बकरी पालन कैसे करें? कम लागत, में अधिक मुनाफा

बकरी पालन एक बढ़ता हुआ और लाभदायक पशुपालन व्यवसाय है। जिसे कोई भी व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार छोटे या बड़े पैमाने पर फार्म बनाकर बहुत कम निवेश के साथ शुरू कर सकता है। जो व्यक्ति बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं उन्हें बकरी पालन के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए कि किस नस्ल की बकरी से यह व्यवसाय शुरू किया जाए ताकि आपको अधिक मुनाफा हो सके। इस आर्टिकल में हम आपको बकरी पालन शुरू करने के लिए स्टेप बाय स्टेप पूरी जानकारी देने जा रहे है।

गांव में बकरी पालन कैसे करें

घर पर बकरी पालन एक कम लागत और अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन का व्यवसाय अधिकतर घर पर ही किया जाता है। घर पर बकरी पालन शुरू करने से पहले आपको घर में बकरियों के लिए जगह बनानी होगी अगर आपके घर में ज्यादा जगह है। तो आप बकरियों के लिए अधिक जगह बना सकते हैं। अगर आपके घर में जगह की कमी है तो आप अपने घर के आंगन में भी बकरियां पाल सकते हैं.

या फिर आप अपने घर की छत पर भी आसानी से बकरी पाल सकते हैं. इसके अलावा आप अपने घर के सामने एक छोटी सी झोपड़ी बनाकर उसमें भी बकरी पालन शुरू कर सकते हैं.

आपको बकरी के शेड/बाड़े में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा. बकरियों समय पर चारा और पानी देना होगा. घर पर बकरियां पालना बहुत अच्छी बात है क्योंकि इससे आपके लिए बकरियों की देखभाल करना बहुत आसान हो जाता है। बकरी पालन में इस बात का विशेष ध्यान रखे की जैसे-जैसे बकरियों की संख्या बढ़ती है। वैसे वैसे आपको बकरियों की जगह भी बढ़ानी होगी।

बकरी पालन की जानकारी

भारत के ग्रामीण लोग अपने घरों और खेतों में बकरियाँ पालते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। समय-समय पर उन्हें चारा और पानी देते हैं। जब पैसों की कमी होती है तो वे एक से दो बकरियां बेच देते हैं ताकि उनकी जरूरतें पूरी हो सकें. जैसे-जैसे बकरियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती है, वह बकरियों के लिए जगह भी बढ़ाते हैं।

अगर आप घर पर बकरी पालन करना चाहते हैं तो 10 बकरियों से शुरुआत कर सकते हैं.

bakri palan kaise kare janiye in hindi me

घर में 10 बकरियां पालने के लिए जगह (जमीन) 10 से 15 गज होनी चाहिए जिसमें आप आसानी से बकरियां पाल सकते हैं। अगर आपके पास जगह की कमी है तो आप अपने घर की छत पर भी बकरी पाल सकते हैं।

10 बकरियों को पालने की लागत कई बातों पर निर्भर करती है जैसे 10 बकरियों के लिए बनाया जाने वाला शेड, बकरियों को खिलाया जाने वाला चारा, बकरियों में होने वाली बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण आदि।

किसान अधिकतर खेती के साथ-साथ बकरी पालन भी करते हैं। खेतों में बकरियां पालने से बकरियों को खेतों और जंगलों में घूमते हुए अपना भोजन आसानी से मिल जाता है और बकरियों को अलग से दाना और भूसा कम मात्रा में देना पड़ता है। इसलिए अगर आप किसान हैं तो अपने खेत में बकरी पालन व्यवसाय शुरू करें।

बकरी पालन की शुरुआत कैसे करें

अब हम आपको बकरी पालन व्यवसाय के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं कि आपको बकरी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करना चाहिए ताकि आपका व्यवसाय अच्छा चले और आपको अच्छा मुनाफा हो।

