भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी

भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी: भारत में बकरी पालन का व्यवसाय अभी तेजी से बढ़ रहा है। यह एक ऐसा व्यवसाय है, जो कम लागत में अधिक मुनाफा देता है। गरीब वर्ग के लोगों के लिए बकरी पालन का व्यवसाय आय का मुख्य साधन भी बनता जा रहा है।

इस आर्टिकल में हम आपको भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी की नस्लों के बारे में पूरी जानकारी देंगे। अगर आप बकरी पालन का व्यवसाय दूध उत्पादन के लिए कर रहे हैं, तो आपके लिए यह आर्टिकल बहुत खास होने वाला है। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़ें।

भारत में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाली बकरी की नस्लें

दुनिया में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी की नस्ल सानेन बकरी है। आज, ये बकरियां दुनिया भर में पाई जाती हैं, लेकिन उनका सबसे अधिक प्रजनन और पालन यूरोप, उत्तरी अमेरिका, और ऑस्ट्रेलिया में होता है। भारत में, सानेन बकरी का प्रजनन और पालन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और पंजाब राज्यों में किया जाता है। इन राज्यों में, सानेन बकरी को स्थानीय नस्लों के साथ क्रॉस-ब्रीड करके दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह बकरी प्रतिदिन औसतन 10 से 12 किलो दूध देती है। कुछ बकरियां तो प्रतिदिन 15 किलो तक दूध देती हैं।

भारत में सानेन बकरी के अलावा अन्य कुछ दूध देने वाली बकरी की नस्लें भी हैं, जिनमें सिरोही बकरी, जाफराबादी बकरी, जमुनापारी बकरी, और टोगरा बकरी शामिल हैं। इन बकरियों का दूध भी बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है।

भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी की नस्लें निम्नलिखित हैं:

Bharat mein sabse Jyada dudh utpadan Karne Wale Bakre ki naslen

जखराना बकरी (Jakhrana Goat)

जखराना बकरी की नस्ल दूध उत्पादन देने में सभी राज्यों में अव्वल है। जखराना बकरी का पालन हरियाणा राज्य के निकट जिलों के गांव में किया जाता है। यह बकरी प्रतिदिन 2.5 से 3 लीटर तक दूध देती है। इसी कारण से अन्य राज्यों के बकरीपालक भी जखराना बकरी का पालन करने लगे। ताकि दूध उत्पादन से अच्छा लाभ कमाया जा सके। जखराना बकरी की नस्ल पूर्वी राजस्थान और उत्तरी – पश्चिमी के अर्द्ध शुष्क एवं शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। यह बकरी मुख्य रूप से राजस्थान के अलवर जिले के जखराना गांव से हैं। यहीं से इस बकरी का नाम जखराना रखा गया है। इस नस्ल की बकरियों का आकार बड़ा, शरीर का रंग काला और कान व मुंह पर सफेद धब्बे होते हैं। जखराना नस्ल की बकरियों को मुख्य रूप से दूध उत्पादन और बकरों को मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है।

जखराना बकरी = प्रतिदिन दूध

औसत: 2-3 लीटर
अधिकतम: 5 लीटर

जमुनापारी बकरी (Jamnapari Goat)

जमुनापारी बकरी भारत की सबसे प्रसिद्ध डेयरी बकरी की नस्ल है। यह नस्ल उत्तर प्रदेश में जमुना नदी के किनारे विकसित हुई है। जमुनापारी बकरियां आमतौर पर गहरे भूरे रंग की होती हैं और उनके लंबे, पतले सींग होते हैं। ये बकरियां दूध उत्पादन के लिए बहुत अच्छी होती हैं और प्रतिदिन औसतन 2-3 लीटर दूध देती हैं।

जमुनापारी बकरी = प्रतिदिन दूध

औसत: 2-3 लीटर
अधिकतम: 5 लीटर

बरबरी बकरी (Barbari Goat)

