देसी बकरी पालन की जानकारी: देसी खेती में बकरियां सबसे आम पशुओं में से एक हैं। वे आसानी से छोटे स्थानों में रखे जाते हैं और रौगे को कुशलता से पचाने में सक्षम होते हैं। वे गर्म मौसम का सामना करने में भी सक्षम हैं और बीमारियों के प्रतिरोधी हैं।
बकरी पालन शुरू करने से पहले आपको कुछ बातें जाननी जरूरी हैं। सबसे पहले, आपको एक बकरी की नस्ल प्राप्त करने की आवश्यकता है जो आपके स्थान और जलवायु के अनुकूल हो। दूसरा, आपको बकरियों को रखने के लिए एक अच्छी जगह ढूंढनी होगी। अंत में, आपको सीखना होगा कि बकरियों का प्रबंधन कैसे करें, उन्हें कैसे खिलाएं और बीमारियों के लिए उनका इलाज करें।
देसी बकरी पालन की जानकारी | Desi bakri palan ki jankari
Desi bakri palan ki jankari: अगर आप बकरी पालन व्यवसाय करना चाहते हैं तो आप देसी बकरी के छोटे बच्चे जिनकी आयु 1 वर्ष पूर्ण हो चुकी हो उनको खरीद कर पाल सकते है क्योंकि उनके मरने की आशंका कम होती है अगर आप मार्केट से एक बड़ी बकरी खरीदेंगे तो उसका मूल्य 10,000 होगा जबकि आप वही ₹10000 में 5 तो बकरीया खरीद लेंगे बकरी के साथ 1 बकरा प्रजनन के लिए अवश्य रखना चाहिए जिससे इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सके।
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देसी बकरियों की प्रमुख नस्लें और कहां पाई जाती है? | Breeds of Desi Goats
देसी बकरी और बकरी की तुलना में थोड़ी छोटी होती है इनका रंग काला और थोड़ा भूरा होता है इन्हें दुध व मांस के लिए पाला जाता है और यह बकरी दक्षिण पश्चिमी एशिया व पूर्वी यूरोप की जंगली प्रजाति है जब इन्हें घर पर लाकर पालने लगे तो धीरे-धीरे यह बकरिया पूरे विश्व में पालतू बन गई।
ब्लैक बंगाल (Black Bengal)
ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियां पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम, उत्तरी ओडिशा के इलाकों में पाई जाती हैं। इनके शरीर पर काले, भूरे और सफेद छोटे बाल होते हैं। इनका आकार कद में छोटा होता है और वजन में 18-20 किलो तक हो सकता है।
मार्केट में ब्लैक बंगाल बकरियों की कीमत 3 हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक होती है।
जमुनापारी (Jamunapari)
भारत में पाई जाने वाली अन्य नस्लों की बकरियों की तुलना में जमुनापारी नस्ल की बकरियों की लंबाई सबसे अधिक होती है। यह उत्तर प्रदेश की गंगा, यमुना और चंबल नदियों से घिरे क्षेत्रों में पाया जाता है।
जमुनापारी बकरी की कीमत 6 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक होती है।
गद्दी (Gaddi)
गद्दी बकरी हिमाचल प्रदेश में पायी जाती है। कांगड़ा कुल्लू घाटी को इसका मूल निवास स्थान माना जाता है। इसके कान 8.10 सेंटीमीटर लंबे होते हैं, जबकि सींग काफी नुकीले होते हैं।
बीटल (Beetel)
पंजाब में बीटल बकरियों को अधिक पाला जाता है। पंजाब से सटे पाकिस्तान के इलाकों में भी इसकी अच्छी लोकप्रियता है। इसके भूरे रंग पर सफेद धब्बे या काले रंग पर सफेद धब्बे होते हैं। जिससे इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है।
भारतीय बाजार में बीटल बकरी की कीमत 5 हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक होती है।
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देसी बकरी की कीमत | Desi goat price
देसी बकरी का पालन मांस और दूध उत्पादन के लिए किया जाता है। देसी बकरे की कीमत (Barbari goat price) 7 से 18 हजार रुपए तक होती है। हालांकि यह कीमत उसके स्वस्थ और वजन पर भी निर्भर करती है।
देसी बकरी का कीमत 10000 से 12000 रुपए होती है फिर भी इनका मूल्य इनके वजन के आधार पर तय किया जाता है इनका वजन बढ़ाने के लिए मक्के की खल, बाजरा, काली उड़द की खल, गेहूं की भूसी दिन में एक बार अवश्य देना चाहिए जिससे इनके शरीर का वजन जल्दी से बढे और बेचते समय अच्छा मूल्य में बिके।
देसी बकरी की विशेषताएं | Characteristics of desi goat