बकरी पालन शुरू करते समय आपको यह सब स्टेप फॉलो करना होगा।

1. बकरी की सही नस्ल का चयन करें

बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले आप जिस क्षेत्र में रहते हैं उस क्षेत्र की बकरी की नस्ल का चयन करें।

उदाहरण के लिए, यदि आप भारत के पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में रहते हैं, तो आप जमुनापारी, बारबरी और बीटल बकरी की नस्लों को चुन सकते हैं। इन नस्लों की बकरियों को दूध उत्पादन के लिए अधिक महत्व दिया जाता है और इनका मांस भी बेहतर होता है।

bakri ki naslo ko chune in hindi

अगर आप जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में रहते हैं तो चांगथागी, गद्दी और चेगु नस्ल की बकरियों का चयन करें। पहाड़ी इलाकों में बकरी पालन का व्यवसाय दूध और फाइबर दोनों के लिए किया जाता है।

यदि आप आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र के दक्षिणी भाग और केरल राज्यों में रहते हैं, तो आपको संगमनेरी, उस्मानाबादी और मालाबारी नस्ल की बकरियों का चयन करना चाहिए।

गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के उत्तरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सिरोही, जखराना, मारवाड़ी और मेहसाणा बकरी की नस्लें अपनानी चाहिए।

भारत के पूर्वी क्षेत्रों में पाली जाने वाली बकरियों की नस्लें ब्लैक बंगाल, असम हिल और गंजम हैं। बकरियों की इन नस्लों को अधिकतर बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए पाला जाता है।

2. बकरी की रहने की व्यवस्था करें

बकरियों के लिए शेड तैयार करें. बकरी पालने के लिए सबसे पहले अपने घर में बकरियों के रहने की व्यवस्था करें। आप बकरियों के रहने की व्यवस्था दो तरह से कर सकते हैं, या तो जमीन पर या जमीन से थोड़ा ऊपर।

2 bakri ki rahene ki vavysha kare

आप अपने बजट के अनुसार बकरियों के रहने के लिए पक्का शेड या ईंटों से बनी झोपड़ी बना सकते हैं। आप बकरियों के लिए एक छोटी सी जगह में रहने की व्यवस्था भी कर सकते हैं, जैसे अपने घर के किसी कोने में या अपने घर के आंगन में बकरियों के रहने की व्यवस्था करें। आप बकरियों के लिए आवास की व्यवस्था भी कर सकते हैं।

अगर आपके घर में जगह की कमी है तो आप अपनी छत पर बकरियों के रहने की व्यवस्था भी कर सकते हैं. बकरियों का शेड/बाड़ा बनाते समय एक बात का ध्यान रखें कि वह हवादार होना चाहिए और जमीन से थोड़ा ऊंचा रखना चाहिए ताकि बकरियों का अवशिष्ट पदार्थ जमीन पर सीधा गिरे।

बकरी शेड (बाड़ा) बनाते समय उसे ऊपर से ढककर रखें और जिस स्थान पर आप बकरियों के रहने की व्यवस्था कर रहे हैं उसके चारों ओर एक सीमा बना लें ताकि बकरियों और उसके बच्चो को कुत्तों और जंगली जानवरों से बचाया जा सके। शेड में पानी रखें ताकि प्यास लगने पर बकरियां खुद पानी पी सकें।

3. साफ सफाई का ध्यान रखें

जिस स्थान पर आप बकरियां पाल रहे हैं वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, जिससे बकरियों में बीमारी होने की संभावना बहुत कम होती है। बकरी के बाड़े की रोजाना सफाई करते रहना चाहिए, इससे बकरियों में बीमारी नहीं होती है।

बकरी के बाड़े को हमेशा ऊंचे स्थान पर बनाएं ताकि बारिश का पानी बाड़े के अंदर प्रवेश न कर सके। बाड़े से पानी निकालने की उचित व्यवस्था करें ताकि जब भी बकरी के बाड़े की सफाई हो तो बकरियों का मल, मूत्र और पानी आसानी से बाड़े से बाहर निकल सके।

