बकरी पालन की जानकारी (Goat Farming in Hindi): भारत में बकरी पालन व्यवसाय बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अगर आप भी बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हो तो आपको बकरी पालन के लाभ और हानि के बारे में पता होना चाहिए। बकरी पालन का मुख्य लाभ दूध एवं मांस उत्पादन, बाजार की उच्च मांग, और बकरी की अन्य प्रकार की नस्लो की उपलब्धता है।
आज हम आपको इस आर्टिकल में बकरी पालन कैसे करें (bakri palan ka tarika), बकरी पालन के लाभ और नुकसान के बारे में डिटेल में जानकारी देंगे। इसके अलावा बकरी पालन से होने वाली कमाई के बारे में भी हम बात करने वाले है। बकरी पालन करने से पहले आपको उनसे होने वाला लाभ और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए।
बकरी पालन कैसे करें (bakri palan ka tarika)
किसानों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही रहता है कि बकरी पालन कैसे करें? बकरी पालन की विधि क्या है?
सबसे पहले बकरी पालन की मूल बातें जान लें, ताकि बकरी पालन में अधिक मुनाफा कमा सके। इससे आपको बड़े पैमाने पर बकरी पालन की योजना शुरू करने में मदद मिलेगी। बकरी पालन (goat farming) में शुरू से रणनीति बनाकर काम करें। इससे बकरी पालन बिजनेस में नुकसान कम होगा।
बकरी की नस्ल का चयन
सबसे पहले, पशुपालक को यह तय करना आवश्यक है कि किस प्रकार की बकरियों को चुना जाए। नस्ल के चयन में पशुपालक को सबसे पहले देशी बकरियों का चयन करना चाहिए। कुछ प्रशिक्षण के बाद वे अपने बजट और जलवायु के अनुसार सर्वोत्तम नस्ल का चयन कर सकते हैं।
बकरियों के लिए शेड का निर्माण
बकरी पालन के लिए जमीन और शेड का चुनाव करना बहुत जरूरी है, क्योंकि बकरियों को ऊंची और साफ-सुथरी जगह पसंद होती है। इसके लिए आपको ऊंची जमीन और शेड का चुनाव करना होगा। बकरी पालन में अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती है। आपको शेड के निर्माण को वैज्ञानिक तरीके से डिजाइन करना होगा।
बकरियों का आहार और देखभाल
इन सबके अलावा आपको खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना होगा। एक स्वस्थ आहार आपकी बकरी को स्वस्थ बनाता है। बाजार से खरीदा हुआ खाना आपके लिए महंगा हो सकता है। इसलिए आप घर पर ही बकरियों के लिए चारे का उत्पादन कर सकते हैं।
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बकरी पालन के लाभ (Benefits Of Goat Farming)
- बकरियां अन्य पालतू जानवरों की तुलना में छोटी जानवर है। इसलिए बकरियों को पालने के लिए कम जगह की आवश्यकता होती है।
- बकरियां छोटे जानवर होने के कारण उन्हें कम चारा की आवश्यकता होती है। भारत में बकरी की ऐसी कई नस्ले है जो कम गुणवत्ता वाले फीड पर भी पाली जा सकती है।
- बकरी पालन व्यवसाय बहुउद्देशीय उपयोग के लिए भी किया जाता है। आमतौर पर बकरियों का पालन मांस और दूध उत्पादन के लिए किया जाता है।
- बकरी की ज्यादातर नस्लें कम प्रबंधन और ध्यान की मांग करती है। जिससे बकरियों की देखभाल करना बहुत आसान है। तथा इनकी देखभाल बच्चे और महिलाएं भी कर सकती है।
- कुछ बकरियों की नस्लें मांस उत्पादन के लिए लोकप्रिय है, तो कुछ बकरियां दूध उत्पादन के लिए लोकप्रिय है। जबकि अन्य नस्लें दूध और मांस उत्पादन के लिए उपयुक्त है।
- दूध एवं मास उत्पादन करने वाली बकरियों की नस्लें है। बीटल , सिरोही , बरबरी, कच्छी, गोहिलवाड़ी, मारवाड़ी, मेहसाणा, ज़ालवाड़ी, अल्पाइन और बोअर आदि।
- बकरियों के मांस और दूध की बाजारों में अत्यधिक मांग है। इसलिए आपको माल बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी। बकरी उत्पादकों पर कोई धार्मिक प्रतिबंध नहीं है।
