असील मुर्गा जानकारी 2023: नस्ल, पहचान, विशेषताएं, कीमत, कहां मिलेंगे

Asil Chicken or Aseel Murga: असील नस्ल की मुर्गी मुख्य रूप से दक्षिण पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में पायी जाती है। यह नस्ल लगभग पूरे भारत देश में पाई जाती है।

असील मुर्गे-मुर्गी (Aseel Murga) अपनी उच्च सहनशक्ति, झगड़ालूपन और जबरदस्त लड़ाई की गुणवत्ता के लिए जानी जाती है।असील मुर्गियां मध्यम आकार की होती हैं। देसीमुर्गियों में असील मुर्गी सबसे महंगी बिकने वाली नस्ल है। इस नस्ल के मुर्गो को ज्यादातर लड़ाई के लिए पाला जाता है। असील का अर्थ है ‘‘शुद्ध’’ अथवा ‘‘असल‘‘।

Aseel Murga

इस लेख में हम आपको असील मुर्गे-मुर्गी (Aseel Murga) के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं जैसे- सोनाली मुर्गी की नस्ल, पहचान, विशेषताएँ, कीमत, मुर्गियों का दाना और मुर्गियों में टीकाकरण आदि।

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असील मुर्गी की नस्ल | Asil Chicken Breed

असील मुर्गी भारत की एक प्राचीन नस्ल है जिसे मूल रूप से मुर्गों की लड़ाई के लिए पाला जाता है। इसके कंघे और वॉटल्स बहुत छोटे होते हैं। असील एक प्राकृतिक अंडे सेने वाली नस्ल है। इसके पंख चिकने होते हैं और शरीर से चिपके रहते हैं। असील को भारत में लड़ाकू पक्षी के रूप में विकसित किया गया है।

असिल मुर्गी-मुर्गे की कई नस्लें होती हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध “ईरान” नस्ल है। इस नस्ल का नाम इसके मूल स्थान के नाम पर रखा गया है। भारत में इस नस्ल को ईरानी कबीलों से लाया गया था।

असील नस्ल के मुर्गे का वजन 4 से 4.5 किलोग्राम तक और मुर्गी का वजन 3.2 से 3.6 किलोग्राम तक होता है। असील मुर्गी की 3 प्रमुख प्रजातियाँ हैं।

  1. मद्रास असील
  2. रज़ा असील 
  3. कुलंग असील

1. मद्रास असिल – यह प्रजाति तमिलनाडु में पायी जाती है और यहाँ इसे लड़ाकू मुर्गे (fighting fowl) के नाम से जाना जाता है। इस मुर्गे को थाईलैंड, चीन और दक्षिण एशिया में पाला गया। इसका मुख्य रंग काला, लाल, भूरा, नीला और हरा है। इस नस्ल की खासियत इसकी लंबी पूंछ है जो 60 सेमी. जिसे काटू सेवल कहते हैं।

2. रज़ा असील – ब्रिटेन द्वारा मानकीकृत यह प्रजाति, जिसका वनज 1.8 से 2.7 किलोग्राम है, जो गहरे लाल, हल्के लाल, काले, चित्तीदार लाल, जावा जैसे विभिन्न रंगों में देखा जा सकता है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में इसे रजा के नाम से जाना जाता है।

3. कुलेंग असिल – यह प्रजाति उत्तर और दक्षिण भारत तथा मद्रास में विकसित हुई। कुलेंग असिल वजनदार मुर्गी है, जिसका वजन 5-7 किलो होता है। इसका शरीर गठीला और मजबूत दिखता है।

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असील मुर्गी की जानकारी हिंदी