4. बकरी पालन के लिए खानपान समय पर करें

अगर आप बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको बकरियों के आहार के बारे में पता होना चाहिए जैसे कि बकरियां क्या खाती हैं, बकरियों को क्या खिलाएं और बकरियों को किस समय चारा देते रहें।

bakri palan ke liye khanpan samaye par kare parbhandh

अधिकांश बकरियां खुले मैदान में चारा खाना पसंद करती हैं। बकरियों को चारे के रूप में सूखी घास, पेड़ की पत्तियाँ, दूब घास, बरसीम, अल्फाल्फा, फलियाँ, झाड़ियाँ, छोटे पौधे, सब्जियों की पत्तियाँ और दानेदार भोजन आदि खिलाया जाता है।

बकरियों को चारा देते समय इस बात का ध्यान रखें कि बकरियों को अपने भोजन में सड़ी-गली चीजें खाना पसंद नहीं करती हैं।

  • हरे चारे में: प्रोटीन, विटामिन और खनिज होते हैं जो बकरियों के लिए आवश्यक हैं।
  • सूखे चारे में: घास, पुआल और चोकर शामिल हैं। सूखा चारा बकरियों को ऊर्जा प्रदान करता है।
  • दाना में: गेहूं चोकर, चने का चूरा, मूंगफली की खली, भुट्टे का चूरा, जौ और मक्का शामिल हैं। दाना बकरियों को प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व प्रदान करता है।

बकरियों को दिन में दो बार चारा देना चाहिए, सुबह-शाम। बकरियों को हमेशा ताजा पानी ही पिलाना चाहिए।

5. मौसम के हिसाब से रखें ध्यान

भारत में बदलते मौसम के अनुसार आपको बकरियों पर बहुत ध्यान देना होगा ताकि बकरियां बीमार होने से बच सकें।इनमें से अधिकतर बीमारियाँ जलवायु परिवर्तन के कारण होती हैं। सर्दियों के मौसम में बकरियों को निमोनिया और गठिया रोग होने का खतरा अधिक होता है, जबकि बरसात के मौसम में बकरियां मुख्य रूप से गलाघोटू और चिमोकन रोगों से पीड़ित होती हैं।

5 mosam ke hisab se rakhe dhyaan

शीत ऋतु के मौसम में बकरियों का रखें ध्यान:

  1. बाड़े में बकरियों के नीचे घास फूस का प्रयोग करें।
  2. खिड़कियां तथा रोशनदान से बाड़े में आने वाली ठंडी हवाओं को रोके।
  3. बकरी के छोटे मेमनों को धूप निकलने पर 10 बजे से 2 बजे तक बाहर धूप में रखें।
  4. इस मौसम में बकरियों को चारे में खाने के लिए नीम, अरडू और खेजड़ी दें।
  5. बकरी के खूरपका और मुंहपका बीमारी के बचाव के लिए एफएमडी का टिका लगवाएं।

ग्रीष्म ऋतु के मौसम में बकरियों का रखें ध्यान:

  1. इस मौसम में बाड़े की मिट्टी बदल दें और नई सुखी मिट्टी में चूना मिलाकर डाल दें।
  2. बकरियों को पीने के लिए शुद्ध पानी दे, साथ ही बाड़े के अंदर छाया की व्यवस्था करें।
  3. इस मौसम में बकरियों को चारे में खाने के लिए नीम, शहतूत, बेरी, बबूल और पीपल आदि पेड़ों के पत्ते दें।
  4. तलाब और अन्य पानी पानी से भरे गड्ढे के पास बकरियों को चारा खाने के लिए ना जाने दे क्योंकि बकरियां घास के साथ घोंघे भी खा लेंगे जिससे बकरियां बीमार हो जाएगी।
  5. ग्रीष्म ऋतु के मौसम में बकरियां सर्वाधिक संख्या में गर्मी में आती है इसलिए कमजोर बकरियों को अधिक मात्रा में चारा व दाना दे कर सभी बकरियों को सही समय पर गाभिन कराएं।