बरबरी बकरी एक मध्यम आकार की बकरी है जो उत्तरी अफ्रीका और दक्षिण पश्चिम एशिया की मूल निवासी है। यह एक बहुमुखी नस्ल है जिसे दूध, मांस और खाल के लिए पाला जाता है। बरबरी बकरियां आमतौर पर गहरे भूरे या काले रंग की होती हैं और उनके सींग छोटे, सीधे होते हैं। बरबरी बकरी का वजन 25 से 35 किलोग्राम और बकरे का वजन 35 से 45 किलोग्राम होता है। ये बकरियां दूध उत्पादन के लिए अच्छी होती हैं और प्रतिदिन औसतन 1-2 लीटर दूध देती हैं। दूध का स्वाद हल्का और खुशबूदार होता है. बरबरी बकरियाँ मांस के लिए भी अच्छी होती हैं। इनका मांस आमतौर पर नरम और स्वादिष्ट होता है। बरबरी बकरियां एक अच्छी तरह से अनुकूलित नस्ल हैं जो विभिन्न प्रकार की जलवायु और आवासों में रह सकती हैं। वे स्वस्थ और रोग प्रतिरोधी भी हैं।

बरबरी बकरी = प्रतिदिन दूध

औसत: 1-2 लीटर
अधिकतम: 3 लीटर

बीटल बकरी (Beetal Goat)

Beetal Bakri की नस्ल पंजाब के गुरदासपुर, फिरोजाबाद और अमृतसर के क्षेत्रों में पाली जाती हैं। बकरी का पालन मांस और दूध दोनों के लिए किया जाता है। बीटल बकरी 12 से 18 महीने के बीच में पहली बार बच्चे को जन्म देते हैं। बीटल बकरी अन्य बकरियों की तुलना में बड़ी और लंबी होते हैं। इसका रंग मुख्य रूप से काला होता है, कुछ बकरियों में सफेद और भूरा रंग भी पाया जाता है। बीटल नर बकरी का वजन 50 से 70 किलोग्राम और मादा बकरी का वजन 40 से 60 किलोग्राम तक होता है। बीटल बकरी एक दिन में 1.5 से 4 लीटर तक दूध देते हैं। भारत में बीटल बकरी की कीमत 9,000 से लेकर 25,000 रुपए तक होती है।

बीटल = प्रतिदिन दूध

औसत: 2-3 लीटर
अधिकतम: 5 लीटर

सिरोही बकरी (Sirohi Goat)

सिरोही बकरी भारत की एक और प्रसिद्ध डेयरी बकरी की नस्ल है। इस नस्ल का विकास राजस्थान के सिरोही जिले में हुआ है। सिरोही बकरियां आमतौर पर गहरे भूरे या काले रंग की होती हैं और उनके सींग छोटे, घुमावदार होते हैं। ये बकरियां दूध उत्पादन के लिए बहुत अच्छी होती हैं और प्रतिदिन औसतन 2-3 लीटर दूध देती हैं। सिरोही बकरी का दूध उच्च गुणवत्ता वाला होता है और इसमें वसा और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इस दूध का उपयोग दही, पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है। सिरोही बकरियां एक अच्छी तरह से अनुकूलित नस्ल है जो विभिन्न प्रकार की जलवायु और आवास में रह सकती है। वे स्वस्थ और रोग प्रतिरोधी भी हैं। सिरोही बकरियों को दूध के अलावा उनके मांस के लिए भी पाला जाता है। इनका मांस आमतौर पर नरम और स्वादिष्ट होता है।

सिरोही बकरी = प्रतिदिन दूध

औसत: 2-3 लीटर
अधिकतम: 5 लीटर

ब्लैक बंगाल बकरी (Black Bengal Goat)

ब्लैक बंगाल बकरी को दक्षिण और पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, मेघालय, त्रिपुरा और असम में पाला जाता है। यह बकरी छोटे पैरों वाली काले रंग की होती है, जिसके शरीर पर छोटे चमकदार बाल होते हैं। इस नस्ल को मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। इस नस्ल के नर बकरे का वजन करीब 18-20 किलो और मादा बकरी का वजन 15-18 किलो होता है। ब्लैक बंगाल बकरियों के दूध उत्पादन की बात करें तो यह बकरी 3 से 4 महीने तक प्रतिदिन 300 से 400 मिली दूध का उत्पादन कर सकती है।

ब्लैक बंगाल बकरी = प्रतिदिन दूध

औसत: 2-3 लीटर
अधिकतम: 5 लीटर

ओस्मानाबादी बकरी (Osmanabadi goat)