नामअसील मुर्गी/ Asil Chicken
कहां पाई जाती हैदक्षिणी पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आंध्रा प्रदेश में
उद्देश्यमांस उत्पादन के लिए
मुर्गी का रंगकाले, लाल मिश्रित रंग के पंख
प्रति वर्ष अंडा उत्पादन60 से 70 अंडे
अंडे की कीमत100 रुपए
अंडा उत्पादनअंडा उत्पादन के मामले में कमजोर
मुर्गे का वजन4 से 6 किलोग्राम
मुर्गी का वजन3 से 5 किलोग्राम
मुर्गी का जीवनकाल8 से 12 वर्ष
मुर्गे-मुर्गी की कीमतमुर्गे की कीमत 2500 से 3000 रुपए और मुर्गी की कीमत 1500 से 2000 रुपए

असील मुर्गी की पहचान पहचान क्या होती है

देशी और भारतीय नस्ल की असील मुर्गी पूरे देश में पायी जाती है। यह नस्ल महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में अधिक पाई जाती है। असील मुर्गी झगड़ालूपन और जबरदस्त लड़ने के गुणों से परिपूर्ण होती है, इसलिए यह अपनी रक्षा खुद करती है। आत्मरक्षा के कारण इसे घर के आसपास भी आसानी से पाला जाता है।

असील मुर्गी का शरीर सुगठित, छाती चौड़ी, सिर छोटा और चौड़ा, पूंछ छोटी, पैर मजबूत और गर्दन लम्बी होती है।

इस नस्ल की कलंगी का रंग लाल होता है।

शरीर काला, लाल, पीला है।

असील की सभी नस्लों में रेजा (हल्की लाल), टीकर (भूरी), चित्ता (काले और सफेद सिल्वर), कागर (काली), Nurie 89 (सफेद), यारकिन (काली और लाल) और पीला (सुनहरी लाल) नस्लें प्रसिद्ध हैं।

मुर्गे का वजन 4.5 किलोग्राम और मुर्गी का औसत 3.5 किलोग्राम होता है।

उसकी सीधी और मजबूत पीठ होती है।

इस नस्ल का प्रयोग मुख्य रूप से स्वादिष्ट मांस प्राप्त करने तथा अण्डे सेने के कार्य के लिए किया जाता है।ठंड से बचाव के लिए असील मुर्गी के अंडे काफी फायदेमंद माने जाते हैं. ठंड के दिनों में इनका सेवन दवा के रूप में किया जाता है। साथ ही इसके अंडों का सेवन आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है।

इसके अलावा इन मुर्गियों की अनेक पहचान है, जो इस प्रकार है-

  • असील मुर्गी के काले, लाल मिश्रित रंग के पंख होते है।
  • असील मुर्गी-मुर्गे को मुख्यत: मीट उत्पादन के लिए पाला जाता है।
  • इन मुर्गियों की अंडे देने की क्षमता बहुत कम होती है।
  • इस नस्ल की मुर्गी का मुंह लंबा और बेलनाकार होता है।
  • इनकी टांगे मजबूत, सीधे लेकिन पतले और एक दूसरे से उचित दूरी पर होते हैं।
  • असील नस्ल के मुर्गे का वजन 4 से 5 किलो और मुर्गी का वजन 3 से 4 किलो होता है।
  • इसके अलावा कोकराल (युवा मुर्गे) का औसतन वजन 3.5 से 4.5 किलो और पुलैट्स (युवा मुर्गी) का औसतन वजन 2.5 से 3.5 किलो होता है।
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असील मुर्गी की विशेषताएं | Asil chicken characteristics

  1. असील मुर्गी के पंख काले, लाल और मिश्रित रंग के होते हैं।
  2. असिल मुर्गी की गर्दन लंबी और चेहरा पतला होता है
  3. असील मुर्गी की पूंछ लंबी होती है तथा पैर सीधे और मजबूत होते हैं।
  4. असील मुर्गे की चोंच का आकार तोते की चोंच जैसा होता है।
  5. असील मुर्गी के कॉम्ब्स का रंग लाल होता है।
  6. इस नस्ल की मुर्गियां आकार में पतली और लंबी होती हैं।
  7. असील मुर्गियों का सीना चौड़ा होता है।
  8. असील मुर्गी 1 साल में 60 से 70 अंडे तक देती है।
  9. इनके अंडों का आकार छोटा और रंग हल्का भूरा होता है।
  10. असील मुर्गे का वजन 4-5 किलोग्राम और मुर्गी का वजन 3-4 किलोग्राम होता है।
  11. इस नस्ल की मुर्गियों को बहुत कम बीमारी होती है।
  12. असील मुर्गा और मुर्गी 5 से 6 महीने में तैयार हो जाती है।