वर्षा ऋतु के मौसम में बकरियों का रखें ध्यान:

  1. वर्षा ऋतु के मौसम में बकरियों के बाड़े को सूखे रखने और सूखे चारे की व्यवस्था अति आवश्यक है।
  2. बकरियों के बाड़े में नमी होने पर 100g प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल में भुरकाव करें।
  3. वर्षा ऋतु के समय बकरियों का बाड़ा ऊंचे स्थान पर बनाएं।
  4. वर्षा ऋतु के समय बकरियों को भीगने ना दें क्योंकि बकरियां बारिश में भीगने पर बीमार हो जाती है।इस मौसम में बकरियों को बाड़े के आसपास ही चराए।
  5. वर्षा ऋतु के समय बकरियां भीगा हुआ चारा पसंद नहीं करती इसलिए आप सूखा चारा दें।

6. बकरी बकरा प्रजनन का रखें ध्यान

यदि आप बकरी पालन करते हैं और अपनी बकरियों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं तो आपको बकरी/बकरा प्रजनन का विशेष ध्यान रखना होगा, जिससे आपकी बकरियों की संख्या में वृद्धि होगी।

कम उम्र, कमजोर शरीर और कम वजन वाली बकरियों को गाभिन नहीं कराना चाहिए क्योंकि बकरियों में असामान्य जन्म की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए उचित उम्र और स्वस्थ शरीर वाली बकरियों को गाभिन कराना चाहिए ताकि बकरियां स्वस्थ बच्चों को जन्म दें।

6 bakri bakra prajanan ka rakhe dhyaan

हिट में आई बकरियों को सही समय पर शुद्ध एवं अच्छी नस्ल के बकरे से गाभिन करायें। बकरी को गाभिन कराने का सही समय (सर्दियों में) 12 से 18 घंटे के बीच माना जाता है।

  • जमुनापारी, बीटल, जखराना और सिरोही नस्ल की बकरियां 20 से 26 महीने में पहली बार बच्चों को जन्म देती है।
  • बरबरी, मालाबारी, ब्लैक बंगाल और गंजाम नस्ल की बकरियां 12 से 15 महीने में पहली बार बच्चे को जन्म देती है।

बकरी बकरा प्रजनन के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • बकरी और बकरे की उम्र: बकरी को 8-10 महीने की उम्र में और बकरे को 12-14 महीने की उम्र में प्रजनन के लिए तैयार माना जाता है।
  • बकरी और बकरे की नस्ल: बकरी और बकरे की नस्ल एक ही होनी चाहिए या समान गुणों वाली होनी चाहिए।
  • बकरी और बकरे की शारीरिक स्थिति: बकरी और बकरे स्वस्थ और फिट होने चाहिए।
  • प्राकृतिक प्रजनन: यह सबसे आम तरीका है। इसमें बकरे को बकरी के साथ जोड़ा जाता है।
  • कृत्रिम गर्भाधान: इसमें बकरे के शुक्राणु को बकरी के गर्भाशय में डाला जाता है।

7. बकरी के मेमना ( बच्चे ) की व्यवस्था करें

बकरी पालन व्यवसाय में बकरियों की संख्या बढ़ाने के लिए बकरी के बच्चो की देखभाल करना बहुत जरूरी है क्योंकि बकरी के बच्चो से ही बकरियों की संख्या बढ़ेगी। जब बकरी के गर्भधारण के कुछ ही दिन शेष रह जाएं तो उस बकरी को घर पर ही रखकर चारे की व्यवस्था करें तथा समय-समय पर उनकी देखभाल करते रहें।