इस नस्ल की बकरियां महाराष्ट्र के उस्मानाबाद, अहमद नगर, परभणी और सोलापुर जिलों में पाली जाती हैं। इस नस्ल को विशेष रूप से मांस के लिए पाला जाता है, काले रंग की यह बकरी साल में दो बार बच्चों को जन्म देती है। उस्मानाबाद बकरियां आकार में मध्यम से थोड़ी बड़ी होती हैं, और कोट का रंग भिन्न होता है, लेकिन अधिकांश उस्मानाबादी बकरियां काली कोट वाली होती हैं। हालांकि इस पर सफेद, भूरा या धब्बेदार रंग भी देखे जा सकते हैं। इसके कान और टांगें आकार में लंबी होती हैं और यह बकरी दिखने में भी बेहद खूबसूरत दिखती है। अन्य बकरियों की तुलना में इस बकरी का गर्भकाल 5 माह का होता है तथा यह लगभग 4 माह के दुग्धकाल में 0.5 से 1.5 लीटर दूध देती है।

ओस्मानाबादी बकरी = प्रतिदिन दूध

औसत: 2-3 लीटर
अधिकतम: 4 लीटर

सबसे ज्यादा दूध से वाली बकरी की सूची:

बकरी की नस्लप्रतिदिन दूध
जमुनापारी4 – 5 लीटर
सिरोही2 – 3 लीटर
जाफराबादी2 – 3 लीटर
सानेन10 – 12 लीटर
बीटल1.5 – 2 लीटर
ब्लैक बंगाल1 – 2 लीटर
ओस्मानाबादी1 – 2 लीटर
बरबरी बकरी1- 3 लीटर

इन बकरियों की दूध देने की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि उन्हें कितनी अच्छी तरह से खिलाया जाता है और उनकी देखभाल की जाती है। यदि इन बकरियों को अच्छी गुणवत्ता का चारा, दाना और पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जाए, तो वे अधिक दूध दे सकती हैं।

12 लीटर दूध देने वाली बकरी

12 लीटर दूध देने वाली बकरी एक दुर्लभ नस्ल की बकरी है। दुनिया में बकरियों की कुछ ही नस्लें हैं जो इतना दूध देती हैं। इनमें से कुछ नस्लों में शामिल हैं:

  • सानेन: बकरी की यह नस्ल स्विट्जरलैंड की है। इसे दुनिया में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी की नस्ल माना जाता है। एक सानेन बकरी प्रतिदिन औसतन 10 से 12 लीटर दूध दे सकती है।
  • टोगेनबर्ग: बकरी की यह नस्ल भी स्विट्जरलैंड की है। यह एक और अधिक दूध देने वाली बकरी की नस्ल है। एक टोगेनबर्ग बकरी प्रतिदिन औसतन 7 से 8 लीटर दूध दे सकती है।
  • जमुनापारी: बकरी की यह नस्ल भारत की है। यह भारत में सबसे अधिक दूध देने वाली बकरी की नस्ल मानी जाती है। एक जमुनापारी बकरी प्रतिदिन औसतन 4 से 5 लीटर दूध दे सकती है।

हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक औसत है। एक बकरी की दूध पैदा करने की क्षमता उसकी उम्र, स्वास्थ्य, आहार और पर्यावरण सहित कई कारकों पर निर्भर करती है।

12 लीटर दूध देने वाली बकरी बहुत मूल्यवान संपत्ति हो सकती है। इससे एक किसान को प्रतिदिन हजारों रुपये की आय हो सकती है। हालाँकि, ऐसी बकरी को पालने के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

इन बकरियों को उच्च गुणवत्ता वाला चारा एवं दाना दिया जाना चाहिए। और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए नियमित टीकाकरण और कृमिनाशक दवा भी दिया जाना चाहिए।

निष्कर्ष/ Conclusion

आजके इस आर्टिकल में हमने आपको भारत में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाली बकरियों के बारे में डिटेल में जानकारी दें।

आप हमें कमेंट करके बताएं कि आप किस नस्ल की बकरी का पालन करना चाहते हैं? अगर आप बकरी पालन से संबंधित कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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