बरबरी बकरी (barbari bakri palan): भैंस और गाय पालन बहुत महंगा हो सकता है। ऐसे में अगर इन जानवरों की ठीक से देखभाल नहीं की गई तो आगे दूध देना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में अक्सर बकरी पालन एक बहुत ही अच्छा सौदा होता है। फिर भी बकरी पालन का सबसे बड़ा दोष यह है कि बकरियों को चराना महत्वपूर्ण है।
वहीं आज के समय में बकरियों के चरने के लिए बहुत कम जगह बची है. यदि आप बकरी की रक्षा करने के बारे में भी सोच रहे हैं और बकरी चराने की परेशानी से बचना चाहते हैं, तो बकरी की बरबरी नस्ल के साथ तालमेल बिठाना सबसे अच्छा है। बकरी की इस नस्ल को भैंस और गाय जैसी एक ही जगह पर बांधकर ही पाला जा सकता है। तो आइए जानते हैं बरबरी नस्ल के बकरे के पालन-पोषण के बारे में।
बरबरी बकरी की पहचान कैसे करें? (Identification of Barbari Goat)
यदि आप बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं, तो आप निश्चित रूप से बरबरी प्रजाति के बकरी पालन करके अच्छी आय कर सकते हैं। बरबरी बकरी आकार में छोटी और पतली होती है। बकरी की इस नस्ल को भारत के एक विशाल क्षेत्र में पाला जाता है। जिसके दौरान भारत के कुछ राज्यों जैसे पंजाब हरियाणा, उत्तर प्रदेश बिहार और सिंध और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इस नस्ल की बकरी मौजूद हो सकती है।
यह बकरी न सिर्फ एक दिन में एक किलो दूध देती है, बल्कि इसका मांस और भी स्वादिष्ट होता है। इस बकरी को कम कीमत पर और कहीं भी पाला जा सकता है। उनका रखरखाव काफी सरल हो सकता है। इसके मांस के अलावा वहाँ और बकरीद में एक उत्कृष्ट मूल्य मिलेगा। मवेशी पशुपालकों को इसका अच्छा खर्चा मिलता है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर भोजीपुरा प्रखंड के मो. शारुण खान पिछले कुछ सालों से बरबरी बकरी पालन कर रहे हैं।
इसके अलावा इन बकरियों में बीमारी का खतरा बहुत कम होता है। उन्हें चराई के लिए बाहर नहीं ले जाना चाहिए। वे 12 महीने में बाजार के लिए तैयार हो जाती है । ये बकरियां अलग-अलग बकरियों की तुलना में अधिक चुस्त होती है।
अगर किसी को बकरी पालन शुरू करना है तो वह शिक्षण ले सकता है। अमूमन मथुरा स्थित केंद्रीय बकरी मूल्यांकन संस्थान में परसिकसन दिया जाता है। शिक्षण लखनऊ स्थित द बकरी परसेप्शन द्वारा किया जा सकता है और इस नस्ल की बकरियां यहां से खरीदी जा सकती हैं।
यदि आप बरबरी बकरी को पूरे शेड में ऊपर उठाना चाहते हैं, तो आप इसे एलिवेटेड प्लास्टिक फ्लोरिंग विधि से भी ऊंचा कर सकते हैं। बरबरी नस्ल की बकरियां पूरी तरह से अलग-अलग बड़ी नस्लों की तुलना में शरीर और कद में छोटी होती हैं, इसलिए उनकी कीमत पूरी तरह से अलग बकरियों की तुलना में बहुत कम होती है।
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बरबरी बकरी की जानकारी
बकरी की नस्ल | बरबरी बकरी (Barbari Goat) |
बरबरी बकरी का दूसरा नाम | बारी,साईं बारी |
बरबरी बकरी पालन उद्देश्य | दूध और मांस उत्पादन |