जब बकरी बच्चे को जन्म देती हैं तो उस समय आपको बकरी की मदद करनी चाहिए ताकि सभी बच्चे आसानी से बाहर आ सकें। जब बच्चे बाहर आएं तो उनकी नाक को कपड़े से साफ करना चाहिए। और बच्चे की नाल को नये ब्लेड से काटना चाहिए, काटने के तुरंत बाद डेटॉल या जी.भी.पेंट लगा देना चाहिए। इसे 5 दिनों तक दिन में 3 से 4 बार लगाएं। इतना करने के बाद बच्चे के बकरी के सामने रख दे।

7 bakri ke memne ki vyavstha kare jane kaise

बकरी के बच्चे को एक सप्ताह तक दिन में 4 से 5 बार दूध पिलाएं। 1 सप्ताह के बाद दूध पिलाने का समय दिन में दो बार कर देना चाहिए और उन्हें दाना भी देना शुरू कर देना चाहिए।

जन्म के समय बकरी बहुत भूखी होती है इसलिए आप उसे भोजन में सूखा चोकर और बांस के पत्ते खाने को दें। इसके अलावा पीने के पानी में गुड़ और नमक मिलाकर पीला दे। अगले दिन से बकरी को आहार में सभी प्रकार का राशन दिया जा सकता है.

बच्चे के रहने के स्थान पर साफ़-सफ़ाई होनी चाहिए, इससे बच्चो में बीमारियाँ नहीं होती हैं। बरसात के मौसम में बच्चो को बाड़े के अंदर ही रखना चाहिए।

8. बकरी और बकरे को बीमारियों से करें बचाव

बकरी पालने के अलावा बकरी पालक को बकरियों की बीमारियों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए ताकि समय आने पर वह उस स्थिति को संभाल सके और कम से कम नुकसान होने से बच सके।
बकरियों की बीमारी से सम्बंधित अधिक जानकारी जानने के लिए

इस आर्टिकल को पढ़े- बकरियों में होने वाले प्रमुख रोग एवं देसी

Note: एक बात का विशेष ध्यान से ध्यान रखें बीमारी बकरियों एवं मेमनों को स्वस्थ बकरियों से अलग रखें

9 समय के अनुसार बकरियों की जगह बढ़ाते रहें

अगर आप बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं तो आपको बकरियों के लिए जगह का ध्यान रखना होगा क्योंकि अगले दो साल में प्रजजन के कारण बकरियों की संख्या बढ़ जाएगी, जिसके कारण आपको बकरियों की जगह भी बढ़ानी होगी, जगह बढ़ाने से बकरियों को रहने में आसानी होगी और बकरी शेड को भी बड़ा करना होगा।

बकरी पालन का तरीका

अगर आप बकरी पालन करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि बकरी पालन कैसे किया जाता है। बकरी पालने की विधि सबसे पहले बकरियों के लिए एक शेड बना लें जिसके अंदर बकरियां आराम से रह सकें। आपको उस शेड के अंदर उनके भोजन की व्यवस्था भी करनी होगी।

ताकि भूख लगने पर बकरियां चारा खा सकें। इसके अलावा आपको शेड के अंदर पीने का स्वस्थ पानी भी रखना होगा क्योंकि चारा खाने के बाद बकरियों को बहुत प्यास लगती है। आपको सुबह और शाम को बकरियों को चराने के लिए भी बाहर ले जाना चाहिए। बकरियों को खुले में चरना अच्छा लगता है।

बकरियों के बीमारी के बारे में भी आपको पता होना चाहिए ताकि आप बकरियों को बीमार होने से बचा सकें। इसके बाद आपको बकरियों के प्रजनन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। जैसे बकरियों का प्रजनन कब कराएं। बकरी का प्रजनन हमेशा अच्छी नस्ल के बकरे से करवाना चाहिए।

बकरी पालन के लाभ

  1. बकरी के दूध, मांस और बच्चों को बेचकर अच्छी कमाई की जा सकती है।
  2. बकरी साल में दो बार दो बच्चों को जन्म देती है।
  3. एक साल में 20 बच्चों को 2 लाख रुपये तक में बेचा जा सकता है।
  4. बकरी पालन में शुरुआती लागत कम होती है और इनके आवास व प्रबंधन पर भी कम खर्च आता है।
  5. बकरी पालन के लिए केंद्र सरकार की ओर से 4 लाख रुपए तक लोन दिया जाता है।बकरी पालन से चार से पाँच महीने में आमदनी मिलनी शुरू हो जाती है।

अधिक जानकारी के लिए इसे पढ़ें बकरी पालन के फायदे और नुकसान की (संपूर्ण जानकारी)

बकरी पालन कैसे करें?