असील मुर्गी की कीमत | Aseel chicken price

असील मुर्गी की कीमत 1500 से 2000 रुपए और मुर्गे की कीमत 2500 से 3000 रुपए के बीच में होती है। इन मुर्गियों की कीमत हर राज्य में कम-ज्यादा हो सकती है।

Aseel Murga price

Aseel Murga chicks price: असील मुर्गे के चूजों की कीमत सामान्य मुर्गियों की कीमत से काफी ज्यादा होती है, इस वजह से इस प्रजाति की मुर्गियों के एक साल में अंडे देने की संख्या बहुत कम होती है. 1 महीने के बच्चे बाजार में 1000 से 2500 रुपए प्रति पीस में मिल जाते हैं।

Aseel Chicken Price Per Kg: असील मुर्गी की कीमत 400 रुपए Par Kg होती है, यानी 1 किलो असील मुर्गी की कीमत 400 रुपए है।

Aseel Chicken Price in India: भारत में असील मुर्गे-मुर्गी की कीमत 1500 से 3000 रुपए तक होती है।

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असील मुर्गी कितने अंडे देती है | Aseel Chicken Egg Production

असील मुर्गियां 7 से 9 महीने में अंडे देना शुरू कर देती हैं। और एक साल में 60 से 70 अंडे ही देती हैं। लेकिन इनके अंडे की कीमत समान्य मुर्गियों के अंडे के मुकाबले काफी ज्यादा होती है।

असील मुर्गी के एक अंडे की कीमत: असील की मुर्गी और मुर्गे को अधिकतर मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। इस नस्ल की मुर्गियां अंडा उत्पादन के मामले में कमजोर मानी जाती हैं। इनकी क्षमता सालाना 60 से 70 अंडे ही देने की होती है। हालांकि, उनके अंडों की कीमत बहुत ज्यादा होती है। आम तौर पर आपको एक अंडा 6 से 10 रुपए में मिल जाता था। वहीं, असील मुर्गी का एक अंडा 100 रुपए में खरीदा जाता है। और इनकी कीमत में उतार-चढ़ाव बना रहता है।

नस्लअंडे प्रति वर्षअंडे का रंगकीमत
Aseel Chicken60 से 70हल्का भूरा100 रुपए

असील मुर्गियों का दाना | Aseel chicken feed

असील मुर्गी-मुर्गे खुद से बाहर कीट पतंगे, दीमक, चींटी इत्यादि खाकर अपना पेट भर लेती है। परंतु आप असील मुर्गे को खुद से दाना तैयार कर के खिला सकते हैं। खुद से दाना तैयार करने के लिए आपको बाजरा, गेहूं, चावल, मकई दर्रा, सरसों की खरी मिक्स करके तैयार कर सकते हैं। या फिर मार्केट में मिलने वाली पोल्ट्री दाना भी खिला सकते हैं।

पानी: असील मुर्गी के चूजों के पहले पानी में 1/4 कप चीनी और 1 चम्मच टेरामाइसिन/गैलन और दूसरे पानी में 1 चम्मच टेरामाइसिन और उसके बाद सामान्य पानी देना चाहिए। हर चार चूजों को एक चौथाई पानी पिलाएं। पानी ताजा और साफ होना चाहिए।