देसी बकरी और बकरी की तुलना में थोड़ी छोटी होती है इनका रंग काला, सफेद और थोड़ा भूरा होता है लेकिन ज्यादातर यह काले रंग की होती है। और इनके शरीर का आकार छोटा होता है नर बकरे का वजन 15 से 18 किलो ग्राम तक होता है जबकि मादा बकरी का वजन 12 से 15 किलो ग्राम तक होता है नर और मादा दोनों के सिंग 3-4 इंच पीछे की ओर निकले होते हैं। देसी बकरी को दुध व मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है।
इसके अलावा देसी बकरी के कुछ अन्य विशेषताएं नीचे दी गई है-
- देसी बकरी के शरीर में छोटे-छोटे बाल होते हैं।
- इसका रंग सफेद के साथ भूरा या भूरे रंग के साथ सफेद रंग के छोटे-छोटे धब्बे होते हैं।
- इसके सींग पीछे की ओर मुड़े हुए लगभग 8 से 10 इंच के होते हैं।
- देसी के कान छोटे और सीधे होते हैं।
- इस नस्ल की किसी-किसी बकरे में दाढ़ी भी होती है।
- देसी नस्ल का आकार छोटा, मध्यम और शरीर गठीला होता है।
- देसी बकरियां 9 से 10 माह में तैयार हो जाती हैं।
- इन बकरियों को किसी भी जलवायु में पाल सकते हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य बकरियों से अच्छी होती है।
- देसी बकरी एक दिन में 1 से 1.5 लीटर दूध दे सकती है।
- देसी बकरी छोटे और गठीला आकार की होती है।
- अन्य बकरियों की तुलना में छोटी और कम ऊंचाई वाली होती है।
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देसी बकरी कहां से खरीदें? | where to buy desi goat
बकरी पालन व्यवसाय की मुख्य वस्तु बकरी है, इसके लिए आपको बकरी खरीदनी होगी।
आपको अपने नजदीकी फार्म से बकरियां खरीदनी चाहिए क्योंकि किसी अन्य राज्य से बकरियां खरीदना, जब तक कि थोक आवश्यकता न हो, परिवहन लागत लगाकर बहुत महंगा हो सकता है।
देसी बकरी कितना दूध देती है?
हेलो दोस्तों आज मैं आपको बताऊंगा कि देसी बकरी पालने से क्या लाभ होता है देसी बकरी के नाम जैसे- जमुनापुरी, बरबरी यह एक दिन में 1 लीटर से 3.5 लीटर तक दूध देती है जबकि विदेशी नस्लें सानेन और दमस्कस प्रतिदिन 4 से 6 लीटर दूध देती है।
100 ग्राम बकरी के दूध में लगभग 3.7 ग्राम प्रोटीन, 4.7 ग्राम लैक्टोज, 0.8 ग्राम खनिज, 10 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल और 100 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। अगर लोग बकरी के दूध से पनीर बनाते हैं तो वे अपना एक अलग व्यवसाय खड़ा कर सकते हैं।
देसी बकरी को क्या खिलाना चाहिए?
यदि आपके पास देसी बकरियों को चराने के लिए कोई खेत है, तो आपको उनके खाने के लिए चारे की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर आप बकरियों के लिए घर में ही पूरा इंतजाम करते हैं तो आपको हरी घास, दूब, आम के पत्ते, महुआ के पत्ते, खेतों से निकाली हुई फसल और अरहर, सरसों, चने की भूसी, गेहूं के भूसे, ये सब चारे के रूप में बकरी को खिला सकते है।
इसके अलावा देसी बकरी को हरे दूब घास, शहतूत के पत्ते, कटीली झाड़ियां और चारे के साथ मक्का की खली, जो, बाजरा, गेहूं की भूसी थोड़ी अनाज की मात्रा भी देना चाहिए जिससे बकरियां शारीरिक कमजोरी से बची रहें।
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देसी बकरी कितने महीने में बच्चा देती है?
अगर आप व्यवसाय रूप में बकरी पालन करना चाहते हैं तो आप देसी बकरी को पाल सकते हैं क्योंकि यह देसी बकरी 5 महीने मैं बच्चे देने के लिए तैयार हो जाती है और यह एक बार में 2 बच्चे को जन्म देती है बकरी के बच्चे को मां का दूध सुबह-शाम पर्याप्त मात्रा में देना चाहिए और इनको शीतकालीन के समय इनके नीचे पर पराल या भुसी बिछा देना चाहिए जिससे यह ठंड से बच रहे हैं।
देसी बकरी का फोटो | Photo of desi goat
Conclusion – देसी बकरी पालन की जानकारी
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको देसी बकरी के बारे में डिटेल में जानकारी दी है।
आप हमें कमेंट करके बताएं कि आप कौन सी नस्ल की बकरी का पालन करते हो।
अगर आपकी कोई राय है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं
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