सबसे पहले बकरी पालन की महत्वपूर्ण बातों के बारे में जान लेना चाहिए, जिससे बकरी पालन में अधिक मुनाफा हो। यदि आप बड़े स्तर पर बकरी फार्म खोलना चाहते हैं तो आपको इससे बहुत मदद मिलेगी।

बकरी की नस्ल का चयन- सबसे पहले किसान या बकरी पालक को यह तय कर लेना चाहिए कि वह किस नस्ल की बकरी पालन करना चाहता है। अगर आप बकरी पालन शुरू कर रहे हैं तो आपको सबसे पहले देसी बकरियों का चयन करना चाहिए. इसके बाद आप अपने बजट और जलवायु के अनुसार अच्छी नस्ल की बकरियों का चयन कर सकते हैं।

बकरी के लिए शेड का निर्माण- बकरियों का चयन करने के बाद, आपको बकरियों को खरीदने से पहले उनके लिए शेड का निर्माण करना है। बकरियों का शेड बनाते समय आपको साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना है। शेड ऊंची जगह पर बनवाना चाहिए। बकरी पालन करने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं होती यदि आपके पास जगह नहीं है तो आप बकरियों के लिए छत पर भी शेड बना सकते हैं।

बकरियों को संतुलित आहार प्रदान करें- बकरियों को संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। जैसे- हरा चारा, सूखा चारा एवं दाना मिश्रण आदि।

कम खर्च में बकरी पालन कैसे करे

छोटे पैमाने से शुरू करें: अगर आप पहली बार बकरी पालन शुरू कर रहे हैं तो छोटे पैमाने से शुरुआत करना सबसे अच्छा है। इससे आपको लागत कम करने और बिजनेस को समझने का मौका मिलेगा।
आवश्यकता के अनुसार बकरियों की संख्या बढ़ाएँ: जैसे-जैसे आप अनुभव प्राप्त करते हैं, आप अपनी आवश्यकता के अनुसार बकरियों की संख्या बढ़ा सकते हैं।
दूसरों से मदद लें: अन्य बकरी पालकों से सलाह और समर्थन मांगने से आपको अपना व्यवसाय शुरू करने और बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

बकरी पालन में लगने वाली लागत

बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने की लागत मुख्य रूप से उन बकरियों की संख्या पर निर्भर करती है जिनके साथ आप अपना फार्म शुरू करना चाहते हैं।

बकरी पालन में ज्यादा लागत नहीं आती है. फिर भी आप इसकी शुरुआत छोटे स्तर से कर सकते हैं. इसमें आपको ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

बकरी पालन के लिए बकरियां खरीदने के लिए आपको एक बकरी के लिए 5 से 6 हजार रुपये चुकाने होंगे. इसके अनुसार, यदि आप 10 बकरियों के साथ अपना बकरी पालन व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो आपको बकरियां खरीदने के लिए लगभग 50 से 60 हजार रुपये का भुगतान करना होगा।

इसके अलावा आपको बकरी पालन के लिए एक शेड का निर्माण कराना होगा. तथा बकरियों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करनी होगी। इससे आपको करीब 50 से 60 हजार रुपये ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे.