असील मुर्गियों में होनी वाली बीमारियां

  • मारेक्स
  • रानीखेत
  • गुमबोरो
  • चिकन पॉक्स
  • र्ब्ड फ्लू
  • पंजों का कमज़ोर होना

इन बीमारियों से मुर्गी को कैसे बचाएं इसके बारे में नीचे जानकारी दी गई है-

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असील मुर्गियों में टीकाकरण | Vaccination

मुर्गी चूजों के अच्छे विकास के लिए अद्यतन टीकाकरण भी आवश्यक है। मुर्गियों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक कुछ मुख्य टीके और दवाएं निम्नलिखित हैं।

  • जब मुर्गी का बच्चा एक दिन का हो जाए तो उसे मारेक्स बीमारी से बचाने के लिए एचवीटी (HVT) का टीका लगवाएं। इस टीके का असर 18 महीने तक रहेगा।
  • जब चूजा 4 से 7 दिन का हो जाए तो उसे रानीखेत रोग से बचाने के लिए आरडी/RD वैक्सीनेशन (एफ1 स्ट्रेन) का टीका लगवाएं। इस टीके का असर 2 से 4 महीने तक रहेगा।
  • जब मुर्गी का बच्चा 18 से 21 दिन का हो तो उसे गुमबोरो बीमारी से बचाने के लिए IBD का टीका लगवाएं।
  • जब चूजा 4 से 5 सप्ताह का हो जाए तो उसे रानीखेत रोग से बचाने के लिए आरडी (एफ1 स्ट्रेन) का टीका लगवाएं।
  • जब मुर्गी 6 से 8 सप्ताह की हो जाए तो उसे रानीखेत रोग से बचाने के लिए आरडी (F2B स्ट्रेन) का टीका लगवाएं। चूजों को 0.5 ml दवा दी जाती है।
  • जब मुर्गी 8-10 सप्ताह की हो जाती है तो उसे चिकन पॉक्स रोग से बचाने के लिए चिकन पॉक्स का टीका लगवाएं।

असील मुर्गी के बच्चे कहां मिलेंगे

असील मुर्गी के चूज़े आमतौर पर बड़े पोल्ट्री किसानों से उपलब्ध होते हैं। यदि आप किसी पशु विक्रेता से चूज़े खरीदना चाहते हैं, तो आपको स्थानीय पशु बाजार या पशु विक्रेता से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा आप इंटरनेट पर असील मुर्गी के चूजों को भी खरीद सकते हैं। लेकिन, यदि आप इंटरनेट पर खरीदारी करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप एक विश्वसनीय और समझदार विक्रेता से खरीदारी करें।

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FAQs – असील मुर्गी पालन | Aseel Murgi Palan

  1. असील मुर्गे की पहचान कैसे करें?

    असील मुर्गे का मुंह लंबा और बेलनाकार होता है जो कि पंखों, घनी आंखों, लंबी गर्दन और छोटी पूंछ के साथ नहीं होता। उनके पास मजबूत और सीधी टांगे होती हैं। इस नस्ल के मुर्गे का वजन 4-5 किलो और मुर्गी का वजन 3-4 किलो होता है।

  2. असील मुर्गी साल में कितने अंडे देती है?

    असील मुर्गियां एक साल में केवल 60 से 70 अंडे ही देती है. जिस कारण से इसके अंडे की कीमत भी काफी अधिक होती है. बाजार में एक अंडे की कीमत 100 रुपए है।

  3. असील मुर्गे को क्या खिलाना चाहिए?

    असील मुर्गे को डेक्सामेथासोन, बीटा-मेथासोन इंजेक्शन और प्रेडनिसोलोन की गोलियां खिलाई जाती हैं। ये दवाएं आसानी से बाजारों में मिल जाती हैं और मुर्गों पर इनका असर बहुत तेजी से होता है। इन नशीले पदार्थों का नशा इतना तेज होता है कि लड़ते-लड़ते गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी मुर्गा मैदान नहीं छोड़ता।

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