बरबरी बकरी के शरीर का आकार | मध्यम आकार तथा छोटे कद |
बरबरी बकरी का रंग | सफेद और भूरा तथा भूरे रंग के साथ सफेद रंग के छोटे-छोटे धब्बे |
बरबरी बकरी का वजन | नर बकरी का वजन 38 किलोग्राम और मादा बकरी का वजन 25 किलोग्राम |
बरबरी बकरी की लंबाई | नर बकरी की लंबाई 71 से.मी. और मादा बकरी की लंबाई 56 से.मी. |
बरबरी बकरी के गर्भकाल की लंबाई | 145 से 150 दिनों तक |
बरबरी बकरी कितने बच्चे देती है? | 3 से 5 बच्चे |
बरबरी बकरी जुड़वा बच्चे देती है? | Yes |
बरबरी बकरी की प्रतिदिन दूध देने की क्षमता | 1 से 1.5 लीटर तक |
बरबरी बकरी की दूध देने की अवधि | 140 दिनों तक |
बरबरी बकरी की औसत उम्र | 15 साल |
बरबरी बकरी की कीमत | 10000 से 15000 रुपये |
बरबरी बकरी की कहां पाई जाती है? | पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के ऐटा, मैनपुरी, इटावा, आगरा, मथुरा जिलों में |
बरबरी बकरी की विशेषताएं (Characteristics of Barbary Goat)
बरबरी बकरी एक मध्यम आकार की बकरी है जो चोटी में 25 इंच और आकार में 30 इंच तक पहुंच सकती है। बरबरी बकरी हिरण की तरह दिखाई देती है, इसकी छाया भूरे धब्बों के साथ सफेद और आमतौर पर सफेद धब्बों के साथ भूरी होती है।
इसके कान छोटे और सीधे होते हैं। शुद्ध नस्ल की बकरी की आंखें भूरी छाया में होती हैं। बरबरी बकरी में विशिष्ट लक्षण होते हैं। यह मध्यम आयाम की एक कॉम्पैक्ट काया के साथ एक बहुत छोटा जानवर है। वे सतर्क और आकर्षक हैं।
और उभरी हुई आंखें, उनकी सुंदर कक्षीय हड्डी के के कारण एक दम सीधा फिगर उनके कान छोटे ट्यूबलर डबल होते हैं, प्रवेश द्वार के भीतर खुलने वाले सीधे, ऊपर और बाहर की ओर होते हैं। बकरे की बड़ी मोटी दाढ़ी है। प्रत्येक के हिरण की तरह झुके हुए सींग होते हैं, जो ऊपर और पीछे की ओर होते हैं और आकार में मध्यम होते हैं।
हालांकि सामान्य रूप से सफेद छोटे हल्के भूरे रंग के पैच के साथ सबसे आम छाया है। आम तौर पर, एक वयस्क बारबरी का वजन लगभग 37.85 किलोग्राम होता है और इसका वजन लगभग 22.56 किलोग्राम होता है। इसमें विभिन्न प्रकार के कोट रंग होते हैं, हालांकि छोटे हल्के भूरे रंग के पैच वाले सफेद रंग सबसे आम हैं। प्रति दिन सामान्य दूध देने के अनुपात 1 से 2 किलोग्राम है।
- बरबरी बकरियां 9 से 10 महीने में तैयार हो जाती हैं।
- इन बकरियों को किसी भी मौसम/जलवायु में पाला जा सकता है।
- अन्य बकरियों की तुलना में इन बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है।
- बरबरी बकरियां एक दिन में 1 से 1.5 लीटर तक दूध दे सकती हैं।
- बरबरी बकरियों का मांस स्वादिष्ट होता है।
- बरबरी बकरियां आकर में छोटी और गठीली होती हैं।
- ये बकरियां अन्य बकरियों की तुलना में छोटी और कम ऊंचाई वाली होती है।
बरबरी बकरी की कीमत (Barbari Goat Price)
बरबरी नस्ल की बकरियां विभिन्न विशाल नस्लों की तुलना में काया और कद में छोटी होती हैं, इसलिए विभिन्न बकरियों की तुलना में उनका मूल्य बहुत कम होता है।