कुल मिलाकर, आप 1 लाख रुपये में 10 बकरियों के साथ आसानी से अपना बकरी पालन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

बकरी पालन के बारे में एक बात सबसे फायदेमंद है. यदि आप अपना बकरी पालन व्यवसाय 10 बकरियों के साथ शुरू करते हैं, तो आपके पास 2 वर्षों के भीतर लगभग 100 बकरियां होंगी। इसके अलावा अगर आपके पास बजट नहीं है तो सरकार बकरी पालन के लिए लोन भी देती है. बकरी पालन लोन योजना के तहत आप लोन लेकर भी अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

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बकरी पालन से कमाई

बकरीपालक के अनुसार, 18 से 20 बकरियों पर औसतन कमाई 2,16,000 रुपये तक हो सकती है। इसके अलावा 18 से 20 बकरों पर औसतन कमाई 1.98,000 रुपये तक हो सकती है।

बकरी पालन से दो प्रकार की कमाई होती है। एक बकरी का दूध बेचकर और दूसरा बकरी बेचकर। अगर हम बात करें कि बकरी बेचकर कितनी कमाई की जा सकती है तो यह प्रति बकरी की कीमत और बेची गई बकरियों की संख्या पर निर्भर करेगा। अगर आप एक बकरी को 10-12 हजार रुपये में बेचते हैं तो आपको 10 बकरियों पर 1 लाख रुपये की कमाई होगी.

बकरी पालन व्यवसाय में मार्केटिंग

मार्केटिंग एक व्यवसाय शुरू करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर बकरी पालन की बात करें तो बकरी की खाल, मांस, दूध, ऊन और खाद के आधार पर अलग-अलग तरीके से मार्केटिंग की जा सकती है। इस बिजनेस में आप बकरों को सीधे बाजार और कत्लखाने में बेच सकते हैं और इसके अलावा आप उन्हें बकरमंडी में बेचकर पैसे कमा सकते हैं।

ईद के मौके पर बकरों की डिमांड सबसे ज्यादा होती है, इसलिए ईद से पहले पूरी तैयारी कर लें ताकि आप ज्यादा मुनाफा कमा सकें। इस तरह से आपको बिजनेस मार्केटिंग की तैयारी करनी होगी।

बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र

केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान महदूम, फराह, मथुरा (यूपी) द्वारा बकरी पालन प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है। इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बकरी पालकों को इसके प्रति जागरूक करना है। साथ ही, वे नई तकनीकों के बारे में जान सकते हैं। बकरियों को पालने के अपने प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिकों ने नई तकनीक के बारे में भी बात की।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक केंद्रीय बकरी संस्थान है, जहां बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाता है। यदि आप बकरी पालन प्रशिक्षण में भाग लेना चाहते हैं तो आप यहां संपर्क कर सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए आप इस संस्थान के फोन नंबर 0565- 2763320 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा आप संस्थान की वेबसाइट www.cirg.res.in पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए इसे पढ़ें बकरी पालन प्रशिक्षण

बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकारी सहायता

भारत सरकार बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के तहत किसानों को बकरी पालन के लिए सब्सिडी, लोन और अन्य सहायता प्रदान की जाती है।

केंद्र सरकार बकरी पालन के लिए 35% तक सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी बकरी खरीदने, चारा खरीदने और बकरी के रहने के लिए शेड बनाने के लिए दी जाती है। बकरी पालन के लिए, केंद्र सरकार की ओर से 4 लाख रुपए तक लोन दिया जाता है.

बकरी पालन शुरू करने के लिए इन बातों का विशेष ध्यान रखे

Bakri Palan Business शुरू करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, जैसे-

  • बकरियों का समय-समय पर स्नान करवाए,
  • शेड के अंदर तजा पानी रखे,
  • बकरियों के बच्चों को कुत्तों से बचाएं,
  • शेड को हमेशा साफ रखे, और इसे नियमित अंतराल पर धोते रहें।
  • बकरियों को स्वस्थ रखने के लिए उन्हें समय-समय पर टीका लगवाएं।
  • बकरियों को समय-समय पर चारे के साथ ‘एल्बेंडाजोल की गोली (Albendazole tablet)’ खिलाएं, जिससे पेट के कीड़े मर जाएं।
  • अगर बकरियां जुगाली नहीं करती हैं तो डॉक्टर से जांच करवाएं आदि।

FAQ: बकरी पालन से जुड़े सभी सवालों के जवाब

  1. बकरी पालन बिजनेस कैसे करें?