- बकरियां अन्य जानवरों की तुलना में तेजी से विकास करती हैं। इसके अलावा बकरियां कम समय में परिपक्वता तक पहुंच जाती हैं।
- बकरी पालन स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का एक अच्छा व्यवसाय है। ज्यादातर पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए।
- बकरियां 10 से 12 महीने में बच्चे देना शुरू कर देती है। और 2 साल में 3 बार बच्चे पैदा करती है।
- बकरियां सर्दी एवं गर्मी दोनों जलवायु वाले स्थानों पर आसानी से रह सकती है।
- बकरियों के दूध में कैल्शियम की अत्याधिक मात्रा होती है जो बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है।
- बकरियों का दूध डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों में काफी फायदेमंद होता है।
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बकरी पालन के नुकसान (Disadvantages Of Goat Farming)
- अधिकांश बकरी पालक अपनी बकरियों को पारंपरिक तरीके से पालते हैं। और अधिकांश लोग ओपन यू बकरियों को सख्त निगरानी में रखते हैं, वे वर्तमान व्यवस्था के लिए नुकसानदायक है।
- कुछ लोग निर्णय लेने के बाद तुरंत बकरियों को पालना शुरू कर देते हैं। ऐसा करना सही नहीं होता है क्योंकि बकरी पालन के साथ कम अनुभव वाले नए लोगों को उच्च लागत एवं मृत्यु दर का सामना पड़ेगा। इसके अलावा कम पैसे कमाते हैं या पैसे भी खो देते हैं।
- बकरी पालन की प्रमुख कमियों में से एक यह भी है कि पूरे देश में पर्याप्त पशु चिकित्सा देखभाल की कमी है।
- भारत के कुछ क्षेत्रों में हमेशा अच्छे बाजार उपलब्ध नहीं होते हैं। जिसके कारण बकरियों तथा बकरियों का मांस एवं दूध बेचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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बकरी पालन से कमाई (Goat Farming Income)
मुर्गी पालन के बाद बकरी पालन (bakari palan) किसानों का पसंदीदा व्यवसाय बनता जा रहा है। कम लागत और अधिक लाभ के कारण पिछले कुछ वर्षों में बकरी पालन का विकास देखा जा सकता है। चूंकि पोल्ट्री फार्मिंग के लिए अधिक देखभाल और दवाओं की आवश्यकता होती है। पोल्ट्री फार्मिंग में बर्ड फ्लू जैसी कई बीमारियों का खतरा भी ज्यादा होता है। यदि बकरी पालन अच्छे से किया जाए तो बकरियों में रोग लगने की सम्भावना कम हो जाती है।
बकरी का मांस और दूध बेचकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप इसकी शुरुआत 10-20 बकरियों से करते हैं तो 2 साल के अंदर आपके पास 200 से ज्यादा बकरियां हो सकती हैं, जिससे आप लाखों की कमाई कर सकते हैं।
बकरी के दूध के फायदे
बकरी के दूध का सेवन करने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- यह कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों में उच्च है।
- यह स्वस्थ प्रोटीन का स्रोत है।
- यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत है।
- इसमें वसा और कैलोरी कम होती है।
- इसका स्वाद हल्का, मीठा होता है।
- इसे पचाना आसान होता है।
- यह एंटीऑक्सीडेंट का प्राकृतिक स्रोत है।
- यह पेट पर कोमल होता है।
- यह विटामिन बी का अच्छा स्रोत है।
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निष्कर्ष/ Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बकरी पालन कैसे करें (bakri palan ka tarika), बकरी पालन के लाभ और नुकसान के बारे में बताया है। और बकरी पालन से होने वाली कमाई के बारे में भी जानकारी दी है।
आप हमें कमेंट करके बताएं कि आपको बकरी पालन में लाभ हुआ या नुकसान।
अगर आपकी हमारे इस आर्टिकल में कोई राय है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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