

कुछ देसी बकरियाँ पहली बार 1 बच्चे को जन्म देती हैं और दूसरी बार में 2 या 3 बच्चों को जन्म दे सकती हैं। इसके अलावा कुछ देसी बकरियां पहली बार में 2 बच्चों को जन्म देती हैं और हर बार 2 ही बच्चों को जन्म देंगी। कई मामलों में ऐसी बकरी भी देखी गई है जो एक साथ 3 बच्चों को जन्म देती है।

देसी बकरी की नस्ल

पूरे विश्व में बकरियों की 103 नस्लें पाई जाती हैं। इनमें से भारतीय बकरी, जिसे देसी बकरी कहा जाता है, इनकी 21 नस्लें पाई जाती हैं। इन 21 नस्लों में से देसी बकरी की सबसे अधिक पाली जाने वाली नस्ल बीटल, ब्लैक बंगाल, सिरोही, जखराना, जमुनापारी, बारबरी, कच्छी, मारवाड़ी, गद्दी, उस्मानाबादी और सुरती हैं।

बकरा कितने दिन में तैयार हो जाता है?

जब बकरा 15 दिन की हो जाए तो उसे कृमि नाशक दवा खिलाए, जिसे डीवार्मिंग कहा जाता है फिर जब बकरा डेढ़ महीने की हो जाए तो उसे एक बार फिर कृमि नाशक दवा लगवाएं। इसके बाद जब बकरा खाना खाने लगे तो उसके आहार में गेहूं का दलिया, चना, मक्का, जो, बाजार आदि दें। इससे बकरा 6 महीने यानी 180 दिन के अंदर वयस्क (तैयार) हो जायेगा.

देसी बकरी कितने महीने में बच्चा देती है?

यदि बकरी सही समय पर गर्भधारण करती है। तो बकरी 6 से 7 महीने में बच्चों को जन्म देती है।

देसी बकरी कहां से खरीदें?

ऑनलाइन पोर्टल्स: आप विभिन्न ऑनलाइन पशु खरीदने के पोर्टल्स पर भी देसी बकरियों को खरीद सकते हैं। इन पोर्टल्स पर बकरियों की प्रजाति, उम्र, और अन्य जानकारी दी जाती है, जिससे आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बकरियों का चयन कर सकते हैं।

बकरी पलकों से: आप बकरी पालक से सीधे मिलकर भी देसी बकरीयों को खरीद सकते हैं। बकरी पालक के साथ बातचीत करके आप उनसे बकरियों को खरीद सकते हैं।

देसी बकरी कितना दूध देती है?

ज्यादातर देसी बकरियां 1 लीटर से 2 लीटर तक दूध देती है। यदि आप उनके आहार में गेहूं का दलिया, मक्का, चना, जौ आदि शामिल करते हैं, तो इससे बकरी का दूध में बढ़ोतरी होगी।

Conclusion – देसी बकरी पालन की जानकारी

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको देसी बकरी के बारे में डिटेल में जानकारी दी है।

आप हमें कमेंट करके बताएं कि आप कौन सी नस्ल की बकरी का पालन करते हो।

अगर आपकी कोई राय है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं

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