    बकरी पालन का बिजनेस करने के लिए सबसे पहले सही नस्ल का चुनाव करना जरूरी होता है. फिर इसके बाद बकरियों के लिए शेड की व्यवस्था करनी होगी और अधिक जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।

  2. बकरी पालन के लिए कितनी जगह चाहिए?

    बकरी पालन के लिए ज़रूरी जगह इस प्रकार है:
    एक वयस्क मादा बकरी के लिए 12 वर्ग फ़ीट जगह
    एक वयस्क नर बकरे के लिए 15 वर्ग फ़ीट जगह
    एक बकरी के बच्चे के लिए 8 वर्ग फ़ीट जगह

  3. बकरी पालन शुरू करने में कितना खर्चा आता है?

    बकरी पालन शुरू करने में 25 से 30 हजार रुपये का खर्च आता है. अगर आप बड़े पैमाने पर बकरी पालन करना चाहते हैं तो बकरियों के लिए रहने की जगह का निर्माण, भोजन, पानी आदि जैसे खर्चों में कम से कम 2 से 3 लाख रुपये का खर्च आ सकता है।

  4. बकरी पालन व्यवसाय किन क्षेत्रों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है?

    बकरी पालन व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

  5. बकरी पालन में दूध उत्पादन के लिए किस नस्ल को पाला जाता है?

    बकरी पालन में दूध उत्पादन के लिए सानेन, जमुनापारी, जखराना, बीटल और बरबरी नस्ल की बकरियों को पाला जाता है।

  6. बकरी पालन में मांस उत्पादन के लिए किस नस्ल को पाला जाता है?

    बकरी पालन में मांस उत्पादन के लिए ब्लैक बंगाल, बीटल, उस्मानाबादी, गुजरी, बोअर और करौली नस्ल की बकरियों को पाला जाता है।

  7. 10 बकरियों के लिए कितनी जगह चाहिए?

    10 बकरियों के लिए 100-120 वर्ग फीट यानी 10’x12′ जमीन की ज़रूरत होती है।

  8. 10 बकरियों को पालने में कितना खर्च आएगा?

    10 बकरियों को पालने में करीब 60 हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें एक बकरी खरीदने के 50 से 60 हजार रुपये और शेड बनाने का खर्च शामिल है।

  9. 10 बकरियों में कितने बकरों को रखने चाहिए?

    10 बकरियों में एक बकरा रखना चाहिए.

  10. बकरी के चारे की व्यवस्था कैसे करें?

    बकरियों को पोषण के लिए प्रतिदिन सूखा चारा एवं दाना देना चाहिए। सूखे चारे में गेहूं की भूसी, सूखी पत्तियां, धान की भूसी, उड़द मकई की भूसी या अरहर की भूसी शामिल होनी चाहिए। दाने में 57% मक्का, 20% मूंगफली की खली, 20% चोकर, 2% खनिज मिश्रण और 1% नमक होना चाहिए।

  11. क्या भारत में बकरी पालन के लिए लाइसेंस आवश्यक है?

    हाँ, भारत में बकरी पालन के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको स्थानीय पशुपालन विभाग से संपर्क करना होगा।

निष्कर्ष – बकरी पालन कैसे करें?

आज की इस पोस्ट में हमने आपको घर पर बकरी पालन कैसे करते है, आपके पास में कम जगह है तो, कम जगह में बकरी पालन कैसे करे, बकरी को पालने से लेकर उसके रख रखाव तक, दवाई, चारा इत्यादि सारी जानकारी यहाँ पर दी है, अगर आपका कोई भी सवाल हो तो आप हमसे कमेंट कर के पूछ सकते है

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