एक वयस्क बकरी, जिसका वजन 25 किलो से 30 किलो के बीच है, की कीमत 8 से ₹10000 प्रति पीस मिल सकती है। और एक वयस्क बकरे की कीमत जिसका वजन 30 से 35 किलो के बीच होता है, आराम से 12 से 15000 के बीच पाया जा सकता है।
बहुत से किसान दोस्त जो बरबरी नस्ल की बकरियों को पालते हैं, वे प्रति पीस बेचने की जगह प्रति किलो बेचना पसंद करते हैं, जिसकी कीमत आपको ₹300 से 350 रुपये प्रति किलो मिल जाएगी।
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बरबरी बकरी कहा से ख़रीदे (Barbari Bakri Kaha se Kharide)
बरबरी बकरी वैसे तो आमतौर पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्तान, बिहार तथा पाकिस्तान में भी इस नस्ल की बकरी पाई जाती है। लेकिन इनमें से 2 ही ऐसे जगह है। जहा पर बरबरी बकरी अच्छी किस्म की मिल जाती है पहले राजस्तान दूसरा उत्तर प्रदेश
बकरी को खरीदने के लिए आप निम्नलिखित स्थानों पर जा सकते हैं:
आप स्थानीय मार्केट में जा कर बकरियों को खरीद सकते हैं। यह आसान तरीका है और आपको अपने बजट के अनुसार बकरी खरीदने का विकल्प देता है।
आप इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार की बकरियों की वेबसाइटों पर जा सकते हैं और वहां से ऑनलाइन बकरी खरीद सकते हैं। यह आपको विस्तृत विकल्प देगा और आप अपने बजट और जरूरतों के अनुसार अच्छी गुणवत्ता की बकरी चुन सकते हैं।
आप अपने जिले में या निकटवर्ती गांवों में स्थानीय बकरी पालकों से भी संपर्क कर सकते हैं और उनसे बकरी खरीद सकते हैं। जब आप बकरी खरीदते हैं, तो सुनिश्चित करें कि वह स्वस्थ और उचित वैक्सीनेशन किए गए हैं।
बरबरी बकरी के फायदे
- इस नस्ल की बकरियां कुछ महीने में ही परिपक्व हो जाती है। यह बकरी 15 से 16 महीनों में पहली बार बच्चा देती है।
- इस बकरी का पालन ज्यादातर मांस और दूध उत्पादन के लिए किया जाता है।
- बरबरी बकरियों में जुड़वा बच्चे पैदा करने की क्षमता अन्य बकरियों से अधिक होती है।
- इस नस्ल की बकरियों को स्टॉल फीडिंग सिस्टम पर आसानी से ढाला जा सकता है।
- बकरी बकरियां किसी भी वातावरण में आसानी से रह सकती है।
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बरबरी बकरी की फोटो
बकरी बकरी से संबंधित प्रश्न
Q. बरबरी बकरी 1 साल में कितने बच्चे देती है?
Ans. बरबरी बकरी की प्रजनन क्षमता अच्छी होती हैं। इस नस्ल की बकरी साल में दो बार बच्चों को जन्म देती है। और एक बार में 2 से 5 बच्चों को पैदा करती है इससे बकरी पालन में बकरियों की संख्या बहुत जल्दी बढ़ती है।
Q. बरबरी नस्ल की बकरी कितना दूध देती है?
Ans. बरबरी नस्ल की बकरी एक दिन में 1 से 1.5 लीटर दूध देती है। अगर इसे सही से खानपान दिया जाए तो यह 1.5 से 2 लीटर तक दूध दे सकती है। इस नस्ल की बकरियां एक ब्यात में 140 दिनों तक दूध देती है।
Q बरबरी बकरी का वजन कितना होता है?
Ans. बरबरी नर बकरी का वजन 35 से 38 किलो और मादा बकरी का वजन 23 से 25 किलोग्राम का होता है। इस नस्ल की बकरी की प्रजनन क्षमता काफी अच्छी होती है, जो साल में दो बार बच्चों को जन्म देती हैं।